मुजफ्फरनगर : थाना शाहपुर के ग्राम शोरम में 17 साल के अंकुर की हत्या कर दी गई थी. वारदात के बाद शव को छिपा दिया गया था. पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज किया था. सुनवाई कोर्ट में चल रही थी. मंगलवार को मामले की सुनवाई एडीजे 9 के पीठासीन अधिकारी कनिष्ठ कुमार सिंह की अदालत में हुई. कोर्ट ने एक आरोपी को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई. उस पर 5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. वहीं मामले का सह आरोपी नाबालिग घोषित किया जा चुका है.
खेत में मिला था शव : अभियोजन के अनुसार 9 सितंबर 2013 को थाना शाहपुर के ग्राम शोरम में वादी वीरसेन के 17 साल के बेटे अंकुर को अजीत व एक नाबालिग बुलाकर ताश खेलने ले गए थे. बाद में उसका शव खेत में पड़ा मिला था. मामले में परिजनों की तहरीर पर दोनों आरोपियों पर मुकदमा दर्ज कराया गया था. सुनवाई कोर्ट में चल रही थी. इस दौरान एक आरोपी नाबालिग साबित हो गया था. जबकि दूसरे आरोपी अजीत के खिलाफ मुकदमा चल रहा था. बुधवार को एडीजे 9 के पीठासीन अधिकारी कनिष्ठ कुमार सिंह की अदालत ने अजीत को उम्रकैद की सजा सुनाई. 5 हजार का जुर्माना भी लगाया.
अक्षय हत्याकांड में भी दो को उम्रकैद : मुजफ्फरनगर में दूसरी अदालत में अक्षय हत्याकांड में शोएब व मोहम्मद डेनियल को उम्रकैद व 20-20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया. 30 जनवरी 2016 को थाना सिविल लाइन के अजमत मार्केट के सामने 18 वर्ष के अक्षय की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
आरोपी शोएब व मोहम्मद डेनियल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. कोर्ट ने दोनों को उम्रकैद व 20-20 हजार रुपये का जुर्माना की सजा सुनाई है. अभियोजन के अनुसार अक्षय कुमार जिम में गया था. इस दौरान उसकी हत्या कर दी गई थी. पिता सतीश कुमार ने मामले में मुकदमा दर्ज कराया था.
गोलियां बरसाकर युवक की हत्या में भी चार को आजीवन कारावास : मुजफ्फरनगर में 10 साल पूर्व थाना फुगाना क्षेत्र के गांव करौदा महाजन में विवाद के बाद एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इन्द्रपाल पुत्र गिरधारी निवासी करौदा महाजन ने 12 जून 2014 को मुकदमा दर्ज कराया था.
बताया था कि 11 जून को उनके बेटे सतेन्द्र का ल से पानी भरने को लेकर ओमबीर नाई के भांजे विपिन से कहासुनी हो गई थी. इसे लेकर गोलियां चली थीं. इसमें सतेन्द्र की मौके पर मौत हो गई थी जबकि बेदू घायल हो गया था. पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर चार आरोपियों हंसराज, कपिल, विपिन और अमित के विरुद्ध कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. यह घटना साबित करने के लिए 13 गवाह पेश किए गए. मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश 15 दिव्या भार्गव ने की. कोर्ट ने दोनों पक्ष की सुनवाई कर चारों आरोपियों को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई. 15-15 हजार रुपए का जुर्माना.
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