नूंह: पचगांव बाईपास पर स्थित सील तस्लीमा क्लीनिक में जच्चा-बच्चा की मौत मामला सामने आया है. जिसके बाद से नूंह स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. सूचना मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम क्लीनिक का निरीक्षण करने पहुंची. निरीक्षण के दौरान पता चला कि जनवरी में जिन कमरों को सील किया गया था. उनकी सील टूटी मिली. पुलिस की मदद से स्वास्थ्य विभाग की टीम ने क्लीनिक में करीब साढ़े चार घंटे तक बारीक निरीक्षण किया.
सील क्लीनिक में किया जा रहा था इलाज: दूसरी ओर भनक लगते ही क्लीनिक संचालिका अपने कर्मचारियों के साथ मौके से फरार होने में कामयाब रही. इसके बाद फिर से क्लीनिक को पूरी तरह से सील कर दिया है. इस दौरान बतौर ड्यूटी मजिस्ट्रेट के रूप में तावडू नायब तहसीलदार अरुणा चौहान मौजूद रही. जबकि स्वास्थ्य टीम ने तस्लीमा क्लीनिक की संचालिका के खिलाफ शहर थाना पुलिस को शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की है.
क्लीनिक संचालिका फरार: स्वास्थ्य टीम से मिली जानकारी के मुताबिक गुप्त सूचना पर उनकी टीम करीब 12 बजे नूंह में क्लीनिक का निरीक्षण करने पहुंची थी. टीम क्लीनिक के सामने पहुंची, तो गेट पर ताला जड़ा था. टीम सदस्य निरीक्षण करते हुए पीछे की ओर पहुंचे, तो इससे पहले ही क्लीनिक की संचालिका अपने कर्मचारियों के साथ फरार हो गई. पीछे के दरवाजे से ही टीम ने क्लीनिक में प्रवेश किया. फिर निरीक्षण शुरू किया.
क्लीनिक से मिली संदिग्ध दवाइयां: निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम को काफी दवाइयां, उपकरण और दस्तावेज मिले. जिन्हें कब्जे में ले लिया गया. टीम सदस्यों ने बताया इस क्लीनिक पर जनवरी महीने में स्वास्थ्य विभाग ने छापामारी की थी. इस दौरान दो कक्षों को सील कर दिया गया था, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अब जब दोबारा निरीक्षण किया. तो सभी कक्षों की सील टूटी मिली. निरीक्षण के दौरान क्लीनिक में संदिग्ध दवाइयां भी मिली हैं.
क्लीनिक का विवादों से पुराना नाता: बता दें कि क्लीनिक संचालिका का विवादों से गहरा नाता रहा है. जिसके खिलाफ पूर्व में करीब तीन मुकदमे दर्ज हैं. सबसे पहले नगर के लखपत चौक पर इनके क्लीनिक की शुरुआत हुई. जिसके संबंध में शिकायत मिलने पर नाम बदलकर मदीना क्लिनिक चलाया गया. फिर उसको लेकर भी कुछ शिकायतें स्वास्थ्य में पहुंची. जिनके आधार पर पुलिस कार्रवाई हुई. फिर नगर के बाईपास पर तस्लीमा क्लीनिक के नाम से नए क्लीनिक की शुरुआत की.
क्लीनिक में जच्चा-बच्चा की मौत: जनवरी में एक शिकायत पर नूंह स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापेमारी कर क्लीनिक के दो कक्षों को पूरी तरह सील कर दिया था. पुलिस ने केस दर्ज करते हुए आरोपी क्लीनिक संचालिका तस्लीमा को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन कुछ दिनों बाद जमानत मिलने के बाद कोर्ट और स्वास्थ्य विभाग के नियमों को धता बताते हुए सील अस्पताल में उपचार शुरू कर दिया. लोगों का कहना है कि सील अस्पताल को दोबारा से चलने को लेकर स्वास्थ्य विभाग को अवगत कराया, लेकिन गंभीरता नहीं दिखाई गई.
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