लखनऊ: आयकर विभाग (आईटी) ने देश के सबसे बड़े हवाला ऑपरेटरों में से एक नंदकिशोर चतुर्वेदी से जुड़ी लखनऊ में दो सौ एकड़ की टाउनशिप की अचल संपत्ति बुधवार को जब्त की. यह संपत्ति पीबीपीटी (बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम), 2016 के तहत अस्थायी रूप से जब्त किया गया है.
नंदकिशोर दो साल से अधिक समय से फरार हैं
बता दें कि नंदकिशोर पुष्पक बुलियन फर्म से संबंधित मुंबई में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच के दायरे में आने के बाद दो साल से अधिक समय से फरार हैं. जांच में सामने आया है कि नंद किशोर महाराष्ट्र के ठाकरे के परिवार का पैसा अलग-अलग रियल स्टेट कंपनियों में लगवाता था.
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई और इनकम टैक्स हवाला मामले में मथुरा निवासी नंद किशोर की तलाश में जुटी है. नंदकिशोर चतुर्वेदी हवाला ऑपरेटर है और इसके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर भी जारी किया गया था. हाल ही में आयकर विभाग ने दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, लखनऊ, वाराणसी, जौनपुर आदि शहरों में पिनटेल, अमरावती, एक्सेला के 50 से ज्यादा ठिकानों पर छापे मारे थे.
ठाकरे परिवार से संबंध होने का चला था पता
इस दौरान सामने आया था कि नंदकिशोर यूपी में कुछ रियल स्टेट कंपनियों के साथ मिल कर 200 एकड़ की टाउनशिप की बना रहे हैं. दरअसल, महाराष्ट्र में हवाला ऑपरेटर्स की जांच के दौरान एजेंसियों के सामने नंदकिशोर का नाम सामने आया. जांच में उसका ठाकरे परिवार से संबंध होने का पता चला था. जब आयकर विभाग ने पड़ताल शुरू की तो पिंटेल इंफ्राकॉन एलएलपी फर्म का नाम सामने आया, जिसमें रोहित सहाय, रवि पांडेय, नंदकिशोर चतुर्वेदी पार्टनर हैं.
सूत्रों के अनुसार महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे वर्ष 2014 से 2019 तक कोमो स्टाक एंड प्रॉपर्टीज कंपनी के डायरेक्टर थे. 28 मार्च, 2020 में नंदकिशोर इस कंपनी का डायरेक्टर बन गया. बाद में नंदकिशोर ने 10 अन्य कंपनियां खोलीं थी.