चित्तौड़गढ़. कपासन में 16 मई को एक ज्वेलरी शॉप से 13 लाख के आभूषण उड़ाने के मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. यह वारदात हरियाणा की गैंग में अंजाम दी थी. पुलिस जांच के आधार पर हरियाणा पहुंची और ऑटो रिक्शा चालक के वेश में गैंग के दो सदस्यों को दबोच लिया. पूछताछ में सामने आया है कि गैंग में महिलाएं भी शामिल हैं और राजस्थान के साथ ही कई राज्यों में इस प्रकार की वारदातों को अंजाम दे चुके हैं. पुलिस ने वारदात में शामिल गैंग के अन्य सदस्यों को पकड़ने के प्रयास में जुटी है.
पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने बताया कि कपासन के पांच बत्ती चौराहा स्थित शीतल ज्वेलर्स पर चोरी की वारदात अंजाम दी गई थी. संचालक नंदलाल सिरोया दुकान पर अकेले थे. इसका बदमाशों ने फायदा उठाया और युवती सहित दो लोग दुकान में घुसे. चांदी की एक अंगूठी पसंद कर के पैसा चुका दिया. इसके बाद सोने के इयरिंग देखे और एक जोड़ी पसंद किए. इसी दौरान युवती के साथी ने ज्वैलर्स को बातों में उलझा दिया और युवती ने शो केश में रखा डिब्बा कपडों में छिपा लिया. डिब्बे में 191 ग्राम सोने के इयरिंग थे.
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ऑटो ड्राइवर बनकर आरोपियों को पकड़ा : पुलिस अधीक्षक ने बताया कि वारदात की तुरंत बाद आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए और थाना प्रभारी रतन सिंह के नेतृत्व में साइबर सेल के साथ एक टीम गठित की गई. टीम सीसीटीवी फुटेज और बीटीएस के जरिए हरियाणा के रेवाड़ी पहुंची, जहां संदिग्ध लोगों की बस्ती है. टीम ने बड़े गोपनीय तरीके से वारदात में शामिल लोगों का पता लगाया और ऑटो रिक्शा चालक के वेश में वारदात में शामिल जसवंत और ललित नाम के दो आरोपियों को दबोच लिया.
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वारदात से पहले यह लोग रैकी करते हैं और मौका पाकर महिलाओं को संबंधित दुकान में ले जाते हैं और खरीदारी के बहाने दुकानदार को बातों में उलझा कर सोने के जेवर उड़ा ले जाते हैं. गैंग ने अब तक राजस्थान के साथ कई राज्यों में इस प्रकार की वारदात करना कबूल किया है. पूछताछ में और भी वारदातें खुलने की संभावना है.