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उदयपुर : दूषित पानी पीने से 4 लोगों की मौत, कलेक्टर और विधायक ने लिया जायजा - Drinking contaminated water - DRINKING CONTAMINATED WATER

उदयपुर के पोपल्टी गांव में दूषित पानी पीने से 4 लोगों की मौत हो गई, जबकि दो दर्जन से ज्यादा लोग घायल है. जिला कलेक्टर पोसवाल और विधायक मीणा ने घटनास्थल पर पहुंच कर जानकारी ली. कलेक्टर ने विभागीय जांच व मुआवजे का आश्वासन दिया है.

DRINKING CONTAMINATED WATER
दूषित पानी पीने से मौत (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 22, 2024, 7:07 AM IST

उदयपुर. जिले में दूषित पानी पीने से चार लोगों की मौत का मामला सामने आया है. जबकि दो दर्जन से ज्यादा लोग अस्पताल में भर्ती है. चिकित्सा विभाग और प्रशासन घटना के बाद अलर्ट मोड पर नजर आ रहा है. मामला नाई ग्राम पंचायत के पोपल्टी गांव का है, जहां दूषित पानी पीने से दो बच्चों सहित चार लोगों की मौत हो गई. लोगों के बीमार होने की सूचना पर जिला कलेक्टर अरविन्द पोसवाल और उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा रविवार को मौके पर पहुंचे.

कलेक्टर और विधायक ने ली जानकारी : जिला कलेक्टर पोसवाल और विधायक मीणा ने घटनास्थल पर पहुंच कर जानकारी ली. पीड़ित परिवारों को ढांढस बंधाया. साथ ही अस्पताल पहुंच कर बीमार लोगों की कुशलक्षेम पूछी. सीएचसी नाई में भर्ती मरीजों को जिला कलेक्टर के निर्देशन पर एहतियातन एमबी अस्पताल रेफर किया गया. साथ ही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शंकर बामणिया सहित अन्य चिकित्सकों और स्टाफ से बीमारों के उपचार को लेकर जानकारी लेते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.

पनघट लगाने की घोषणा, आर्थिक सहायता भी मिलेगी : जिला कलेक्टर व विधायक ने उस स्थल का भी जायजा लिया, जहां से ग्रामीणों की ओर से पीने का पानी लिए जाने की बात कही जा रही है. विधायक ने मृतकों के परिवारजनों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराए जाने का आश्वासन दिया. साथ ही पानी के दूषित होने के कारणों का पता लगाने के लिए विभागीय जांच कराने की भी बात कही. जिला प्रशासन से ग्रामीणों की पेयजल सुविधा के लिए तत्काल पानी के टेंकर और कैम्पर्स की व्यवस्था करने को कहा है. साथ ही विधायक मीणा ने पीने के पानी की स्थाई व्यवस्था के लिए पनघट लगाने की घोषणा की है.

इसे भी पढ़ें : छाछ पीने से दादी और पोती की मौत, 4 लोग अस्पताल में भर्ती - Food poisoning

1575 लोगों की जांच, 32 बीमार मिले : सीएमएचओ डॉ. शंकर एच बामनिया ने बताया कि डिप्टी सीएमएचओ डॉ. अंकित जैन, बीसीएमओ डॉ. पृथ्वीराज ज़िंगर के नेतृत्व में पोपल्टी में 5 मेडिकल टीमें लगातार सर्वे कर रही है. दो दिन के दरमियान कुल 1575 लोगों की जांच की गई. इनमें से 32 लोगों को पेट दर्द और उल्टी-दस्त की शिकायत थी. इनमें से 13 बच्चे और 15 वयस्क मरीजों को सीएचसी नाई में उपचार के बाद जिला कलेक्टर के निर्देश पर एहतियातन एमबी अस्पताल रेफर किया गया है. सामान्य लक्षण वाले रोगियों को सब सेंटर पर स्थापित मेडिकल कैम्प में डॉ. हरीश गुर्जर और सीएचसी नाई में डॉ. मीठालाल मीणा के नेतृत्व में उपचार किया गया. मौक पर 108 की दो बेस एम्बुलेंस के साथ एक एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए लगाई गई है.

