नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का स्तर खराब श्रेणी में पहुंच सकता है. इसको देखते हुए केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के पहले चरण को 15 अक्टूबर से लागू करने का निर्णय लिया है. इसके तहत विभिन्न पाबंदियां लगाई गई हैं. साथ ही लोगों से प्रदूषण की रोकथाम के लिए कई अपील की गई है.
वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग ने 17 सितंबर 2024 को जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रैप) लागू करने का निर्णय लिया था. 14 अक्टूबर 2024 को आयोजित एक उप-समिति की बैठक में क्षेत्र की वायु गुणवत्ता स्थिति और मौसम की भविष्यवाणियों की समीक्षा की गई. पिछले 24 घंटों में वायु गुणवत्ता में अचानक गिरावट दर्ज की गई है, जिससे दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) पुअर श्रेणी में पहुंच गया है. उप-समिति ने निर्णय लिया है कि ग्रैप के चरण-1 के तहत पुअर वायु गुणवत्ता के लिए सभी संबंधित एजेंसियों द्वारा आवश्यक कार्रवाई 15 अक्टूबर 2024 से लागू की जाएगी.
ये हैं पाबंदियां और निर्देश
- निर्माण और विध्वंस गतिविधियों में धूल प्रबंधन के लिए दिशा-निर्देशों का उचित कार्यान्वयन सुनिश्चित करें.
- ऐसे परियोजनाओं में निर्माण और विध्वंस गतिविधियों की अनुमति न दें, जो 500 वर्ग मीटर या उससे अधिक के प्लॉट पर हैं और जिनका पंजीकरण नहीं हुआ है.
- नियमित रूप से नगरपालिका ठोस अपशिष्ट और निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट को समर्पित डंप साइटों से उठाएं.
- सड़कों पर यांत्रिक स्वीपिंग और पानी छिड़काव करें.
- एंटी-स्मॉग गन्स का प्रयोग बढ़ाएं और सड़क निर्माण गतिविधियों में धूल नियंत्रण के उपायों को सख्ती से लागू करें.
- बायोमास और नगरपालिका ठोस अपशिष्ट के खुले जलाने पर कड़ी निगरानी रखें.
- भारी ट्रैफिक वाले स्थानों पर ट्रैफिक पुलिस की तैनाती करें.
- वाहनों के लिए पीयूसी मानकों की सख्ती से निगरानी करें.
- जन जागरुकता के लिए मोबाइल ऐप्स और सोशल मीडिया का उपयोग करें.
- नागरिकों से अनुरोध किया गया है कि वे ग्रैप के उपायों को प्रभावी ढंग से लागू करने में सहायता करें.
- लोग अपने वाहनों का उचित रख-रखाव करें, जैसे इंजन सही समय पर ट्यून करना और पुराने वाहनों का उपयोग न करना.