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रांची में अवैध हथियार पुलिस के लिए आफत, गोलीबारी की घटनाओं से रांची पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल - Illegal Weapons In Ranchi

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 7, 2024, 5:07 PM IST

Questions raised on Ranchi police. रांची में लगातार फायरिंग की घटनाएं पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं. ज्यादतर फायरिंग की घटनाएं अवैध हथियार से हुई है. पुलिस अब हथियार तस्करों पर नकेल कसने की तैयारी में है.

Illegal Weapons In Ranchi
गोलीबारी की घटना की जांच करती रांची पुलिस और अवैध हथियार (फाइल फोटो-ईटीवी भारत)

रांची: अवैध हथियार रांची पुलिस के लिए बड़ी मुसीबत बन गए हैं. आए दिन रांची में कहीं न कहीं गोलीबारी की वारदात हो रही है. जिसमें लोगों की जान जा रही है और लोग घायल भी हो रहे हैं. सिर्फ मई-जून महीने में रांची में तीन गोलीबारी की घटनाएं हुई हैं, जो रांची पुलिस की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही है.

एक्सट्रीम बार और कोतवाली थाना क्षेत्र में फायरिंग की घटना से धूमिल हुआ पुलिस का चेहरा

रांची में लगातार फायरिंग की घटनाओं से पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं. फायरिंग के साथ रांची में चेन या मोबाइल स्नैचिंग और चोरी की वार की वारदात को जोड़ दिया जाए तो केस की फेहरिस्त बेहद लंबी हो जाएगी. सबसे चिंता की बात यह है कि पुलिस न छोटे अपराधों पर ब्रेक लगा पा रही है और न ही बड़े अपराधों पर. खासकर 27 मई से लेकर छह जून तक की रांची में फायरिंग की तीन वारदातों ने राजधानी की पुलिसिंग पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

27 मई को रांची के एक्सट्रीम बार में हुई थी गोलीबारी की घटना

27 मई 2024 को रांची के एक्सट्रीम बार में हुई गोलीबारी और डीजे संदीप की हत्या के बाद राजधानी में सनसनी फैल गई थी. गोलीबारी का सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद तो गोलीबारी की चर्चा देशभर में हुई. सीसीटीवी से ही चुटिया थाना पुलिस की लापरवाही भी उजागर हुई. जिसके बाद एसएसपी ने चुटिया थाना प्रभारी सहित तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया. मामले में अगर पुलिस सतर्क रहती तो अपराधी हत्याकांड को अंजाम नहीं दे पाते.

एक जून को रांची के डोरंडा थाना क्षेत्र में हुई थी फायरिंग

दूसरी घटना एक जून 2024 को रांची के डोरंडा थाना क्षेत्र के दर्जी मोहल्ला में हुई थी. जिसमें दो अपराधी गुट आपस में भिड़ गए थे. देखते ही देखते दोनों गुटों के बीच अवैध हथियार से फायरिंग भी शुरू हुई थी. इस फायरिंग में दोनों अपराधी गुटों को तो कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन पास में खेल रही एक बच्ची के पैर में गोली लग गई थी. फायरिंग की वारदात के बाद इलाके में खलबली मच गई थी, लेकिन एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी अभी तक इस मामले में कोई भी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है.

छह जून को कोतवाली थाना क्षेत्र में मारपीट के बाद हुई थी फायरिंग

छह जून 2024 को रांची के कोतवाली थाना क्षेत्र में एक जमीन पर कब्जे को लेकर दो गुटों में भिड़ंत हो गई थी. घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची थी और लड़ाई को शांत करा दिया था. लेकिन पुलिस से यही गलती हो गई पुलिस ने किसी भी मारपीट करने वाले आरोपी को घटना स्थल से नहीं उठाया. नतीजतन उसी दिन आधी रात को एक बार फिर से दोनों गुटों में मारपीट हो गई और इस दौरान फायरिंग की भी घटना हुई. इस गोलीबारी में मुकुंद नाम के एक युवक के जबड़े में ही गोली लग गई और कई लोग घायल हो गए थे.

