जोधपुर : दीवार पर कील ठोकते समय तो सावधानी सब रखते हैं, जिससे हाथ पर कोई चोट ना लगे, लेकिन कील दीवार से निकालते समय भी ज्यादा सावधानी रखनी पड़ती है, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता है. ऐसा ही जोधपुर में एक महिला के साथ हुआ, जो दीवार से कील निकाल रही थी. कील दीवार से तो निकल गई, लेकिन तीन इंच की कील महिला की आंख में घुस गई, जिसे जोधपुर के मथुरा दास माथुर हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने निकाला. पांच दिन उपचार के बाद आज महिला को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है.
डॉ नवनीत अग्रवाल ने बताया कि रातानाडा निवासी 35 वर्ष की महिला अपने घर पर कील को दीवार से बाहर निकाल रही थी. दुर्भाग्यवश तेज वेग से लगने के कारण कील आंख के पास की हड्डी को चीरते हुए आंख,नाक एवं दिमाग के बीच में फंस गई. इलाज के लिए महिला को मथुरा दास माथुर हॉस्पिटल लाया गया. यहां पर ईएनटी और नेत्र रोग विभाग के डॉक्टर्स मरीज का परीक्षण किया और सीटी स्कैन करवाया. जांच में पता चला कि कील आंख के अंदर की हड्डी को चीरते हुए नाक में फंसी हुई है. कील का नुकीला सिरा दिमाग और नाक के बीच पतली हड्डी (क्रिबिफॉर्म प्लेट) के बिल्कुल पास है. डॉ नवनीत अग्रवाल ने बताया कि इसके चलते ऑपरेशन के दौरान ब्लीडिंग, आंख के क्षतिग्रस्त होने के साथ साथ क्रिबिफॉर्म प्लेट के टूटने का खतरा था.
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बेहद सतर्कता से दूरबीन से निकाली कील : डॉ अग्रवाल ने बताया कि अगर प्लेट टूट जाती तो दिमाग का पानी (सीएसएफ राइनोरिया) नाक के रास्ते से लीक होने की पूरी आशंका रहती है. ऐसे में इस जटिल ऑपरेशन को बेहद सावधानीपूर्वक किया गया. कील को दूरबीन की सहायता से निकाला गया. डॉ अग्रवाल के निर्देशन में डॉ समृद्धि गुप्ता, डॉ सोनू परमार, डॉ जयदीप सिंह चौहान एवं रेजिडेंट डॉक्टर डॉ अंकित कुमार अवस्थी, डॉ मेघराम मीणा, डॉ मंजू शर्मा, डॉ विश्वदीप खंडिया की टीम ने महिला की सफल सर्जरी की.