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केंद्रीय करों की एवज में दिल्ली को 15 हजार करोड़ की जगह मिला केवल 1000 करोड़ः आतिशी - अंतरिम बजट 2024

Interim Budget 2024: केंद्र की अंतरिम बजट को AAP ने जुमला बजट करार दिया है. साथ ही दिल्ली के प्रति सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 1, 2024, 10:54 PM IST

नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी शासित दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार की अंतरिम बजट को जुमला करार दिया है. दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि भाजपा शासित केंद्र सरकार ने आज जो बजट पेश किया है, वो यह साबित करता है कि यह जुमलों की सरकार है. पीएम ने 2014 में कहा था कि हर साल 2 करोड़ नौकरियां देंगे, लेकिन 10 साल बीतने के बाद क्या इस देश के युवाओं को 20 करोड़ नौकरियां मिली? नहीं मिली. 10 करोड़ तो बहुत दूर की बात है, पिछले 10 सालों में मोदी जी की सरकार ने एक करोड़ नौकरियां भी नहीं दी.

उन्होंने कहा कि आज केंद्र सरकार में 10 लाख से ज्यादा पद खाली हैं. जो युवा नौकरियां ढूंढ रहे हैं उन्हें न तो प्राइवेट सेक्टर में नौकरियां मिल रही हैं और न ही सरकारी सेक्टर में. इसके बाद आज फिर एक नया जुमला दिया गया है कि 55 लाख नौकरियां देंगे. वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि आज लोगों पर महंगाई की मार पड़ी हुई है. आटा, दाल, सब्जी, पेट्रोल, डीजल आम आदमी द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली सभी चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं. आम आदमी अपना घर नहीं चला पा रहा है, लेकिन आज बजट में महंगाई को कम करने के लिए एक भी कदम नहीं उठाया गया है.

यह भी पढ़ेंः अंतरिम बजट में दिल्ली के रेलवे नेटवर्क के लिए 2577 करोड़ रुपए, जानें किन-किन परियोजनाओं पर होगा खर्च

बजट में दिल्ली के प्रति केंद्र सरकार के सौतेले व्यवहार पर बोलते हुए आतिशी ने कहा कि दिल्ली के प्रति केंद्र सरकार हमेशा सौतेला व्यवहार करती आई है. इस साल भी केंद्र सरकार ने अपने इसी रवैये को जारी रखा है. दिल्ली को केंद्रीय करों में उचित शेयर मिले तो दिल्ली को केंद्र सरकार के कम से कम 15,000 करोड़ रुपए मिलने चाहिए, लेकिन दिल्ली को उसके एवज में मात्र 1,000 करोड़ मिला है. साथ ही देशभर के स्थानीय निकायों के लिए केंद्र सरकार ने बजट में पैसा रखा है, लेकिन दिल्ली एमसीडी के लिए एक रुपए भी नहीं रखा है, जो दिल्ली के प्रति इनका सौतेला व्यवहार दिखाता है.

उन्होंने बजट को जुमला करार देते हुए कहा कि इस साल केंद्र सरकार ने कुल बजट का मात्र 1.5 फीसदी स्वास्थ्य सेक्टर के लिए और शिक्षा के लिए कुल बजट का मात्र 2 फीसद आवंटित किया है. ये दिखाता है कि बजट की घोषणाएं सिर्फ और सिर्फ भाजपा शासित केंद्र सरकार के जुमले हैं जबकि वास्तविकता में कुछ नहीं हो रहा है.

यह भी पढ़ेंः अंतरिम बजट गरीब, युवा, अन्नदाता व नारी को समर्पित है - दिल्ली बीजेपी

नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी शासित दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार की अंतरिम बजट को जुमला करार दिया है. दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि भाजपा शासित केंद्र सरकार ने आज जो बजट पेश किया है, वो यह साबित करता है कि यह जुमलों की सरकार है. पीएम ने 2014 में कहा था कि हर साल 2 करोड़ नौकरियां देंगे, लेकिन 10 साल बीतने के बाद क्या इस देश के युवाओं को 20 करोड़ नौकरियां मिली? नहीं मिली. 10 करोड़ तो बहुत दूर की बात है, पिछले 10 सालों में मोदी जी की सरकार ने एक करोड़ नौकरियां भी नहीं दी.

उन्होंने कहा कि आज केंद्र सरकार में 10 लाख से ज्यादा पद खाली हैं. जो युवा नौकरियां ढूंढ रहे हैं उन्हें न तो प्राइवेट सेक्टर में नौकरियां मिल रही हैं और न ही सरकारी सेक्टर में. इसके बाद आज फिर एक नया जुमला दिया गया है कि 55 लाख नौकरियां देंगे. वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि आज लोगों पर महंगाई की मार पड़ी हुई है. आटा, दाल, सब्जी, पेट्रोल, डीजल आम आदमी द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली सभी चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं. आम आदमी अपना घर नहीं चला पा रहा है, लेकिन आज बजट में महंगाई को कम करने के लिए एक भी कदम नहीं उठाया गया है.

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बजट में दिल्ली के प्रति केंद्र सरकार के सौतेले व्यवहार पर बोलते हुए आतिशी ने कहा कि दिल्ली के प्रति केंद्र सरकार हमेशा सौतेला व्यवहार करती आई है. इस साल भी केंद्र सरकार ने अपने इसी रवैये को जारी रखा है. दिल्ली को केंद्रीय करों में उचित शेयर मिले तो दिल्ली को केंद्र सरकार के कम से कम 15,000 करोड़ रुपए मिलने चाहिए, लेकिन दिल्ली को उसके एवज में मात्र 1,000 करोड़ मिला है. साथ ही देशभर के स्थानीय निकायों के लिए केंद्र सरकार ने बजट में पैसा रखा है, लेकिन दिल्ली एमसीडी के लिए एक रुपए भी नहीं रखा है, जो दिल्ली के प्रति इनका सौतेला व्यवहार दिखाता है.

उन्होंने बजट को जुमला करार देते हुए कहा कि इस साल केंद्र सरकार ने कुल बजट का मात्र 1.5 फीसदी स्वास्थ्य सेक्टर के लिए और शिक्षा के लिए कुल बजट का मात्र 2 फीसद आवंटित किया है. ये दिखाता है कि बजट की घोषणाएं सिर्फ और सिर्फ भाजपा शासित केंद्र सरकार के जुमले हैं जबकि वास्तविकता में कुछ नहीं हो रहा है.

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