गोलीबारी के बाद स्थानीय लोगों में पुलिस के प्रति गुस्सा दिखा. सैकड़ों की संख्या में लोगों ने कोतवाली थाना पहुंचकर जमकर हंगामा किया. साथ ही कोतवाली थानेदार और डीएसपी के साथ धक्का-मुक्की भी की गई. हालांकि बाद में पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए मारपीट में शामिल आठ लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इस वारदात में भी अवैध हथियार से ही फायरिंग की घटना को अंजाम दिया गया था.

डीजीपी को करनी पड़ी समीक्षा, जारी किए गए निर्देश

राजधानी में आए दिन हो रही गोलीबारी, छिनतई और चोरी के मामलों में वृद्धि को लेकर खुद डीजीपी ने तीन जून को रांची के सभी वरीय पुलिस अफसरों को तलब किया और स्पष्ट निर्देश दिया कि हर हाल में राजधानी में हर तरह के अपराध पर लगाम लगाया जाए. राजधानी में होने वाली घटनाओं को लेकर डीजीपी ने बताया कि अधिकांश घटनाओं का खुलासा कर लिया गया है. उसमें शामिल अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. कुछ एक मामले में अब तक गिरफ्तारी नहीं हो पाई है. जिसपर पुलिस काम कर रही है.

राजधानी में क्यों बेकाबू हो गए हैं अपराधी

राजधानी रांची में अपराध की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि होने के पीछे सबसे प्रमुख वजह लोकसभा चुनाव की वजह से पुलिस अधिकारियों का अचानक तबादला है. लोकसभा चुनाव से पहले राज्य के सभी जिलों के वैसे पुलिस अफसर और कर्मी जो 3 साल से जिले में पदस्थापित थे उनका तबादला कर दिया गया. नए अफसरों ने जैसे ही जिला संभाला उन्हें चुनाव कार्य में लगा दिया गया.नतीजा थाना प्रभारियों को अपने क्षेत्र के बारे में जानने तक का मौका नहीं मिला. राजधानी में अभी भी कई थाना प्रभारी हैं जो अपने थाना क्षेत्र को अभी तक पूरी तरह से नहीं जानते हैं. कई थानों में ऐसे पुलिस अफसर की पोस्टिंग हो गई जो किसी ने किसी विवाद में फंस गए. जिसके बाद उन्हें थाना से हटाना पड़ा.

कहां से आ रहे हैं हथियार

रांची में एक्टिव एक पुराने हथियार तस्कर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अब बिहार का मुंगेर जिला हथियार तस्करी के लिए पुराना हो चुका है. अब बड़े पैमाने पर बड़े गैंगस्टर ही रांची सहित झारखंड के दूसरे जिलों में हथियार की सप्लाई कर रहे हैं. झारखंड में अब मध्य प्रदेश, पंजाब और दिल्ली से भी हथियार आ रहे हैं. रांची के शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक एक दर्जन से अधिक छोटे और बड़े हथियार सप्लायर फिलहाल एक्टिव हैं जो अवैध हथियार लाकर रांची में सप्लाई करते हैं.

पुलिस कर रही है अपराधियों पर नकेल कसने का प्रयास

एक तरफ अपराधी हर दिन रांची पुलिस को चुनौती दे रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ रांची पुलिस अपराधियों पर नकेल कसने की हर संभव कोशिश कर रही है. इसके तहत अब तक 30 से अधिक अपराधियों को जिला बदर कर दिया गया है. वहीं दर्जन भर अपराधी थानों में हाजिरी लगा रहे हैं. अवैध हथियार को लेकर विशेष चेकिंग अभियान चलाने का निर्देश रांची पुलिस कप्तान के द्वारा सभी थानों को दिया गया है. अवैध हथियार का इस्तेमाल कर रांची में शांति को भंग किया जा रहा है. यही वजह है कि सभी नए-पुराने हथियार तस्करों की लिस्ट बनाकर पुलिस सत्यापन कर रही है, ताकि उन पर कार्रवाई की जा सके.

