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डीडवाना में बन रहा भारत का पहला रेलवे हाई स्पीड टेस्टिंग ट्रैक, 820 करोड़ रुपए आएगी निर्माण लागत

डीडवाना जिले के नावां शहर से देश का पहला रेलवे हाई स्पीड टेस्टिंग ट्रैक बनाया जा रहा है. इसकी लंबाई 64 किलोमीटर होगी.

HIGH SPEED RAILWAY TRACK
रेलवे हाई स्पीड टेस्टिंग ट्रैक (Photo ETV Bharat Kuchamancity)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 11, 2024, 3:39 PM IST

कुचामनसिटी: डीडवाना कुचामन जिले के नावां शहर में देश के पहले रेलवे हाई स्पीड टेस्टिंग ट्रैक का निर्माण जारी है. इस टेस्टिंग ट्रैक के निर्माण पर करीब 820 करोड़ खर्च होंगे. इसका 95 फीसदी काम पूरा हो चुका है और बाकी काम भी अंतिम चरण में है. यह ट्रैक बनने के बाद यहां हाई स्पीड ट्रेनों की रफ्तार का ट्रायल किया जाएगा.

उत्तर पश्चिम रेलवे के चीफ पीआरओ कैप्शन शशि किरण ने बताया कि यह फास्ट ट्रैक नावां शहर से गुजर रहा है. अनुसंधान संगठन रिसर्च एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) के पर्यवेक्षण में इस ट्रैक का निर्माण किया जा रहा है. यह ट्रैक गुढ़ा और ठठाना, मीठड़ी के बीच बिछाया जा रहा है. इस ट्रैक की कुल लंबाई 64 किलोमीटर होगी, जिसमें से पहले फेज का निर्माण लगभग 25 किलोमीटर का होगा. इस चरण में मेजर ब्रिज का निर्माण 95 फीसदी पूरा हो चुका है. इसके अलावा ट्रैक में 34 छोटे बड़े ब्रिजों का भी निर्माण करवाया जा रहा है. इस रेलवे ट्रैक में 23 किलोमीटर लंबी मुख्य लाइन होगी, जिसमें से गुढ़ा में हाई स्पीड ट्रैक का 13 किलोमीटर लंबा लूप होगा, जबकि नावां में 3 किलोमीटर का क्विक टेस्टिंग लूप और मिठड़ी में 20 किलोमीटर का कर्व टेस्टिंग लूप होगा.

रेलवे हाई स्पीड टेस्टिंग ट्रैक (ETV Bharat Kuchamancity)

पढ़ें: भारत के पहले हाई-स्पीड ट्रैक का 90 फीसदी काम पूरा, 220 किमी प्रति घंटा की स्पीड से ट्रेनों की रफ्तार का होगा ट्रायल

उन्होंने बताया कि इस ट्रैक पर 220 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन दौड़ाई जा सकेगी. रेलवे के ZRUCC सदस्य शंकरलाल परसावत ने बताया कि अभी तक का सबसे लंबा टेस्ट ट्रैक बन रहा है. इस ट्रैक पर भारत में चलने वाली हाई स्पीड ट्रेनों के साथ ही वंदे भारत, राजस्थानी, शताब्दी, सुपरफास्ट और एक्सप्रेस ट्रेनों के साथ ही मालगाड़ियों का भी ट्रायल किया जाएगा.

कुचामनसिटी: डीडवाना कुचामन जिले के नावां शहर में देश के पहले रेलवे हाई स्पीड टेस्टिंग ट्रैक का निर्माण जारी है. इस टेस्टिंग ट्रैक के निर्माण पर करीब 820 करोड़ खर्च होंगे. इसका 95 फीसदी काम पूरा हो चुका है और बाकी काम भी अंतिम चरण में है. यह ट्रैक बनने के बाद यहां हाई स्पीड ट्रेनों की रफ्तार का ट्रायल किया जाएगा.

उत्तर पश्चिम रेलवे के चीफ पीआरओ कैप्शन शशि किरण ने बताया कि यह फास्ट ट्रैक नावां शहर से गुजर रहा है. अनुसंधान संगठन रिसर्च एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) के पर्यवेक्षण में इस ट्रैक का निर्माण किया जा रहा है. यह ट्रैक गुढ़ा और ठठाना, मीठड़ी के बीच बिछाया जा रहा है. इस ट्रैक की कुल लंबाई 64 किलोमीटर होगी, जिसमें से पहले फेज का निर्माण लगभग 25 किलोमीटर का होगा. इस चरण में मेजर ब्रिज का निर्माण 95 फीसदी पूरा हो चुका है. इसके अलावा ट्रैक में 34 छोटे बड़े ब्रिजों का भी निर्माण करवाया जा रहा है. इस रेलवे ट्रैक में 23 किलोमीटर लंबी मुख्य लाइन होगी, जिसमें से गुढ़ा में हाई स्पीड ट्रैक का 13 किलोमीटर लंबा लूप होगा, जबकि नावां में 3 किलोमीटर का क्विक टेस्टिंग लूप और मिठड़ी में 20 किलोमीटर का कर्व टेस्टिंग लूप होगा.

रेलवे हाई स्पीड टेस्टिंग ट्रैक (ETV Bharat Kuchamancity)

पढ़ें: भारत के पहले हाई-स्पीड ट्रैक का 90 फीसदी काम पूरा, 220 किमी प्रति घंटा की स्पीड से ट्रेनों की रफ्तार का होगा ट्रायल

उन्होंने बताया कि इस ट्रैक पर 220 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन दौड़ाई जा सकेगी. रेलवे के ZRUCC सदस्य शंकरलाल परसावत ने बताया कि अभी तक का सबसे लंबा टेस्ट ट्रैक बन रहा है. इस ट्रैक पर भारत में चलने वाली हाई स्पीड ट्रेनों के साथ ही वंदे भारत, राजस्थानी, शताब्दी, सुपरफास्ट और एक्सप्रेस ट्रेनों के साथ ही मालगाड़ियों का भी ट्रायल किया जाएगा.

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