देहरादून: उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होना है. वहीं आज 17 अप्रैल शाम को पांच बजे स्टार प्रचारकों और प्रत्याशियों का चुनावी शोर की भी खत्म हो जाएगा. वैसे तो उत्तराखंड की तमाम सीटों पर मुकाबला सीधा-सीधा कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही दिख रहा है. फिर भी दो सीटें ऐसी हैं, जहां दो निर्दलीय प्रत्याशियों ने बीजेपी और कांग्रेस की थोड़ी मुश्किल बढ़ा रखी है. इसीलिए इन दोनों सीटों पर राजनीतिक विश्लेषक मुकाबला त्रिकोणीय मान कर चल रहे हैं.
उत्तराखंड में जिन दो लोकसभा सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय मान कर चला जा रहा है, उनमें पहली सीट टिहरी गढ़वाल लोकसभा सीट है. दूसरी हरिद्वार लोकसभा सीट है. टिहरी गढ़वाल लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर बॉबी पंवार मैदान में हैं, जिन्होंने कांग्रेस और बीजेपी को अपना पूरा दमखम दिखा रखा है.
कांग्रेस-बीजेपी को टक्कर दे रहे दो निर्दलीय प्रत्याशी: वहीं दूसरी हरिद्वार लोकसभा सीट की बात करें तो यहां दमदार निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर उमेश कुमार मैदान में हैं. उमेश कुमार वर्तमान में हरिद्वार जिले की खानपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक भी हैं. राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो दोनों ही प्रत्याशी बॉबी पंवार और उमेश कुमार अपनी-अपनी सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस के समीकरण बिगाड़ सकते हैं. हालांकि दूसरी तरफ ये भी कहा जा रहा है कि इन दोनों निर्दलीय प्रत्याशियों से कांग्रेस के मुकाबले बीजेपी को ज्यादा फायदा मिलेगा.
कांग्रेस का टिकट चाहते थे उमेश कुमार?: कहा तो यहां तक जा रहा है कि उमेश कुमार ने दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकत कर हरिद्वार से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की इच्छा तक जताई थी, लेकिन कांग्रेस में उमेश कुमार को लेकर अंतर्विरोध ज्यादा था, जिसके चलते कांग्रेस ने उमेश कुमार को टिकट देना सही नहीं समझा. इसके बाद उमेश कुमार ने हरिद्वार लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन किया. हालांकि अब माना जा रहा है कि उमेश कुमार कांग्रेस के उन वोटरों में सेंधमारी कर रहे हैं, जहां कांग्रेस का अमूमन हर चुनाव में कब्जा रहा है.
हरिद्वार में कांग्रेस को ज्यादा नुकसान पहुंचाएंगे उमेश कुमार! उत्तराखंड की राजनीति को गहराई से समझने वाले जानकार की मानें तो उमेश कुमार इस चुनाव में कांग्रेस को जितना नुकसान पहुंचाएंगे उतना बीजेपी को नहीं पहुंचा पायेंगे. दूसरे शब्दों में कहे तो उमेश कुमार कांग्रेस के वोटों में ज्यादा सेंधमारी करेंगे. उमेश कुमार के चुनाव लड़ने से बीजेपी को कोई खास नुकसान होता नहीं दिख रहा है. जानकारों ने इसकी वजह भी बताई है.
जानकारों का कहना है कि उमेश कुमार हरिद्वार के ग्रामीण इलाके में ज्यादा चुनाव प्रचार कर रहे हैं. वहीं हरिद्वार के ग्रामीण इलाकों में कांग्रेस की अच्छी पकड़ है. वहीं से कांग्रेस के ज्यादातर विधायक जीतकर आते हैं. राजनीतिक विश्लेषक आदेश त्यागी का कहना कि हरिद्वार लोकसभा सीट वैसे तो कई नेताओं को हकीकत दिखा चुकी है, लेकिन 10 साल से हरिद्वार की लोकसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा है. फिर भी 2022 के विधानसभा चुनाव में हरिद्वार के अंदर मोदी का जादू ज्यादा काम नहीं कर पाया था. हरिद्वार जिले में 11 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें से बीजेपी मात्र तीन ही जीत पाई थी. वहीं कांग्रेस ने 6 सीटों पर कब्जा किया था. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हरिद्वार जिले में बीजेपी और कांग्रेस की क्या स्थिति है?
कांग्रेस के गढ़ पर फोकस: वहीं अन्य समीकरणों पर भी गौर करें तो ज्वालापुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस जीती थी. क्योंकि इसी सीट पर एससी वोटर अधिक हैं. इसके साथ ही भगवानपुर में भी यही हालात हैं. भगवानपुर से कांग्रेस की ममता राकेश विधायक हैं. इसी तरह से झबरेड़ा में भी कांग्रेस का विधायक है और पिरान कलियर में भी कांग्रेस का विधायक है. इसी के साथ मंगलौर और हरिद्वार ग्रामीण भी कांग्रेस का गढ़ है. आदेश त्यागी का कहना है कि उमेश कुमार का फोकस कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली इन्हीं सीटों पर ज्यादा है, जो कांग्रेस के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं.