अब थाना प्रभारी खुद जाएंगे अपराधियों के घर

अपराध पर नकेल कसने के लिए रांची एसएसपी के द्वारा सभी थाना प्रभारी को निर्देश दिया गया है कि जितने भी अपराधी जमानत पर छूट जेल से बाहर आए हैं थाना प्रभारी खुद उनके घरों पर जाकर उसका भौतिक सत्यापन करेंगे. भौतिक सत्यापन के दौरान अपराधी का सिग्नेचर रजिस्टर में अंकित करेंगे, जिसकी नियमित जांच की जाएगी.

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एक्सट्रीम बार और कोतवाली थाना क्षेत्र में फायरिंग की घटना से धूमिल हुआ पुलिस का चेहरा

रांची में लगातार फायरिंग की घटनाओं से पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं. फायरिंग के साथ रांची में चेन या मोबाइल स्नैचिंग और चोरी की वार की वारदात को जोड़ दिया जाए तो केस की फेहरिस्त बेहद लंबी हो जाएगी. सबसे चिंता की बात यह है कि पुलिस न छोटे अपराधों पर ब्रेक लगा पा रही है और न ही बड़े अपराधों पर. खासकर 27 मई से लेकर छह जून तक की रांची में फायरिंग की तीन वारदातों ने राजधानी की पुलिसिंग पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

27 मई को रांची के एक्सट्रीम बार में हुई थी गोलीबारी की घटना

27 मई 2024 को रांची के एक्सट्रीम बार में हुई गोलीबारी और डीजे संदीप की हत्या के बाद राजधानी में सनसनी फैल गई थी. गोलीबारी का सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद तो गोलीबारी की चर्चा देशभर में हुई. सीसीटीवी से ही चुटिया थाना पुलिस की लापरवाही भी उजागर हुई. जिसके बाद एसएसपी ने चुटिया थाना प्रभारी सहित तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया. मामले में अगर पुलिस सतर्क रहती तो अपराधी हत्याकांड को अंजाम नहीं दे पाते.

एक जून को रांची के डोरंडा थाना क्षेत्र में हुई थी फायरिंग

दूसरी घटना एक जून 2024 को रांची के डोरंडा थाना क्षेत्र के दर्जी मोहल्ला में हुई थी. जिसमें दो अपराधी गुट आपस में भिड़ गए थे. देखते ही देखते दोनों गुटों के बीच अवैध हथियार से फायरिंग भी शुरू हुई थी. इस फायरिंग में दोनों अपराधी गुटों को तो कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन पास में खेल रही एक बच्ची के पैर में गोली लग गई थी. फायरिंग की वारदात के बाद इलाके में खलबली मच गई थी, लेकिन एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी अभी तक इस मामले में कोई भी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है.

छह जून को कोतवाली थाना क्षेत्र में मारपीट के बाद हुई थी फायरिंग

छह जून 2024 को रांची के कोतवाली थाना क्षेत्र में एक जमीन पर कब्जे को लेकर दो गुटों में भिड़ंत हो गई थी. घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची थी और लड़ाई को शांत करा दिया था. लेकिन पुलिस से यही गलती हो गई पुलिस ने किसी भी मारपीट करने वाले आरोपी को घटना स्थल से नहीं उठाया. नतीजतन उसी दिन आधी रात को एक बार फिर से दोनों गुटों में मारपीट हो गई और इस दौरान फायरिंग की भी घटना हुई. इस गोलीबारी में मुकुंद नाम के एक युवक के जबड़े में ही गोली लग गई और कई लोग घायल हो गए थे.

गोलीबारी के बाद स्थानीय लोगों में पुलिस के प्रति गुस्सा दिखा. सैकड़ों की संख्या में लोगों ने कोतवाली थाना पहुंचकर जमकर हंगामा किया. साथ ही कोतवाली थानेदार और डीएसपी के साथ धक्का-मुक्की भी की गई. हालांकि बाद में पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए मारपीट में शामिल आठ लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इस वारदात में भी अवैध हथियार से ही फायरिंग की घटना को अंजाम दिया गया था.

