श्रीगंगानगर. जिला मुख्यालय पर पुलिस के बाद अब चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने जिले में नशा बेचने वालों के खिलाफ मुहिम छेड़ी है. इसके तहत बड़ी कार्रवाई की गई और अस्पताल की आड़ में नशीली दवाओं का कारोबार का पर्दाफाश हुआ है. विभाग की कार्रवाई के बाद पुलिस ने भी मामला दर्ज किया है.
सीएमएचओ डॉ. अजय सिंगला ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग को जिला मुख्यालय स्थित एक निजी अस्पताल में नशीली दवाओं के कारोबार की शिकायत मिली थी. इस पर एक टीम का गठन किया गया और छापेमारी की गई. अस्पताल में मौके पर एक व्यक्ति मिला. वह मेडिकल स्टोर चला रहा था. साथ ही एक एमबीबीएस और एक साइकेट्रिक मिले.
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पूछताछ में सामने आया कि मेडिकल स्टोर का लाइसेंस नहीं है, इसके बावजूद वहां दवाओं का रख-रखाव व बेचान किया जा रहा था. निरीक्षण के दौरान मेडिकल स्टोर पर काफी संख्या में सामग्री सहित एनडीपीएस घटक के इंजेक्शन मिले, जिन्हें मौके पर ही जब्त किया गया. यहां नशीली दवाओं के साथ ही अन्य दवाओं के करीब 22 हजार से अधिक बिलों के रिकॉर्ड की भी जांच की जा रही है. इसी तरह कक्ष के निरीक्षण करने पर यहां 1500 से अधिक अवैध रूप से रखी गई नशीली दवाएं मिली, जिन्हें जब्त कर पुलिस के सुपुर्द किया गया है. एनडीपीएस घटक की इन दवाओं का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला.
इन दवाओं की खरीदने के संबंध में रिकॉर्ड मिला, लेकिन बेचने या मरीजों को दवा देने के संबंध में कोई रिकॉर्ड नहीं था. यहां कई अन्य चिकित्सकों के भी ऑन कॉल आने की जानकारी मिली है, जिसकी विभाग व पुलिस जांच कर रहा है. इस कार्रवाई के दौरान औषधी निरीक्षक गौरीशंकर, अमनदीप कौर, सुखदीप कौर एवं पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की टीम शामिल रही.
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सीएमएचओ डॉ. सिंगला ने जिलेवासियों से अपील की है कि जहां भी नशीली दवाओं के बेचे जाने की जानकारी मिले, उसकी स्वास्थ्य विभाग या पुलिस को सूचना अवश्य दें. पुलिस विभाग के साथ ही स्वास्थ्य विभाग भी नशे के खिलाफ कार्रवाई करेगा.