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भारत के पहले एगरिप्रेनेउर समिट का सफल आयोजन, एग्री ट्रेड में हर साल कृषि वीर और कृषि भगिनी का मिलेगा सम्मान - India first Agripreneur Summit

India's first Agripreneur Summit: दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में भारत का पहला एगरिप्रेनेउर समिट का आयोजन किया गया. इसमें कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञों, उद्यमियों और नीति निर्माताओं ने भाग लिया और भारत के कृषि व्यापार पर गहन चर्चा की गई. आयोजन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के कृषि विभाग से संबंधित संगठन नैप उत्क्रांति फेडरेशन ने किया.

पहले एगरिप्रेनेउर समिट का सफल आयोजन
पहले एगरिप्रेनेउर समिट का सफल आयोजन (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 11, 2024, 8:24 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में भारत का पहला एगरिप्रेनेउर समिट सफलता पूर्वक संपन्न हुआ. प्रतिष्ठित आयोजन में देशभर के कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञों, उद्यमियों और नीति निर्माताओं ने भाग लिया और भारत के कृषि व्यापार (एग्री ट्रेड) से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर गहन चर्चा की. आयोजन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) के कृषि विभाग से संबंधित संगठन नैप उत्क्रांति फेडरेशन ने किया.

सम्मेलन में निर्णय लिया गया कि कृषि के क्षेत्र में कार्य करने वाले पुरुषों को कृषि वीर तथा महिलाओं को कृषि भगिनी की उपाधि से प्रति वर्ष सम्मानित किया जाएगा. समिट में सांसद प्रवीन खंडेलवाल सहित 28 राज्यों के 250 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए और भारतीय कृषि व्यापार को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव भी पारित किया गया.

समिट के प्रमुख बिंदु

  1. कृषि व्यापार में नवाचार और तकनीकी हस्तक्षेप.
  2. एग्री-स्टार्टअप्स के विकास के लिए संभावनाएं और निवेश के अवसर.
  3. कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकारी नीतियों और योजनाओं पर चर्चा.
  4. किसानों की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए तकनीकी उन्नति और कृषि के टिकाउ मॉडल.

इस मौके पर सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कृषि व्यापार में उद्यमिता और निवेश के बढ़ते महत्व पर जोर देते हुए कहा कि भारत के किसान और एग्रीप्रेनेउर्स वैश्विक बाजार में भारत की प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति को और मजबूत कर सकते हैं. पिछले 5 वर्षों में जैविक उर्वरक और बायोफर्टिलाइज़र का उत्पादन लगातार बढ़ा है. यही नहीं कृषि विज्ञान और टिकाऊ खेती के लिए इनका उपयोग भी बढ़ा है. कृषि निर्यात में स्थिरता आई है.

घरेलू मांग में वृद्धि की तुलना में कृषि-खाद्य उत्पादन तेजी से बढ़ा हैः हाल की विकास दर से पता चलता है कि घरेलू मांग में वृद्धि की तुलना में कृषि-खाद्य उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है और निर्यात के लिए अधिशेष की मात्रा में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है. इस तरह के आयोजन इस बात को प्रमाणित करते हैं कि हम कृषि व्यापार के क्षेत्र में प्रगतिसंगत मार्ग पर है. समिट में विभिन्न सत्रों और पैनल चर्चाओं के माध्यम से एग्री टेक्नोलॉजी, मार्केटिंग स्ट्रैटेजीज और कृषि व्यापार के उभरते रुझानों पर विशेष ध्यान दिया गया.

ये भी पढ़ें : किसानों के लिए बड़ी खबर...सरकार ने कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए उठाया कदम

कृषि क्षेत्र में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के सहयोग की आवश्यकता पर जोरः वक्ताओं ने कृषि क्षेत्र में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के सहयोग की आवश्यकता पर भी बल दिया. जिससे भारत की कृषि व्यापार क्षमता को बढ़ाया जा सके. इस समिट ने देश के एग्री-स्टार्टअप्स और कृषि व्यापार में रुचि रखने वाले उद्यमियों को एक साझा मंच प्रदान किया. जहां उन्होंने नए विचारों और अवसरों पर चर्चा की. आयोजन कृषि क्षेत्र में विकास और नवाचार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है.

