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अयोध्या में सेना की जमीन पर अवैध कब्जे के मामले में हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से मांगा जवाब - Ayodhya land Illegal occupation

अयोध्या में सेना की जमीन पर कब्जे का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. कोर्ट ने मामले में केंद्र और राज्य सरकार से जबाव मांगा है. तीन सप्ताह बाद मामले में सुनवाई की जानी है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 25, 2024, 7:31 AM IST

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अयोध्या जनपद के कैंट क्षेत्र में सेना की जमीनों पर अवैध कब्जे के मामले में केंद्र व राज्य सरकार से जवाब मांगा है. न्यायालय ने दोनों को तीन सप्ताह में विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने ‘प्रोटेक्शन ऑफ डिफेंस लैंड एट अयोध्या’ शीर्षक से दर्ज सुओ मोटो (स्वत: संज्ञान) याचिका पर पारित किया.

उल्लेखनीय है कि उक्त मामले में दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान, न्यायालय ने आदेश पारित करते हुए कहा था कि इस मामले में बेहतर होगा कि वर्तमान याचिका पर सुनवाई के बजाय स्वतः संज्ञान (सुओ मोटो) याचिका दर्ज की जाए. मामले में न्यायालय के समक्ष लेफ्टिनेंट कर्नल, स्टेशन हेडक्वार्टर, अयोध्या कैंट की ओर से 11 फरवरी 2023 को जिलाधिकारी, अयोध्या को भेजे गए एक पत्र का हवाला दिया गया था.

इसके साथ ही जिलाधिकारी अयोध्या द्वारा 19 फरवरी 2024 को डिफेंस अधिकारियों को उक्त मामले में भेजे गए पत्र को भी पेश करते हुए, दावा किया गया है कि लगभग 13391 एकड़ जमीन सेना के रायफल रेंज के तौर पर संरक्षित है जो कैंट क्षेत्र के कई गांवों में विस्तारित है. आरोप है कि उक्त जमीनों पर अवैध कब्जे किए जा रहे हैं. इस याचिका का अयोध्या विकास प्राधिकरण ने विरोध किया था.

कहा था कि याची का आपराधिक इतिहास होने की वजह से पूर्व में उसकी याचिका को न्यायालय ने नहीं सुना था. इसके बाद कोर्ट ने याचिका दर्ज कर सुनवाई का आदेश पारित कर दिया.

यह भी पढ़ें : आगरा में पीएम मोदी की जनसभा आज, भाजपा के लिए लकी रहा है कोठी मीना बाजार मैदान, रूट डायवर्जन लागू

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अयोध्या जनपद के कैंट क्षेत्र में सेना की जमीनों पर अवैध कब्जे के मामले में केंद्र व राज्य सरकार से जवाब मांगा है. न्यायालय ने दोनों को तीन सप्ताह में विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने ‘प्रोटेक्शन ऑफ डिफेंस लैंड एट अयोध्या’ शीर्षक से दर्ज सुओ मोटो (स्वत: संज्ञान) याचिका पर पारित किया.

उल्लेखनीय है कि उक्त मामले में दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान, न्यायालय ने आदेश पारित करते हुए कहा था कि इस मामले में बेहतर होगा कि वर्तमान याचिका पर सुनवाई के बजाय स्वतः संज्ञान (सुओ मोटो) याचिका दर्ज की जाए. मामले में न्यायालय के समक्ष लेफ्टिनेंट कर्नल, स्टेशन हेडक्वार्टर, अयोध्या कैंट की ओर से 11 फरवरी 2023 को जिलाधिकारी, अयोध्या को भेजे गए एक पत्र का हवाला दिया गया था.

इसके साथ ही जिलाधिकारी अयोध्या द्वारा 19 फरवरी 2024 को डिफेंस अधिकारियों को उक्त मामले में भेजे गए पत्र को भी पेश करते हुए, दावा किया गया है कि लगभग 13391 एकड़ जमीन सेना के रायफल रेंज के तौर पर संरक्षित है जो कैंट क्षेत्र के कई गांवों में विस्तारित है. आरोप है कि उक्त जमीनों पर अवैध कब्जे किए जा रहे हैं. इस याचिका का अयोध्या विकास प्राधिकरण ने विरोध किया था.

कहा था कि याची का आपराधिक इतिहास होने की वजह से पूर्व में उसकी याचिका को न्यायालय ने नहीं सुना था. इसके बाद कोर्ट ने याचिका दर्ज कर सुनवाई का आदेश पारित कर दिया.

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