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खौफ के साए में गर्ल्स स्कूल की छात्राएं ! जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर - Dilapidated School building - DILAPIDATED SCHOOL BUILDING

बूंदी शहर के बालिका विकास नगर स्कूल में भवन निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग करने के चलते नीचे के फ्लोर के भवन में पानी रिसता है, जिससे भवन जर्जर अवस्था में पहुंचता जा रहा है. छात्राएं डर के साये में रहकर शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर है.

DILAPIDATED SCHOOL BUILDING
बालिका विकास नगर स्कूल बूंदी (ETV BHARAT GFX TEAM)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 16, 2024, 2:08 PM IST

बूंदी. एक तरफ राज्य के शिक्षा मंत्री ने खुले में बैठा कर छात्र-छात्राओं को अध्ययन कराने पर रोक लगा दी है तो वहीं दूसरी ओर बूंदी शहर के बालिका विकास नगर स्कूल भवन में पढ़ने वाली छात्राएं डर के साये में रहकर शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर है. छात्राओं की माने तो विद्यालय में लम्बे समय से नवीन भवन का कार्य प्रगति पर है जो भवन की द्वितीय मंजिल पर बनाया जा रहा है. उक्त भवन का कार्य पिछले 6 माह से बंद पड़ा हुआ है.

पानी के रिसाव व सीलन से हुए पंखे खराब : घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग करने के चलते नीचे के भवन में पानी रिसने व सीलन आने से भवन जर्जर अवस्था में पहुंचता जा रहा है. जिसके चलते विद्यालय भवन के 21 से ज्यादा पंखे जलकर खराब हो गए हैं. वहीं, ट्यूबलाइट व वायरिंग भी जगह-जगह से फाल्ट हो गई है, जिससे दीवारों तक में करंट दौड़ने लगा है. छात्राएं कक्षा में जाने से भी कतराने लगी है. कई बार शॉर्ट सर्किट से आग तक लग चुकी है. छात्राओं ने बताया कि भवन का कार्य 6 माह से बंद पड़ा है, जिसके चलते ऊपर पानी भर जाने व घटिया निर्माण के कारण नीचे के भवन में पानी रिसने लगा है, जिससे भवन की छत का प्लास्टर जगह-जगह से टूटकर गिरने लगा है. कई बार छात्राएं व अध्यापक चोटिल होने से बच गए हैं. वहीं, भवन में दरारें तक आ गई है. दीवारों पर पानी रिसने व सीलन आने से करंट दौड़ने लगा है. कई जगह से लाइने भी फाल्ट हो गई है, जिसके चलते बच्चों को भीषण गर्मी में अंधेरे व बिना पंखों के पढ़ाई करनी पड़ रही है.

90 लाख की लागत से हो रहा है निर्माण : विद्यालय प्रशासन के अनुसार रमसा के माध्यम से लगभग 90 लाख की लागत से विद्यालय भवन का निर्माण कार्य कराया जा रहा है. यह निर्माण कार्य साइंस फैकल्टी के संचालक को लेकर किया जा रहा है, लेकिन पिछले 6 माह से भवन निर्माण अधूरा रहने के चलते छात्राओं को विषय की सुविधा नहीं मिल पा रही है, जिससे छात्राएं टीसी कटा कर अन्य विद्यालय में जा रही है. स्कूल प्रशासन के अनुसार यदि यही हालात रहे तो बालिकाओं को कक्षा कक्ष में बैठा कर पढ़ाई करना खतरनाक सिद्ध हो सकता है. कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. विद्यालय प्रशासन के अनुसार उच्च अधिकारियों को कई बार अवगत कराने के बावजूद भी हालत जज के तस है.

इसे भी पढ़ें : स्कूल का यहां बुरा है हाल ! बारिश में टपकती है छत..गिरता है प्लास्टर, विभाग नहीं ले रहा सुध - poor condition of government school

जिला शिक्षा अधिकारी और एडीपीसी रमसा बूंदी राजेंद्र व्यास ने बताया कि घटिया निर्माण की शिकायत के बाद संवेदक को पाबंद कर कार्य बंद करवा दिया था. विभाग की ओर से गुणवत्ता के साथ किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा. वर्तमान में निर्माण कार्य क्यों बंद है, इसके बारे में जानकारी कर जल्दी ही कार्य प्रारंभ करवाने के प्रयास किए जाएंगे. पुराने भवन के कक्षा कक्षों की दीवारों में सीलन आने और पानी चूने की समस्या आ रही है तो उसे भी जल्दी सही करवा दिया जाएगा.

क्षेत्रीय पार्षद शांति सोनी के अनुसार मामले की कई बार जिला शिक्षा अधिकारी और शिक्षा विभाग के अभियंता से शिकायत करने के बावजूद भी समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है. जिला शिक्षा अधिकारी को ठेकेदार की अमानत राशि जब्त करने और अन्य व्यक्ति से कार्य पूर्ण करवाने के लिए कई बार कहा जा चुका है. इससे विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं का शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है और उनकी जान को हर समय खतरा बना हुआ है.

