भरतपुर. लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज चुका है. भरतपुर लोकसभा क्षेत्र से इस बार दो महिला और एक पुरुष प्रत्याशी मैदान में हैं. इनमें से बसपा की ओर से मंगलवार को इंजीनियर अंजिला ने नामांकन दाखिल किया. इस बार भले ही चुनाव मैदान में एक पुरुष के सामने दो महिला प्रत्याशी नजर आ रही हैं, लेकिन हकीकत में बीते सात दशक में बृज की दो लोकसभा सीटों (भरतपुर और बयाना) से आधी आबादी यानी महिलाओं को सिर्फ तीन बार ही पूरा हक मिल पाया है. अभी तक यहां से सिर्फ तीन महिलाएं ही जीतकर सदन तक पहुंच पाई हैं.
1 - कृष्णेंद्र कौर दीपा : भरतपुर के पूर्व राजघराने के सदस्य व सात बार के विधायक रहे राजा मानसिंह की बेटी कृष्णेंद्र कौर दीपा भरतपुर सीट से 1991 में लोकसभा का चुनाव जीतने वाली पहली महिला थीं. दीपा खुद 5 बार विधायक रह चुकी हैं. दीपा ने अपने पिता राजा मानसिंह की हत्या के बाद राजनीति में एंट्री की थी और पहला ही चुनाव डीग से ऐतिहासिक मतों से जीता था.
2 - दिव्या सिंह : दिव्या सिंह भरतपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य विश्वेंद्र सिंह की पत्नी हैं. दिव्या ने 1996 में भरतपुर लोकसभा का चुनाव जीता था. इनके पति विश्वेंद्र सिंह खुद तीन बार सांसद और तीन बार विधायक रह चुके हैं. पिछली गहलोत सरकार में विश्वेंद्र सिंह कैबिनेट मंत्री थें.
3- रंजीता कोली : 2019 के चुनाव में भाजपा से रंजीता कोली ने अच्छे मतों से चुनाव जीता था. रंजीता कोली भरतपुर लोकसभा चुनाव जीतने वाली तीसरी महिला हैं. रंजीता कोली के ससुर गंगाराम कोली 1991, 1996 और 1998 में बयाना लोकसभा से सांसद रह चुके हैं.
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अबकी मैदान में हैं दो महिलाएं : इस बार भरतपुर लोकसभा सीट से दो महिलाएं मैदान में हैं. कांग्रेस से संजना जाटव और बसपा से इंजीनियर अंजिला मैदान में हैं, जबकि भाजपा से रामस्वरूप कोली चुनाव लड़ रहे हैं. बसपा से अंजिला ने नामांकन दाखिल कर दिया है. वहीं, कांग्रेस व भाजपा प्रत्याशी बुधवार को नामांकन दाखिल करेंगे. अब देखना यह है कि इस बार भाजपा सिंबल पर प्रत्याशी को जीत मिलती है या फिर कांग्रेस व बसपा की महिला प्रत्याशियों में से कोई जीत दर्ज कर चौथी महिला सांसद बनेगी.