आगरा : बल्लभगढ़ के रहने वाले एक युवक का आईएसबीटी से अपहरण हो गया. परिजनों ने पुलिस से मदद की गुहार लगाई तो कुछ ही घंटे में घटना का खुलासा भी हो गया. जांच में पता चला कि युवक ने खुद ही अपने अपहरण की झूठी कहानी रची थी. कर्ज से परेशान युवक अपने परिजनों से अपहरण के नाम पर पैसा ऐंठना चाहता था.
आगरा पुलिस ने एक झूठे अपहरण के मामलें का पर्दाफाश किया है. 31 मार्च को रत्नेश सिंह निवासी फर्रुखाबाद ने डायल-112 पर सूचना दी कि रात नौ बजे करीब उनका नाती आकाश (22) बल्लभगढ़ से आगरा आईएसबीटी पहुंचा था. वहां किसी ने नाती अपहरण कर लिया है. आकाश को छोड़ने के एवज में अपहरणकर्ता रुपयों की मांग कर रहे है.
आकाश को लगातार टॉर्चर किया जा रहा है. थाना हरीपर्वत पुलिस ने जांच शुरू की. एसीपी हरीपर्वत आदित्य के नेतृत्व में थाना स्तर से पुलिस टीम का गठन किया गया. पुलिस ने आकाश के नंबर को सर्विलांस सेल को भेज कर लोकेशन ट्रेस की तो उसकी अंतिम लोकेशन शिकोहाबाद मिली. पुलिस आगरा से आकाश को लेने शिकोहाबाद रवाना हो गई.
पुलिस ने आकाश को लोकेशन से खोज निकाला. इसके बाद उससे हुई पूछताछ में पुलिस भी हैरान रह गई. आकाश ने पूछताछ में बताया कि वह बल्लभगढ़ में ₹15 हजार महीने की प्राइवेट नौकरी करता है.उसके ऊपर कई लोगो का कर्ज हो गया था. कर्जदार आए दिन परेशान और मारपीट करते थे. उस कर्ज को चुकाने और कर्जदारों से छुटकारा पाने के लिए अपने अपहरण की झूठी कहानी रची.
अपहरण की झूठी पटकथा लिखने वाले आकाश ने पुलिस को बताया कि उसने अपने परिजनों को डराने के लिए कुछ फोटो भी भेजे थे. इसमें अपहरणकर्ताओं द्वारा टॉर्चर करने के सबूत थे. आकाश ने परिजनों को यकीन दिलाने के लिए अपने सीने पर खरोंच के निशान भी बनाए थे. यह आइडिया उसके दिमाग मे क्राइम पेट्रोल देखकर आया था. पुलिस ने आकाश को उसके परिजनों को सौंप दिया है. पुलिस ने भविष्य में पुनः ऐसी गलती न दोहराने की शपथ लेने पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की.
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