नमूने जांच के लिए भेजे : सीएमएचओ डॉ. बामनिया ने बताया कि पेट दर्द और उल्टी-दस्त की शिकायत से शनिवार को दो बच्चों सहित तीन लोगों की मृत्यु हुई थी. वहीं एक युवक ने शनिवार देर रात दम तोड़ दिया. मृतक का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया गया है. मृत्यु के वास्तविक कारणों का पता लगाने के लिए पानी के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया है. सर्वे टीम ने जल के अन्य स्रोत जैसे कुओं, ट्यूबवेल, पनघट का ब्लीचिंग के द्वारा शुद्धीकरण किया. जिस जल स्त्रोत का पानी पीने से लोग बीमार हुए उसे अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है.

उदयपुर. जिले में दूषित पानी पीने से चार लोगों की मौत का मामला सामने आया है. जबकि दो दर्जन से ज्यादा लोग अस्पताल में भर्ती है. चिकित्सा विभाग और प्रशासन घटना के बाद अलर्ट मोड पर नजर आ रहा है. मामला नाई ग्राम पंचायत के पोपल्टी गांव का है, जहां दूषित पानी पीने से दो बच्चों सहित चार लोगों की मौत हो गई. लोगों के बीमार होने की सूचना पर जिला कलेक्टर अरविन्द पोसवाल और उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा रविवार को मौके पर पहुंचे.

कलेक्टर और विधायक ने ली जानकारी : जिला कलेक्टर पोसवाल और विधायक मीणा ने घटनास्थल पर पहुंच कर जानकारी ली. पीड़ित परिवारों को ढांढस बंधाया. साथ ही अस्पताल पहुंच कर बीमार लोगों की कुशलक्षेम पूछी. सीएचसी नाई में भर्ती मरीजों को जिला कलेक्टर के निर्देशन पर एहतियातन एमबी अस्पताल रेफर किया गया. साथ ही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शंकर बामणिया सहित अन्य चिकित्सकों और स्टाफ से बीमारों के उपचार को लेकर जानकारी लेते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.

पनघट लगाने की घोषणा, आर्थिक सहायता भी मिलेगी : जिला कलेक्टर व विधायक ने उस स्थल का भी जायजा लिया, जहां से ग्रामीणों की ओर से पीने का पानी लिए जाने की बात कही जा रही है. विधायक ने मृतकों के परिवारजनों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराए जाने का आश्वासन दिया. साथ ही पानी के दूषित होने के कारणों का पता लगाने के लिए विभागीय जांच कराने की भी बात कही. जिला प्रशासन से ग्रामीणों की पेयजल सुविधा के लिए तत्काल पानी के टेंकर और कैम्पर्स की व्यवस्था करने को कहा है. साथ ही विधायक मीणा ने पीने के पानी की स्थाई व्यवस्था के लिए पनघट लगाने की घोषणा की है.

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1575 लोगों की जांच, 32 बीमार मिले : सीएमएचओ डॉ. शंकर एच बामनिया ने बताया कि डिप्टी सीएमएचओ डॉ. अंकित जैन, बीसीएमओ डॉ. पृथ्वीराज ज़िंगर के नेतृत्व में पोपल्टी में 5 मेडिकल टीमें लगातार सर्वे कर रही है. दो दिन के दरमियान कुल 1575 लोगों की जांच की गई. इनमें से 32 लोगों को पेट दर्द और उल्टी-दस्त की शिकायत थी. इनमें से 13 बच्चे और 15 वयस्क मरीजों को सीएचसी नाई में उपचार के बाद जिला कलेक्टर के निर्देश पर एहतियातन एमबी अस्पताल रेफर किया गया है. सामान्य लक्षण वाले रोगियों को सब सेंटर पर स्थापित मेडिकल कैम्प में डॉ. हरीश गुर्जर और सीएचसी नाई में डॉ. मीठालाल मीणा के नेतृत्व में उपचार किया गया. मौक पर 108 की दो बेस एम्बुलेंस के साथ एक एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए लगाई गई है.

नमूने जांच के लिए भेजे : सीएमएचओ डॉ. बामनिया ने बताया कि पेट दर्द और उल्टी-दस्त की शिकायत से शनिवार को दो बच्चों सहित तीन लोगों की मृत्यु हुई थी. वहीं एक युवक ने शनिवार देर रात दम तोड़ दिया. मृतक का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया गया है. मृत्यु के वास्तविक कारणों का पता लगाने के लिए पानी के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया है. सर्वे टीम ने जल के अन्य स्रोत जैसे कुओं, ट्यूबवेल, पनघट का ब्लीचिंग के द्वारा शुद्धीकरण किया. जिस जल स्त्रोत का पानी पीने से लोग बीमार हुए उसे अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है.

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