धनबादः जिला की सबसे बड़े सरकारी अस्पताल शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज अस्पताल (SNMMCH) के जूनियर डॉक्टर शुक्रवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. कोलकाता की घटना के साथ-साथ उन्होंने अस्पताल में सुरक्षा की मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. इस कारण यहां की चिकित्सीय व्यवस्था चरमरा गयी है.
हालांकि केंद्रीय मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट और कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना के विरोध में 17 अगस्त (शनिवार) सुबह 06 बजे से रविवार सुबह 06 बजे तक देश भर के डॉक्टर्स कार्य बहिष्कार करने की घोषणा की थी. लेकिन धनबाद एसएनएमएमसीएच के करीब 400-500 जूनियर डॉक्टर हड़ताल के साथ ही अस्पताल के मुख्य द्वारा पर धरना दे रहें हैं.
जूनियर डोक्टर्स की हड़ताल के कारण अस्पताल की ओपीडी सेवा पूरी तरह से बाधित है. सिर्फ इमरजेंसी सेवा को बहाल रखा गया है. जूनियर डॉक्टर्स अस्पताल में मरीजों की मेडिकल सेवा देने के मामले में रीढ़ मानी जाती है. धरना दे रहीं महिला जूनियर डॉक्टर्स काफी अक्रामक नजर आई. वह हर हाल में अपनी सुरक्षा चाहती हैं. उनकी सुरक्षा के लिए जबतक कोई ठोस कदम अस्पताल प्रबंधन की ओर से नही उठाया जाता, तबतक यह हड़ताल जारी रहेगी. उनकी मांगे पूरी होने के बाद ही हड़ताल को खत्म करने बात जूनियर डॉक्टर कर रहें हैं.
हड़ताल में धरना पर बैठी महिला जूनियर डॉक्टर सृष्टि ने कहा कि हमारी सुरक्षा अस्पताल में भगवान भरोसे चल रही है. कोलकाता जैसी घटना होने के बाद हम आंदोलन पर उतरे, ऐसा हम नहीं करेंगे. ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए हम पहले से ही सजग है. हम अस्पताल प्रबंधन से अपनी सुरक्षा की मांग कर रहें हैं. अस्पताल में मरीज के साथ चार से पांच एटेंडेट घुस जाते हैं, मना करने पर वह बदतमीजी पर उतर जाते हैं, मारपीट की नौबत तक आ जाती है. हमारे मेल जूनियर डॉक्टर्स हमारी सुरक्षा करेंगे या फिर मरीजों का इलाज. हमारे माता-पिता और परिवार के लोग यहां से काफी दूर रहते हैं. कोलकाता में हुई घटना के बाद हमारे परिजन भी डरे सहमे हैं. वह हर दिन फोन करके हमारा हालचाल लेते हैं. जब तक हमें सुरक्षा की गारंटी अस्पताल प्रबंधन नहीं देती तबतक यह हड़ताल जारी रहेगा.
वहीं एसएनएमएमसीएच अधीक्षक डॉ. ज्योति रंजन ने कहा कि हड़ताल के कारण ओपीडी सेवा बाधित है. इमरजेंसी सेवा चालू है, सभी एचओडी को अपने अपने विभाग को संभालने की जिम्मेदारी दी गई है. अधीक्षक मानते हैं कि जूनियर डॉक्टर्स अस्पताल के महत्वपूर्ण अंग है, इनके हड़ताल पर जाने से मेडिकल व्यवस्था चरमरा जाएगी, जल्द ही उनकी सुरक्षा पर पहल की जाएगी.
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