कोरबा : एलपीजी गैस उपभोक्ताओं के लिए बड़ी अपडेट सामने आ रही है. यदि आपने एलपीजी गैस कनेक्शन का ई-केवाईसी नहीं कराया है, तो 31 मई से पहले करा लीजिए. क्योंकि राशन कार्ड के बाद अब एलपीजी गैस कनेक्शन के लिए उपभोक्ताओं का ई-केवाईसी किया जा रहा है. अगर आपने 31 मई तक ई-केवाईसी नहीं कराया तो आपका एलपीजी गैस कनेक्शन ब्लॉक हो सकता है.
ई-केवाईसी की अंतिम तारिख : केंद्र सरकार ने इसके लिए 31 मई तक की तिथि भी निर्धारित कर दी है. ई-केवाईसी नहीं कराने वालों का कनेक्शन पूरी तरह से ब्लॉक भी हो सकता है और सब्सिडी लेने में भी दिक्कत आएगी. विडंबना यह है कि अब तक 50 फीसदी लोगों ने अपने एलपीजी कनेक्शन का ई-केवाईसी कराया ही नहीं है. जबकि गैस वितरक लगातार केवाईसी कराने के लिए ग्राहकों से कह रहे हैं. लोग इसे लेकर गंभीर नहीं हैं.
घरेलू गैस की कीमत 892, उज्ज्वला का 525 : घरेलू एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमत वर्तमान में 892 है. यह सामान्य उपभोक्ता के लिए है. जबकि उज्जवला गैस के तहत कनेक्शन प्राप्त करने वाले बीपीएल परिवार को 367 रुपए की सब्सिडी मिलने के बाद गैस सिलेंडर 525 रुपए में मिल जाती है. इस कीमत पर गैस प्राप्त करने के लिए ई केवाईसी बेहद जरूरी है.
बताना होगा कौन इस्तेमाल कर रहा गैस कनेक्शन : कोरबा जिले में मुख्य रूप से एचपी, इंडेन और भारत गैस के कनेक्शन ज्यादातर लोगों के पास हैं. कमोबेश पूरे छत्तीसगढ़ में यही स्थिति है. अब पेट्रोलियम कंपनियों ने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि वे 31 मई तक ई-केवाईसी करवा लें. कंपनियों के मुताबिक, लोग इस काम को गंभीरता से लें, नहीं तो जून से सिलेंडर मिलने में दिक्कत आएगी. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय ने पिछले साल नया आदेश जारी कर कहा था कि जिन लोगों के नाम से सिलेंडर है, उन्हें गैस एजेंसी में जाकर बताना होगा कि सिलेंडर लेने वाले वहीं हैं. पहले इसके लिए समय सीमा तय नहीं की गई थी. लेकिन अब 31 मई तक का समय दिया गया है.
सस्ता सिलेंडर या सब्सिडी नहीं मिलेगी : इस सत्यापन के लिए लोगों से उनका आधार कार्ड मंगवाया जा रहा है. गैस एजेंसियों को ई-केवाईसी करने के लिए मशीन भी दी गई है. इसमें उन लोगों को अंगूठे का निशान लगाना है, जिनके नाम से गैस कार्ड है. केंद्र सरकार की ओर से जारी नए नियम के अनुसार, जो लोग ई-केवाईसी नहीं कराएंगे, उन्हें सस्ता सिलेंडर या सिलेंडर में मिलने वाली सब्सिडी नहीं मिलेगी.
आधार कार्ड लेकर जाना होगा गैस एजेंसी : ई-केवाईसी करवाने के लिए उपभोक्ताओं को अपना गैस कनेक्शन कार्ड लेकर गैस एजेंसी में जाना होगा. यहां ई केवाईसी मशीन मौजूद है. बायोमेट्रिक पहचान दर्ज करने के लिए अंगूठा लगाना होगा, जिसके बाद गैस वितरक केवाईसी की प्रक्रिया को कंप्लीट कर देंगे. कुछ कंपनियों ने लोगों को घर बैठे ऑनलाइन केवाईसी करने की सुविधा भी दी है.
जिले में आधे लोगों ने नहीं कराया ई केवाईसी : कोरबा जिले में ही साढ़े 4 लाख एलपीजी के गैस कनेक्शन हैं, जिनमें उज्जवला गैस कनेक्शन भी शामिल हैं. अलग-अलग गैस वितरकों से जानकारी लेने पर पता चला कि लगभग 50 फीसदी गैस कनेक्शन धारकों ने अपना ई केवाईसी करवाया ही नहीं है. इसी वर्ष के मार्च महीने में ई केवाईसी में तेजी आई थी,
लेकिन फिर चुनाव और आचार संहिता लगने की वजह से बाद यह काम धीमा हो गया. काफी कम लोग ही ई केवाईसी करवाने के लिए गैस वितरकों के पास जा रहे हैं.
"हमारी गैस एजेंसी में कुल 24 हजार 161 उपभोक्ता हैं. इनमें 7000 उज्ज्वला के कनेक्शन धारी हैं. दिक्कत यह है कि अब तक 7 हजार 405 लोगों ने ई केवाईसी नहीं करवाया है. यदि वह जल्दी ई केवाईसी नहीं करवाते हैं, तो उनका कार्ड पूरी तरह से ब्लॉक हो सकता है. हम लगातार उपभोक्ताओं से अपील कर रहे हैं कि ई केवाईसी करवा लें, लेकिन लोग इस दिशा में गंभीर नहीं हैं. ई केवाईसी के साथ ही हम सेफ्टी इंस्पेक्शन भी कर रहे हैं, लेकिन लोग इसमें रुचि नहीं ले रहे हैं." - आशीष अग्रवाल, संचालक, भारत गैस एजेंसी, कोरबा
राज्य भर के उपभोक्ताओं की यही स्थिति : कोरबा जिले के गोपालपुर में आईओसीएल का टर्मिनल है. यहां एलपीजी गैस का बॉटलिंग प्लांट भी है. इसलिए आइओसीएल को एलपीजी गैस और उज्जवला गैस के लिए नोडल संस्था बनाया गया है. इंडेन गैस एजेंसी के संचालक सौरभ ठक्कर कहते हैं कि ज्यादातर गैस कनेक्शन इंडेन के ही हैं. कोरबा जिले में लगभग साढे चार लाख एलपीजी गैस कनेक्शन धारी हैं, लेकिन इनमें से आधे लोगों ने ई-केवाईसी नहीं करवाया है. हमें जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार 31 मई अंतिम तिथि निर्धारित कर दी गई है. ई केवाईसी नहीं करवाने वालों को कई तरह की दिक्कत हो सकती है. हो सकता है उनका कार्ड ही पूरी तरह से ब्लॉक कर दिया जाए.