एसडीएमसी सदस्य अभिषेक जैन ने बताया कि विद्यालय में जारी निर्माण कार्य पिछले 6 महीना से बंद है, कई बार शुरू करने को लेकर विभागीय अधिकारियों से बात की लेकिन फिर भी कार्य शुरू नहीं किया गया. इससे छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. विद्यालय में लाल बंदरों का भी आतंक है, जिसके बारे में भी विभाग द्वारा कोई सुरक्षा के प्रबंध नहीं किए जा रहे है. कभी भी बड़ी घटना घट सकती है.

बूंदी. एक तरफ राज्य के शिक्षा मंत्री ने खुले में बैठा कर छात्र-छात्राओं को अध्ययन कराने पर रोक लगा दी है तो वहीं दूसरी ओर बूंदी शहर के बालिका विकास नगर स्कूल भवन में पढ़ने वाली छात्राएं डर के साये में रहकर शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर है. छात्राओं की माने तो विद्यालय में लम्बे समय से नवीन भवन का कार्य प्रगति पर है जो भवन की द्वितीय मंजिल पर बनाया जा रहा है. उक्त भवन का कार्य पिछले 6 माह से बंद पड़ा हुआ है.

पानी के रिसाव व सीलन से हुए पंखे खराब : घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग करने के चलते नीचे के भवन में पानी रिसने व सीलन आने से भवन जर्जर अवस्था में पहुंचता जा रहा है. जिसके चलते विद्यालय भवन के 21 से ज्यादा पंखे जलकर खराब हो गए हैं. वहीं, ट्यूबलाइट व वायरिंग भी जगह-जगह से फाल्ट हो गई है, जिससे दीवारों तक में करंट दौड़ने लगा है. छात्राएं कक्षा में जाने से भी कतराने लगी है. कई बार शॉर्ट सर्किट से आग तक लग चुकी है. छात्राओं ने बताया कि भवन का कार्य 6 माह से बंद पड़ा है, जिसके चलते ऊपर पानी भर जाने व घटिया निर्माण के कारण नीचे के भवन में पानी रिसने लगा है, जिससे भवन की छत का प्लास्टर जगह-जगह से टूटकर गिरने लगा है. कई बार छात्राएं व अध्यापक चोटिल होने से बच गए हैं. वहीं, भवन में दरारें तक आ गई है. दीवारों पर पानी रिसने व सीलन आने से करंट दौड़ने लगा है. कई जगह से लाइने भी फाल्ट हो गई है, जिसके चलते बच्चों को भीषण गर्मी में अंधेरे व बिना पंखों के पढ़ाई करनी पड़ रही है.

90 लाख की लागत से हो रहा है निर्माण : विद्यालय प्रशासन के अनुसार रमसा के माध्यम से लगभग 90 लाख की लागत से विद्यालय भवन का निर्माण कार्य कराया जा रहा है. यह निर्माण कार्य साइंस फैकल्टी के संचालक को लेकर किया जा रहा है, लेकिन पिछले 6 माह से भवन निर्माण अधूरा रहने के चलते छात्राओं को विषय की सुविधा नहीं मिल पा रही है, जिससे छात्राएं टीसी कटा कर अन्य विद्यालय में जा रही है. स्कूल प्रशासन के अनुसार यदि यही हालात रहे तो बालिकाओं को कक्षा कक्ष में बैठा कर पढ़ाई करना खतरनाक सिद्ध हो सकता है. कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. विद्यालय प्रशासन के अनुसार उच्च अधिकारियों को कई बार अवगत कराने के बावजूद भी हालत जज के तस है.

इसे भी पढ़ें : स्कूल का यहां बुरा है हाल ! बारिश में टपकती है छत..गिरता है प्लास्टर, विभाग नहीं ले रहा सुध - poor condition of government school

जिला शिक्षा अधिकारी और एडीपीसी रमसा बूंदी राजेंद्र व्यास ने बताया कि घटिया निर्माण की शिकायत के बाद संवेदक को पाबंद कर कार्य बंद करवा दिया था. विभाग की ओर से गुणवत्ता के साथ किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा. वर्तमान में निर्माण कार्य क्यों बंद है, इसके बारे में जानकारी कर जल्दी ही कार्य प्रारंभ करवाने के प्रयास किए जाएंगे. पुराने भवन के कक्षा कक्षों की दीवारों में सीलन आने और पानी चूने की समस्या आ रही है तो उसे भी जल्दी सही करवा दिया जाएगा.

क्षेत्रीय पार्षद शांति सोनी के अनुसार मामले की कई बार जिला शिक्षा अधिकारी और शिक्षा विभाग के अभियंता से शिकायत करने के बावजूद भी समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है. जिला शिक्षा अधिकारी को ठेकेदार की अमानत राशि जब्त करने और अन्य व्यक्ति से कार्य पूर्ण करवाने के लिए कई बार कहा जा चुका है. इससे विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं का शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है और उनकी जान को हर समय खतरा बना हुआ है.

एसडीएमसी सदस्य अभिषेक जैन ने बताया कि विद्यालय में जारी निर्माण कार्य पिछले 6 महीना से बंद है, कई बार शुरू करने को लेकर विभागीय अधिकारियों से बात की लेकिन फिर भी कार्य शुरू नहीं किया गया. इससे छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. विद्यालय में लाल बंदरों का भी आतंक है, जिसके बारे में भी विभाग द्वारा कोई सुरक्षा के प्रबंध नहीं किए जा रहे है. कभी भी बड़ी घटना घट सकती है.

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