लखनऊ : वजीरगंज इलाके में कार व पांच लाख रुपए की मांग पूरी न होने पर विवाहिता की हत्या कर दी गई थी. परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज किया था. सुनवाई कोर्ट में चल रही थी. अपर सत्र न्यायाधीश पुष्कर उपाध्याय ने वजीरगंज थाने के गौस नगर मोहल्ले के रहने वाले पति अशोक कुमार गुप्ता व जेठ नरेंद्र कुमार गुप्ता को दोषी करार दिया. दोनों को 10-10 साल कैद की सजा सुनाई गई. इसके अलावा 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
अदालत के समक्ष डीजीसी क्रिमिनल मनोज त्रिपाठी व एडीजीसी कृष्ण कुमार गुप्ता ने दलील दी कि इस मामले की रिपोर्ट वादी पुरुषोत्तम लाल गुप्ता ने वजीरगंज थाने में दर्ज कराई थी. आरोप लगाया था कि उसने अपनी बहन रुबी गुप्ता की शादी 8 जून 2010 को अशोक कुमार गुप्ता के साथ की थी.
शादी में लगभग 20 लाख रुपए खर्च किए गए थे. इसके बावजूद ससुराल वाले उसे परेशान करते थे. अदालत को बताया गया कि 30 अप्रैल 2011 को पुरुषोत्तम लाल को जेठ नरेंद्र कुमार ने सूचना देकर कहा कि रुबी की मृत्यु हो गई है. वादी व अन्य लोग रुबी की ससुराल पहुंचे तो उसकी गर्दन पर चोटें थीं.
इससे लग रहा था कि उसकी हत्या की गई थी. अदालत को यह भी बताया गया कि शादी के बाद रुबी का पति अशोक गुप्ता, जेठ नरेंद्र कुमार गुप्ता, ससुर लक्ष्मी नारायण गुप्ता, सास कांति देवी, देवर पिंटू एवं गुड्डू तथा ननद गीत दहेज के लिए प्रताड़ित करते थे.
अदालत को बताया गया कि अभियुक्त की मांग को लेकर वादी ने किसी तरह से दो लाख रुपए ससुराल वालों को दिए थे. वे कार और 5 लाख रुपये मांग रहे थे. दालत में मुकदमे के दौरान ससुर लक्ष्मी नारायण गुप्ता एवं सास कांति देवी की मृत्यु हो गई थी. देवर पिंटू, गुड्डू और ननद गीता को अदालत ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. पति और जेठ को 10-10 साल कैद की सजा सुनाई गई है.
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