बरेली : सीओ मीरगंज डाॅ. दीपशिखा अहिवरन पर दो लाख रुपये की रंगदारी मांगने का गंभीर आरोप लगा है. भट्ठा मालिक के अनुसार सीओ ने धमकाया था कि यदि रंगदारी नहीं दी तो उसके वाहनों का एमवी एक्ट और खनन में चालान कर सीज कर देंगी. मामले में पीड़ित ने एसएसपी से शिकायत की है. एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान ने एसपी साउथ मानुष पारीक को प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा है.
मीरगंज के तिलमास गांव निवासी रिफाकत अली के अनुसार वह गनी ब्रिक इंडस्ट्रीज के स्वामी हैं. आरोप है कि बुधवार सुबह करीब 11 बजे सीओ मीरगंज भट्ठे पर पहुंचीं और वहां काम कर रहे मजदूरों को धमकाया. कहा कि यहां से सभी भाग जाओ. मजदूरों ने रिफाकत को फोन कर प्रकरण की जानकारी दी. सूचना पर रिफाकत भट्ठे, ट्रैक्टर, मशीन सभी के कागज लेकर पहुंचे. उन्होंने सीओ को कागज दिखाए, लेकिन उन्होंने कागज देखने से मना कर दिया. कहा कि थाने आओ और तुम्हारी मशीन, ट्रैक्टर ट्राली सभी थाने लेकर जा रहे हैं.
भट्ठा मालिक रिफाकत का आरोप है कि सीओ ने कहा कि अगर वाहन छुड़ाना है तो रुपयों की व्यवस्था करो. नहीं तो ट्रैक्टर और मशीन थाने ले जाकर एमवी एक्ट और खनन में सीज कर देंगी. इसके बाद कोर्ट में चार लाख रुपये जुर्माना देना होगा तब पता चलेगा. अभी तो केवल दो लाख रुपये की ही बात है.
इस प्रकरण में सीओ मीरगंज का पक्ष लेने के लिए उनके सीयूजी नंबर पर फोन किया गया तो पहले तो उन्होंने फोन उठाया नहीं, बाद में सीयूजी नंबर बंद कर लिया. एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान ने बताया कि सीओ मीरगंज के विरुद्ध शिकायत मिली है. जांच एसपी साउथ मानुष पारीक को सौंपी गई है. जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. वहीं इस मामले में मानुष पारीक, एसपी साउथ बरेली ने बताया कि क्षेत्राधिकारी मीरगंज के खिलाफ 13 जून को एक प्रार्थना पत्र प्राप्त हुआ है. जिसमें गहनता से जांच की जाएगी और जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.