भरतपुर. जिले के उद्योग नगर थाना क्षेत्र के गांव सांतरूक में तीन साल पहले गेंहू की फसल कटाई को लेकर हुए विवाद में एक सोते हुए व्यक्ति की धारदार हथियार से बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. मामले में बुधवार को जिला एवं सेशन न्यायाधीश ने एक महिला समेत 5 आरोपियों को आजीवन कारावास एवं 10-10 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है.
लोक अभियोजक डोरीलाल बघेल ने बताया कि 2 अप्रैल 2021 को सत्येंद्र उर्फ सत्तो और उसका भाई धर्मवीर अपने गांव सांतरुक स्थित अपने खेत में कंपास से खेत में उगी अपनी गेंहू की फसल को कटवा रहे थे. इसी दौरान गांव के ही सुरेंद्र उर्फ बॉवी, जीतेंद्र, अंशु व कपिल उनके खेत में आए और कंपास संचालक से पहले अपनी फसल काटने का दबाव बनाने लगे. इसी बात पर दोनों पक्षों में विवाद हो गया. विवाद के बाद सुरेंद्र उर्फ बॉवी आदि सत्येंद्र को धमकाते हुए कहा कि "तू कल का सूरज नहीं देख पाएगा."
सोते समय की हत्या : रात को सत्येंद्र उर्फ सत्तो हर दिन की तरह अपने नौहरे में पशुओं की रखवाली के लिए सोया था. सुबह जब उसकी पत्नी चाय लेकर पहुंची, तो नौहरे की कुंडी लगी हुई थी. काफी आवाज देने के बावजूद जब सत्येद्र ने दरवाजा नहीं खोला तो पत्नी दीवार फांद कर नौहरे में घुसी. उसकी पत्नी ने देखा कि पति कंबल ओढ़े चारपाई पर लेटा हुआ है. जब उसने कंबल हटाया तो वह बुरी तरह से लहूलुहान हालत में मृत पड़ा था. इसके बाद पत्नी की चीख पुकार सुनकर लोग इकट्ठा हो गए.
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25 गवाह किए पेश : पीड़ित पक्ष की ओर से उद्योग नगर पुलिस थाने में गांव के ही सुरेंद्र, जीतेंद्र, अंशु व कपिल आदि के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया. अनुसंधान के बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया. साथ ही सुरेंद्र उर्फ बॉवी की पत्नी बबली को भी अपने पति के खून के कपड़े आदि साफ करने और बात को छुपाने के मामले में आरोपी बनाकर अदालत में चालान पेश किया. मामले में जिला एवं सेशन न्यायाधीश केशव कौशिक ने दोनों पक्षों के वकीलों की बहस सुनने के बाद आरोपी सुरेंद्र उर्फ बॉवी और उसकी पत्नी बबली सहित जीतेंद्र, अंशु व कपिल को सत्येंद्र उर्फ सत्तो की हत्या का दोषी मानते हुए आईपीसी की धारा 302, 201 एवं 120 बी के तहत आजीवन कारावास एवं 10-10 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा से दंडित किया है. लोक अभियोजक डोरीलाल बघेल ने बताया कि उनकी ओर से अदालत में 25 गवाह एवं 36 दस्तावेज प्रस्तुत किए गए थे.