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प्रतिबंधित सूची में गई गिरिडीह अंचल की 50 हजार एकड़ भूमि, जंगल - झाड़ के साथ सरकारी भूमि पर संचालित मिली फैक्ट्री, कार्रवाई की तैयारी - Illegal occupation of land

Encroachment on land of Giridih region. सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करने का काम वर्षों से चलता रहा है. गिरिडीह में तो कई लोगों ने तो न सिर्फ जमीन पर कब्जा जमा लिया बल्कि उसपर फैक्ट्री का संचालन भी करने लगे. इसकी शिकायत पहले भी होती रही है. अब जब पुनः जांच हो रही है तो चौकाने वाले कई मामले सामने आ रहे हैं.

Illegal occupation of 50 thousand acres of land in Giridih region
सरकारी जमीन के अतिक्रमण की जांच (ILLEGAL OCCUPATION OF LAND)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 12, 2024, 9:51 AM IST

Updated : Aug 12, 2024, 10:21 AM IST

गिरिडीहः शहर व उससे सटे इलाके में सरकारी भूमि जैसे गैरमजरुआ, परती कदीम, जंगल झाड़, नाला - नदी, तालाब की भूमि पर कब्जा वर्षों से होता रहा है. ऐसी भूमि पर कई निर्माण हुआ है. शहर से सटे औद्योगिक इलाके में तो कई फैक्ट्रियों का संचालन ऐसी ही भूमि पर हो रहा है. इसका खुलासा अंचल की जांच में हुआ है.

अंचल अधिकारी मोहम्मद असलम से खास बातचीत (ईटीवी भारत)

दरअसल जिलाधिकारी नमन प्रियेश लकड़ा के निर्देश के बाद गिरिडीह अंचल के द्वारा लगातार भूमि की जांच की जा रही है. अंचल अधिकारी मोहम्मद असलम के नेतृत्व में राजस्वकर्मी व अमीन यह देख रहे हैं कि अंचल के 216 मौजा में किस किस स्थान पर सरकारी भूमि है. यह भूमि कितनी परती है और कितनी भूमि पर कब्जा है. अभी तक की जांच में लगभग 50000 एकड़ भूमि को चिन्हित किया जा चुका है. ऐसी भूमि को प्रतिबंधित सूची की लिस्ट में डाल दिया गया है. जिन भूमि को चिन्हित किया गया है उनमें से कई भूमि पर कुछेक फैक्ट्री भी संचालित है.

क्या कहते हैं अंचलाधिकारी

अंचलाधिकारी ने कहा कि जिस तरह लंगटा बाबा स्टील के द्वारा गेट लगाने का मामला सामने आया और फिर गेट हटाया गया. इस मामले के बाद फिर से सरकारी भूमि को चिन्हित करने की कार्रवाई शुरू की गई है. प्रत्येक माह के अंतिम शुक्रवार को भूमि जांच से संबंधित बैठक हो रही है. इस बैठक में राजस्वकर्मी व अमीन अपनी रिपोर्ट दे रहे हैं और बता रहे हैं कि कौन-कौन सी जमीन सरकारी है जिस पर कब्जा हुआ है. इस सूची के अलावा सरकारी भूमि कहां-कहां परती पड़ी है इसकी भी रिपोर्ट ली जा रही है. कहा कि यदि आमलोगों को भी इसकी जानकारी हो तो उसे अंचल के समक्ष रख सकते हैं. पारदर्शिता से कार्रवाई होगी.

जेजे लैंड - नाले पर खड़ी फैक्ट्री निशाने पर

यहां बता दें कि जंगल और झाड़ की भूमि पर, नाले की जमीन पर अतिक्रमण करते हुए कुछेक नामी कंपनियों ने फैक्ट्री खड़ी की है. समय समय पर इसकी शिकायत भी होती रहती है. 2020 में एक वार्ड पार्षद ने भी इसी से जुड़ी शिकायत की थी. उस वक्त एसडीओ ने तत्कालीन सीओ से रिपोर्ट भी मांगा था. सीओ ने रिपोर्ट दी थी, जिसमें कहा था कि जमीन जंगल झाड़ की है लेकिन इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया. अब फिर से इन फाइलों को खोला जा रहा है.

विवादों से गहरा नाता

यहां यह भी बता दें कि जमीन के मामले में फैक्ट्री संचालकों का विवादों से गहरा नाता भी रहा है. अभी गेट लगाने को लेकर लंगटा बाबा स्टील और ग्रामीणों के बीच विवाद हुआ. बाद में लंगटा बाबा स्टील को गेट हटाना पड़ा. इस मामले में जमीन की मापी को लेकर अंचल ने फैक्ट्री प्रबंधन को आवेदन देने को कहा है. वहीं इससे पहले बरमसिया मौजा के अंतर्गत उत्पाद विभाग के वेयर हाउस जमीन का विवाद प्रसिद्ध उद्योगपति गुणवंत सिंह मोंगिया से जुड़ गया तो पिछले दिनों औद्योगिक इलाके की एक जमीन के टुकड़े को लेकर उद्योगपति ही भिड़ गए. कहा जाए तो कई उद्योगपतियों - जमीन और विवाद का गहरा नाता रहा है.

