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बाबा विजयदास आत्मदाह मामले में आईओ ने लगाई एफआर, IG ने असहमति जताकर दिए जांच के आदेश - Baba Vijaydas Suicide

डीग जिले के बाबा विजयदास आत्महत्या मामले में आईओ ने एफआर प्रस्तावित की, जिसपर आईजी ने असहमति जताते हुए कामां एएसपी को जांच के आदेश दिए हैं.

बाबा विजयदास आत्महत्या
बाबा विजयदास आत्महत्या (ETV Bharat File Photo)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 28, 2024, 10:23 AM IST

Updated : Aug 28, 2024, 11:07 AM IST

आईजी राहुल प्रकाश (ETV Bharat Bharatpur)

भरतपुर : डीग जिले के पसोपा गांव में 2 साल पहले अवैध खनन रुकवाने के लिए बाबा विजयदास ने आत्महत्या कर ली थी. मामले में जांच अधिकारी ने एफआर प्रस्तावित कर दी है, जिसपर असहमति जताते हुए आईजी राहुल प्रकाश ने कामां के एडिशनल एसपी को जांच के लिए पत्रावली सौंपी है.

आईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि डीग जिले के कनकांचल और आदिबद्री पर्वतों पर हो रहे खनन को रोकने के लिए साधुओं ने लंबे समय तक धरना प्रदर्शन किया था. करीब डेढ़ साल तक चले धरना प्रदर्शन के बावजूद जब सरकार ने सुनवाई नहीं की, जिसपर बाबा विजयदास ने आत्महत्या करने की कोशिश की. इसके बाद उनका उपचार चला और दिल्ली में बाबा विजयदास की मौत हो गई.

मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच की और अब जांच अधिकारी ने मामले में एफआर प्रस्तावित की है, लेकिन मैं इससे सहमत नहीं हूं. कामां एडिशनल एसपी को दोबारा जांच के लिए पत्रावली सौंपी गई है. मामले में निष्पक्ष जांच की जाएगी. : राहुल प्रकाश, आईजी

पढे़ं. आत्मदाह से पहले बाबा विजयदास ने दी थी चेतावनी, कहा था- अब करो या मरो का रास्ता बचा... वीडियो वायरल

यह था मामला : डीग जिले के धार्मिकस्थल आदिबद्री धाम और कनकांचल पर्वतों पर खनन चल रहा था. क्षेत्र में खनन रुकवाने के लिए और धार्मिक महत्व के पर्वतों को बचाने के लिए 16 जनवरी 2021 को बाबा विजयदास और अन्य साधुओं ने डीग जिले के पसोपा गांव में धरना शुरू किया. धरने में धीरे-धीरे बड़ी संख्या में साधु जुड़ते गए और धरना बड़ा रूप लेता गया. उनका आरोप था कि करीब 551 दिन तक के धरने के बाद भी तत्कालीन सरकार ने सुनवाई नहीं की, जिसके चलते 20 जुलाई 2022 को बाबा विजयदास ने आत्महत्या की कोशिश की. बाबा विजयदास का दिल्ली के अस्पताल में उपचार चला, लेकिन 23 जुलाई को बाबा की मौत हो गई. बाद में मामले में राज्य सरकार ने जांच कमेटी गठित की और 757.40 हैक्टेयर क्षेत्र को वन क्षेत्र घोषित कर दिया गया.

आईजी राहुल प्रकाश (ETV Bharat Bharatpur)

भरतपुर : डीग जिले के पसोपा गांव में 2 साल पहले अवैध खनन रुकवाने के लिए बाबा विजयदास ने आत्महत्या कर ली थी. मामले में जांच अधिकारी ने एफआर प्रस्तावित कर दी है, जिसपर असहमति जताते हुए आईजी राहुल प्रकाश ने कामां के एडिशनल एसपी को जांच के लिए पत्रावली सौंपी है.

आईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि डीग जिले के कनकांचल और आदिबद्री पर्वतों पर हो रहे खनन को रोकने के लिए साधुओं ने लंबे समय तक धरना प्रदर्शन किया था. करीब डेढ़ साल तक चले धरना प्रदर्शन के बावजूद जब सरकार ने सुनवाई नहीं की, जिसपर बाबा विजयदास ने आत्महत्या करने की कोशिश की. इसके बाद उनका उपचार चला और दिल्ली में बाबा विजयदास की मौत हो गई.

मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच की और अब जांच अधिकारी ने मामले में एफआर प्रस्तावित की है, लेकिन मैं इससे सहमत नहीं हूं. कामां एडिशनल एसपी को दोबारा जांच के लिए पत्रावली सौंपी गई है. मामले में निष्पक्ष जांच की जाएगी. : राहुल प्रकाश, आईजी

पढे़ं. आत्मदाह से पहले बाबा विजयदास ने दी थी चेतावनी, कहा था- अब करो या मरो का रास्ता बचा... वीडियो वायरल

यह था मामला : डीग जिले के धार्मिकस्थल आदिबद्री धाम और कनकांचल पर्वतों पर खनन चल रहा था. क्षेत्र में खनन रुकवाने के लिए और धार्मिक महत्व के पर्वतों को बचाने के लिए 16 जनवरी 2021 को बाबा विजयदास और अन्य साधुओं ने डीग जिले के पसोपा गांव में धरना शुरू किया. धरने में धीरे-धीरे बड़ी संख्या में साधु जुड़ते गए और धरना बड़ा रूप लेता गया. उनका आरोप था कि करीब 551 दिन तक के धरने के बाद भी तत्कालीन सरकार ने सुनवाई नहीं की, जिसके चलते 20 जुलाई 2022 को बाबा विजयदास ने आत्महत्या की कोशिश की. बाबा विजयदास का दिल्ली के अस्पताल में उपचार चला, लेकिन 23 जुलाई को बाबा की मौत हो गई. बाद में मामले में राज्य सरकार ने जांच कमेटी गठित की और 757.40 हैक्टेयर क्षेत्र को वन क्षेत्र घोषित कर दिया गया.

Last Updated : Aug 28, 2024, 11:07 AM IST
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