कांग्रेस के वोट काटेंगे उमेश कुमार: उमेश कुमार ने पिरान कलियर में रैली कर अल्पसंख्यक समाज को साधने का प्रयास किया. इसके अलावा ज्वालापुर और भगवानपुर जैसे क्षेत्रों में उमेश कुमार एससी समाज को अपने पक्ष में लाने की कोशिश कर रहे हैं. खानपुर से वो खुद विधायक हैं. इस लिहाज से देखा जाए तो इन क्षेत्रों में उमेश को करीब तीस हजार के करीब भी वोट पड़ता है तो वो कांग्रेस का ही होगा.
बीजेपी को मिलेगा फायदा: आदेश त्यागी के अनुसार उमेश कुमार के चुनाव प्रचार को देखकर लगाता है कि उनकी लड़ाई बीजेपी के मुकाबले कांग्रेस से ज्यादा है. उमेश कुमार सोशल मीडिया पर कांग्रेस को ज्यादा लपेट रहे हैं. हालांकि उमेश ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी टारगेट किया है, लेकिन उमेश कुमार के बयान सुनने और सोशल मीडिया की पोस्ट पढ़ने के बाद ये ही लगता है कि वो कांग्रेस को बड़ा झटका देना चाहते हैं. आदेश त्यागी इस बात से भी इंकार नहीं करते हैं कि यदि हरिद्वार लोकसभा सीट पर उमेश की वजह से कांग्रेस कमजोर होती है, तो मुकाबला एक तरफा होगा और वो सीधे बीजेपी के पक्ष में जाएगा.
उमेश कुमार ने ईटीवी भारत पर रखा अपना पक्ष: उमेश कुमार की वजह से हरिद्वार लोकसभा सीट पर जिस तरह के समीकरण बनते हुए दिख रहे हैं, उस पर ईटीवी भारत ने उमेश कुमार के साथ भी खास बातचीत की. कांग्रेस और बीजेपी में से वो किसी चुनौती मानते हैं, इस सवाल पर उमेश कुमार ने कहा कि हरिद्वार सीट पर उनके सामने किसी भी तरह की चुनौती नहीं है.
उमेश कुमार का कहना है कि वो बस यही चाहते हैं कि हरिद्वार से ऐसा सांसद होना चाहिए जो दिल्ली से इशारों पर न चलता हो. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र रावत को तो उमेश कुमार ने दौड़ से बाहर ही बता दिया. उमेश कुमार ने कहा कि हरिद्वार लोकसभा सीट पर जितने भी कार्यक्रम में हुए हैं, उनमें उनकी और कांग्रेस की भीड़ में बहुत अंतर है.
क्या कांग्रेस के वोट को टारगेट कर रहे उमेश कुमार?: उमेश कुमार मुस्लिम समाज को रिझाने के लिए कभी नमाजियों के ऊपर हेलीकॉप्टर से फूल बरसाते हैं तो कभी भीमराव अंबेडकर की जयंती में कुछ अलग करते हैं, जिसे देखकर लगता है कि उमेश कुमार का फोकस कांग्रेस वोट बैक में सेंध लगाने का है.
इस सवाल के जवाब में उमेश कुमार ने कहा कि उन्होंने शिवरात्रि पर भी तमाम शिवालयों में हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए थे. रविदास जयंती पर भी इसी तरह का कार्यक्रम किया था. रही बात कांग्रेस की तो फिलहाल किसी को भी अपने आसपास नहीं देख रहे हैं. उनकी टक्कर कांग्रेस और बीजेपी दोनों से है.
उमेश कुमार ने कहा कि उन्होंने हरीश रावत के साथ-साथ त्रिवेंद्र सिंह रावत का भी राजनीतिक कैरियर खराब किया है. हालांकि उनकी किसी से कोई निजी दुश्मनी नहीं है. हरीश रावत पर कटाक्ष करते हुए उमेश कहा कि हरदा ने तो भस्मासुर बनकर कांग्रेस को खत्म कर दिया है.
हरिद्वार का जातिय समीकरण:
- धर्मनगरी हरिद्वार हिंदुओं के बड़े धार्मिक स्थल में से एक हैं.
- हरिद्वार जिले में करीब 35 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है.
- हरिद्वार जिले में करीब 11 विधानसभाएं सीटें आती है.
- हरीद्वार शहर, रानीपुर, ज्वालापुर, भगवानपुर, झबरेड़ा, पिरान कलियर, रुड़की, खानपुर मंगलौर और लक्सर में मुस्लिम वोटर बड़ी संख्या में है.
- इन सीटों पर एनआरसी और यूसीसी जैसे मुद्दों का असर देखा जा सकता है.
- 2019 के चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार हरिद्वार सीट पर करीब 18 लाख मतदाता हैं.
- जिसमें से 8 लाख 88 हजार 328 पुरुष और 7 लाख 54 हजार 545 महिला वोटर हैं.
- 2011 की जनगणना के मुताबिक यहां की आबादी 24 लाख 5 हजार 753 थी.
- यहां की लगभग 60% आबादी गांवों में रहती है, जबकि40 फीसदी जनसंख्या शहर में.
- इस इलाके में अनुसूचित जाति की संख्या 19.23 फीसदी है.
- साल 2019 बीजेपी के रमेश पोखरिलाय निशंक ने कांग्रेस के अंबरीश कुमार को हराया था.
- साल 2014 में बीजेपी के रमेश पोखरिलाय निशंक ने पूर्व सीएम हरीश रावत की पत्नी और कांग्रेस प्रत्याशी रेणुका को हराया था.
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