जोधपुर. मुंबई पुलिस ने 15 दिन पहले विवेक विहार थाना क्षेत्र में नशे में प्रयुक्त होने वाली एमडी (मेफेड्रोन) ड्रग बनाने की जोधपुर में फैक्ट्री के खुलासे के बाद अब जोधपुर पुलिस को सूने खेत में बनी फैक्ट्री में ऐसा ही सामान मिला है. अंदेशा है कि यह सामान मुंबई में पकड़े गए गिरोह का ही है. गत 12 मई को मोगड़ा में हुई कार्रवाई के बाद गिरोह एक और प्लांट लगाने की फिराक में था. इन्होंने मुंबई पुलिस की कार्रवाई की भनक लगने के बाद फैक्ट्री का सामान यहां छुपाया था.
विवेक विहार थानाधिकारी जितेंद्र सिंह ने बताया कि मोगड़ा में दो सप्ताह पहले हुई कार्रवाई के बाद अब शेखानाडा के पास खेत में एक पुराने खुले कमरे में पूरा सामान और कुछ केमिकल मिला है. सिंह ने बताया कि मुंबई में पकड़े गए ड्रग पेडलर प्रशांत पाटिल और हुकमाराम सहित मोगरा खींचड़ों की ढाणी राकेश खींचड़, सांचौर निवासी रमेश विश्नोई और महेंद्र उर्फ हुकमाराम जाट के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है. इसमें इनकी संलिप्तता है.
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नई फैक्ट्री या बंद लैब में उपकरण: शेखनाड़ा की ढाणी के पास बरामद किए गए उपकरण से एक सवाल यह भी उठा है कि क्या इन उपकरणों से जोधपुर के क्षेत्र में नई एमडी बनाने की फैक्ट्री लगाने का प्रयास था या फिर कुछ दिनों पहले पकड़ी गई फैक्ट्री का सामान यहां लाकर छुपाया गया. डीसीपी राजेश कुमार यादव का कहना है कि मामले की जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. इसके लिए मुंबई में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ से लिंक सामने आएंगे.
दो फैक्ट्रियां पकड़ी जा चुकी है जोधपुर में: जोधपुर जिले में सबसे पहले एमडी बनाने की फैक्ट्री की कार्रवाई नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने की थी. एनसीबी की टीम ने ओसियां में एक घर में लगाए गए प्लांट का खुलासा करते हुए वहां से एमडी बनाने की भी पुष्टि फोरेंसिक जांच से करवाई और इस मामले में गिरफ्तारियां भी की थी. इसके बाद मुंबई के साकीनाका क्षेत्र की पुलिस ने मोगड़ा के पास कार्रवाई करते हुए एमडी बनाने की फैक्ट्री का खुलासा किया था. इस मामले में हुकमाराम को गिरफ्तार कर मुंबई पुलिस ले गई थी, जबकि ड्रग पेडलर प्रशांत पाटिल पहले ही उनकी गिरफ्त में आ चुका था. उससे पूछताछ में जोधपुर में ड्रग बनाकर सप्लाई की बात सामने आई थी.
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हर माह आधा दर्जन मामले हो रहे दर्ज: जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट के अलग अलग थानों में हर माह एमडी और स्मैक बेचने वाले लोकल पैडलर पकड़े जाते हैं. इनके विरुद्ध आधा दर्जन मामले दर्ज हो रहे हैं, लेकिन इनके पास मात्रा इतनी कम होती है. इससे ये जमानत पर छूट जाते हैं.
जोधपुर मैन्युफैक्चरिंग प्वाइंट बना: अंदेशा इस बात का जताया जा रहा है कि मुंबई व गुजरात के तस्कर जोधपुर में आकर एमडी बनाते थे और पूरी खेप ले जाते. इसलिए यहां ये प्लांट लगाया. मुंबई पुलिस ने दो सप्ताह पहले जोधपुर में जहां कार्रवाई की थी, उससे करीब आठ किमी दूर ही यह सामान मिला है.