अजमेर: किन्नर समाज को उनके कानूनी अधिकारों की जानकारी देने और उन्हें भी मुख्य धारा से जोड़ने के लिए पुलिस ने जागरूकता अभियान के तहत शनिवार को पुलिस लाइन में किन्नरों के साथ कार्यशाला आयोजित की. इसमें पुलिस अधिकारियों ने बताया कि समाज में आपको समान अधिकार प्राप्त हैं. अधिकारियों ने उन्हें विभिन्न कानूनों की जानकारी दी.
कार्यशाला में किन्नरों को शिक्षा और चिकित्सा सहित अन्य मूल अधिकारों के बारे में बताया गया. कार्यशाला में अजमेर पुलिस रेंज क्षेत्र से बड़ी संख्या में किन्नर कार्यशाला में शामिल हुए. कार्यशाला में पुलिस अधीक्षक देवेंद्र बिश्नोई ने कहा कि किन्नर समाज के लोग अपने विधिक और मूल अधिकारों के बारे में जागरूक होंगे तो निश्चित रूप से आगामी वर्षों में समाज में सकारात्मक परिणाम आएंगे. समाज में किन्नरों के प्रति भेदभाव मिटेगा और समान अधिकार के साथ यह भी मुख्य धारा से जुड़ पाएंगे.
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समाज में अब भी किन्नर स्वीकार्य नहीं: अजमेर मसूदा के निकट रामगढ़ से कार्यशाला में आई बड़ी बुआजी ने बताया कि समाज में किन्नरों को स्वीकार नहीं किया जाता. उन्हें अलग ही नजर से देखा जाता है, इसलिए किन्नर कभी समाज की मुख्य धारा से जुड़ ही नहीं पाए और उन्होंने भी अपनी अलग थलग दुनिया बसा ली. इस कारण किन्नर अन्य समाजों से काफी पिछड़ गए हैं.
शिक्षा से वंचित रहना पड़ा: अपना अनुभव साझा करते हुए उन्होंने बताया कि बचपन में सामान्य बच्चों से अलग होने के कारण शिक्षा से वंचित रहना पड़ा. परिजनों ने घर में नहीं रखकर बुआजी (किन्नर गुरु) को सौंप दिया. माता-पिता को भी समाज में प्रताड़ित होना पड़ा कि उनकी संतान किन्नर हो गई. किन्नरों को समान अधिकार है. इसके माध्यम से किन्नरों को भी समान अवसर और इज्जत मिलेगी. किन्नर बच्चों की शिक्षा के लिए अलग से स्कूल खोले जाएंगे.