ये भी पढ़ें : पीएम मोदी ने किसानों को दी बड़ी सौगात, 7 कृषि परियोजनाओं को मिली मंजूरी

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में भारत का पहला एगरिप्रेनेउर समिट सफलता पूर्वक संपन्न हुआ. प्रतिष्ठित आयोजन में देशभर के कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञों, उद्यमियों और नीति निर्माताओं ने भाग लिया और भारत के कृषि व्यापार (एग्री ट्रेड) से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर गहन चर्चा की. आयोजन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) के कृषि विभाग से संबंधित संगठन नैप उत्क्रांति फेडरेशन ने किया.

सम्मेलन में निर्णय लिया गया कि कृषि के क्षेत्र में कार्य करने वाले पुरुषों को कृषि वीर तथा महिलाओं को कृषि भगिनी की उपाधि से प्रति वर्ष सम्मानित किया जाएगा. समिट में सांसद प्रवीन खंडेलवाल सहित 28 राज्यों के 250 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए और भारतीय कृषि व्यापार को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव भी पारित किया गया.

समिट के प्रमुख बिंदु

  1. कृषि व्यापार में नवाचार और तकनीकी हस्तक्षेप.
  2. एग्री-स्टार्टअप्स के विकास के लिए संभावनाएं और निवेश के अवसर.
  3. कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकारी नीतियों और योजनाओं पर चर्चा.
  4. किसानों की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए तकनीकी उन्नति और कृषि के टिकाउ मॉडल.

इस मौके पर सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कृषि व्यापार में उद्यमिता और निवेश के बढ़ते महत्व पर जोर देते हुए कहा कि भारत के किसान और एग्रीप्रेनेउर्स वैश्विक बाजार में भारत की प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति को और मजबूत कर सकते हैं. पिछले 5 वर्षों में जैविक उर्वरक और बायोफर्टिलाइज़र का उत्पादन लगातार बढ़ा है. यही नहीं कृषि विज्ञान और टिकाऊ खेती के लिए इनका उपयोग भी बढ़ा है. कृषि निर्यात में स्थिरता आई है.

घरेलू मांग में वृद्धि की तुलना में कृषि-खाद्य उत्पादन तेजी से बढ़ा हैः हाल की विकास दर से पता चलता है कि घरेलू मांग में वृद्धि की तुलना में कृषि-खाद्य उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है और निर्यात के लिए अधिशेष की मात्रा में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है. इस तरह के आयोजन इस बात को प्रमाणित करते हैं कि हम कृषि व्यापार के क्षेत्र में प्रगतिसंगत मार्ग पर है. समिट में विभिन्न सत्रों और पैनल चर्चाओं के माध्यम से एग्री टेक्नोलॉजी, मार्केटिंग स्ट्रैटेजीज और कृषि व्यापार के उभरते रुझानों पर विशेष ध्यान दिया गया.

ये भी पढ़ें : किसानों के लिए बड़ी खबर...सरकार ने कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए उठाया कदम

कृषि क्षेत्र में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के सहयोग की आवश्यकता पर जोरः वक्ताओं ने कृषि क्षेत्र में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के सहयोग की आवश्यकता पर भी बल दिया. जिससे भारत की कृषि व्यापार क्षमता को बढ़ाया जा सके. इस समिट ने देश के एग्री-स्टार्टअप्स और कृषि व्यापार में रुचि रखने वाले उद्यमियों को एक साझा मंच प्रदान किया. जहां उन्होंने नए विचारों और अवसरों पर चर्चा की. आयोजन कृषि क्षेत्र में विकास और नवाचार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है.

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