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गेट लगाने को लेकर लंगटा बाबा स्टील प्रबंधन और ग्रामीण आमने-सामने, सीओ ने दिया दरवाजा हटाने का निर्देश - Dispute for Gate

लंगटा बाबा स्टील प्रबंधन ने हटाया गेट, सीओ के स्थल निरीक्षण के बाद लिया गया निर्णय - Baba Steel management removed gate

गिरिडीहः शहर व उससे सटे इलाके में सरकारी भूमि जैसे गैरमजरुआ, परती कदीम, जंगल झाड़, नाला - नदी, तालाब की भूमि पर कब्जा वर्षों से होता रहा है. ऐसी भूमि पर कई निर्माण हुआ है. शहर से सटे औद्योगिक इलाके में तो कई फैक्ट्रियों का संचालन ऐसी ही भूमि पर हो रहा है. इसका खुलासा अंचल की जांच में हुआ है.

अंचल अधिकारी मोहम्मद असलम से खास बातचीत (ईटीवी भारत)

दरअसल जिलाधिकारी नमन प्रियेश लकड़ा के निर्देश के बाद गिरिडीह अंचल के द्वारा लगातार भूमि की जांच की जा रही है. अंचल अधिकारी मोहम्मद असलम के नेतृत्व में राजस्वकर्मी व अमीन यह देख रहे हैं कि अंचल के 216 मौजा में किस किस स्थान पर सरकारी भूमि है. यह भूमि कितनी परती है और कितनी भूमि पर कब्जा है. अभी तक की जांच में लगभग 50000 एकड़ भूमि को चिन्हित किया जा चुका है. ऐसी भूमि को प्रतिबंधित सूची की लिस्ट में डाल दिया गया है. जिन भूमि को चिन्हित किया गया है उनमें से कई भूमि पर कुछेक फैक्ट्री भी संचालित है.

क्या कहते हैं अंचलाधिकारी

अंचलाधिकारी ने कहा कि जिस तरह लंगटा बाबा स्टील के द्वारा गेट लगाने का मामला सामने आया और फिर गेट हटाया गया. इस मामले के बाद फिर से सरकारी भूमि को चिन्हित करने की कार्रवाई शुरू की गई है. प्रत्येक माह के अंतिम शुक्रवार को भूमि जांच से संबंधित बैठक हो रही है. इस बैठक में राजस्वकर्मी व अमीन अपनी रिपोर्ट दे रहे हैं और बता रहे हैं कि कौन-कौन सी जमीन सरकारी है जिस पर कब्जा हुआ है. इस सूची के अलावा सरकारी भूमि कहां-कहां परती पड़ी है इसकी भी रिपोर्ट ली जा रही है. कहा कि यदि आमलोगों को भी इसकी जानकारी हो तो उसे अंचल के समक्ष रख सकते हैं. पारदर्शिता से कार्रवाई होगी.

जेजे लैंड - नाले पर खड़ी फैक्ट्री निशाने पर

यहां बता दें कि जंगल और झाड़ की भूमि पर, नाले की जमीन पर अतिक्रमण करते हुए कुछेक नामी कंपनियों ने फैक्ट्री खड़ी की है. समय समय पर इसकी शिकायत भी होती रहती है. 2020 में एक वार्ड पार्षद ने भी इसी से जुड़ी शिकायत की थी. उस वक्त एसडीओ ने तत्कालीन सीओ से रिपोर्ट भी मांगा था. सीओ ने रिपोर्ट दी थी, जिसमें कहा था कि जमीन जंगल झाड़ की है लेकिन इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया. अब फिर से इन फाइलों को खोला जा रहा है.

विवादों से गहरा नाता

यहां यह भी बता दें कि जमीन के मामले में फैक्ट्री संचालकों का विवादों से गहरा नाता भी रहा है. अभी गेट लगाने को लेकर लंगटा बाबा स्टील और ग्रामीणों के बीच विवाद हुआ. बाद में लंगटा बाबा स्टील को गेट हटाना पड़ा. इस मामले में जमीन की मापी को लेकर अंचल ने फैक्ट्री प्रबंधन को आवेदन देने को कहा है. वहीं इससे पहले बरमसिया मौजा के अंतर्गत उत्पाद विभाग के वेयर हाउस जमीन का विवाद प्रसिद्ध उद्योगपति गुणवंत सिंह मोंगिया से जुड़ गया तो पिछले दिनों औद्योगिक इलाके की एक जमीन के टुकड़े को लेकर उद्योगपति ही भिड़ गए. कहा जाए तो कई उद्योगपतियों - जमीन और विवाद का गहरा नाता रहा है.

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Last Updated : Aug 12, 2024, 10:21 AM IST
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