डीजीपी को करनी पड़ी समीक्षा, जारी किए गए निर्देश

राजधानी में आए दिन हो रही गोलीबारी, छिनतई और चोरी के मामलों में वृद्धि को लेकर खुद डीजीपी ने तीन जून को रांची के सभी वरीय पुलिस अफसरों को तलब किया और स्पष्ट निर्देश दिया कि हर हाल में राजधानी में हर तरह के अपराध पर लगाम लगाया जाए. राजधानी में होने वाली घटनाओं को लेकर डीजीपी ने बताया कि अधिकांश घटनाओं का खुलासा कर लिया गया है. उसमें शामिल अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. कुछ एक मामले में अब तक गिरफ्तारी नहीं हो पाई है. जिसपर पुलिस काम कर रही है.

राजधानी में क्यों बेकाबू हो गए हैं अपराधी

राजधानी रांची में अपराध की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि होने के पीछे सबसे प्रमुख वजह लोकसभा चुनाव की वजह से पुलिस अधिकारियों का अचानक तबादला है. लोकसभा चुनाव से पहले राज्य के सभी जिलों के वैसे पुलिस अफसर और कर्मी जो 3 साल से जिले में पदस्थापित थे उनका तबादला कर दिया गया. नए अफसरों ने जैसे ही जिला संभाला उन्हें चुनाव कार्य में लगा दिया गया.नतीजा थाना प्रभारियों को अपने क्षेत्र के बारे में जानने तक का मौका नहीं मिला. राजधानी में अभी भी कई थाना प्रभारी हैं जो अपने थाना क्षेत्र को अभी तक पूरी तरह से नहीं जानते हैं. कई थानों में ऐसे पुलिस अफसर की पोस्टिंग हो गई जो किसी ने किसी विवाद में फंस गए. जिसके बाद उन्हें थाना से हटाना पड़ा.

कहां से आ रहे हैं हथियार

रांची में एक्टिव एक पुराने हथियार तस्कर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अब बिहार का मुंगेर जिला हथियार तस्करी के लिए पुराना हो चुका है. अब बड़े पैमाने पर बड़े गैंगस्टर ही रांची सहित झारखंड के दूसरे जिलों में हथियार की सप्लाई कर रहे हैं. झारखंड में अब मध्य प्रदेश, पंजाब और दिल्ली से भी हथियार आ रहे हैं. रांची के शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक एक दर्जन से अधिक छोटे और बड़े हथियार सप्लायर फिलहाल एक्टिव हैं जो अवैध हथियार लाकर रांची में सप्लाई करते हैं.

पुलिस कर रही है अपराधियों पर नकेल कसने का प्रयास

एक तरफ अपराधी हर दिन रांची पुलिस को चुनौती दे रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ रांची पुलिस अपराधियों पर नकेल कसने की हर संभव कोशिश कर रही है. इसके तहत अब तक 30 से अधिक अपराधियों को जिला बदर कर दिया गया है. वहीं दर्जन भर अपराधी थानों में हाजिरी लगा रहे हैं. अवैध हथियार को लेकर विशेष चेकिंग अभियान चलाने का निर्देश रांची पुलिस कप्तान के द्वारा सभी थानों को दिया गया है. अवैध हथियार का इस्तेमाल कर रांची में शांति को भंग किया जा रहा है. यही वजह है कि सभी नए-पुराने हथियार तस्करों की लिस्ट बनाकर पुलिस सत्यापन कर रही है, ताकि उन पर कार्रवाई की जा सके.

अब थाना प्रभारी खुद जाएंगे अपराधियों के घर

अपराध पर नकेल कसने के लिए रांची एसएसपी के द्वारा सभी थाना प्रभारी को निर्देश दिया गया है कि जितने भी अपराधी जमानत पर छूट जेल से बाहर आए हैं थाना प्रभारी खुद उनके घरों पर जाकर उसका भौतिक सत्यापन करेंगे. भौतिक सत्यापन के दौरान अपराधी का सिग्नेचर रजिस्टर में अंकित करेंगे, जिसकी नियमित जांच की जाएगी.

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