जयपुर : देश के 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पुलिस मुख्यालय की ओर से एक नई पहल के तौर पर राजस्थान पुलिस के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर 'पॉडकास्ट' का नवाचार शुरू किया जा रहा है. इसकी पहली कड़ी में बुधवार को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) उत्कल रंजन साहू का स्वाधीनता दिवस के मौके पर प्रदेशवासियों, राजस्थान पुलिस के अधिकारियों, जवानों और उनके परिजनों के नाम शुभकामना संदेश प्रसारित किया गया. इसमें डीजीपी यूआर साहू ने इस नवाचार की जानकारी साझा की है.
अधिकारी लोगों से मुखातिब होंगे : अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस (टी एंड टी) बिपिन पांडे ने बताया कि आने वाले दिनों में राजस्थान पुलिस के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स एक्स, फेसबुक पेज और इंस्टाग्राम पर साप्ताहिक आधार पर जनता से जुड़े सरोकारों पर 'पॉडकास्ट' का प्रसारण किया जाएगा. इसमें पुलिस मुख्यालय और फील्ड के अधिकारी अलग-अलग मुद्दों पर सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों से मुखातिब होंगे. 'पॉडकास्ट' का संयोजन पुलिस मुख्यालय की टी एंड टी की देखरेख में प्रचार (जनसम्पर्क) शाखा और सोशल मीडिया टीम की ओर से किया जाएगा.
जनचेतना के लिए उपयोगी सामग्री का होगा प्रसारण : बिपिन पांडे ने बताया कि वर्तमान में राजस्थान पुलिस के सोशल मीडिया पर 11 लाख 31 हजार से अधिक फॉलोअर्स हैं. इन प्लेटफॉर्म्स पर पब्लिक अवेयरनेस के लिए नियमित तौर पर जनता से जुड़े विभिन्न विषयों पर पोस्ट तैयार कर कैंपेन चलाई जाती है. अब 'पॉडकास्ट' की इस नई पहल के माध्यम से भी जनचेतना के लिए उपयोगी सामग्री का प्रसारण होगा.
पुलिस अधिकारियों और जवानों से अपील : डीजीपी उत्कल रंजन साहू ने कहा कि प्रदेश में जनसुरक्षा और कानून-व्यवस्था के साथ, समाज में शांति, सद्भाव और आपसी भाईचारे की परम्पराओं को अक्षुण्ण बनाए रखने में राजस्थान पुलिस का अग्रणी योगदान रहा है. राजस्थान पुलिस की कर्त्तव्यपरायणता, अनुशासन और सेवाभाव पर हम सभी को नाज़ है. डीजीपी यूआर साहू ने पुलिस अधिकारियों और जवानों से अपील की है कि वे इस अवसर पर राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप प्रदेश में जनसेवा और जनसुरक्षा के ध्येय को सर्वोपरि रखते हुए आने वाले समय में और अधिक सजगता के साथ अपने कर्त्तव्यों के सतत निर्वहन का संकल्प लें.
वहीं, डीजीपी साहू ने अपने संदेश में कहा कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हम आजादी के आंदोलन में निःस्वार्थ भाव से देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले अनगिनत शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद कर उनके सम्मान में नतमस्तक हो जाते हैं. हमारे अमर शहीदों का त्याग और बलिदान हमें अपने-अपने कर्मक्षेत्र में समाज की सेवा के लिए सदैव तत्पर रहते हुए कार्य करने की प्रेरणा देता है.