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अगर एम्स में करा रहे हैं इलाज और आपके पास नहीं है आयुष्मान कार्ड तो एम्स में भी बनवा सकते हैं कार्ड, जानें कैसे

Ayushman Card In Delhi AIIMS: अगर दिल्ली एम्स में इलाज करा रहे हैं और आपके पास आयुष्मान कार्ड नहीं है तो आप आयुष्मान भारत केंद्र एम्स में भी इसको बनवा सकते हैं. जानें क्या है इसकी प्रक्रिया..

दिल्ली एम्स
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 17, 2024, 10:51 PM IST

एम्स में आयुष्मान भारत योजना के प्रभारी प्रोफेसर वीके बंसल

नई दिल्लीः केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2018 में शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज कराने वाले लोगों को इसका लाभ मिल रहा है. दिल्ली एम्स में देश के कोने-कोने से इलाज कराने आने मरीज भी इसका बखूबी लाभ ले रहे हैं. एम्स प्रशासन भी इसका पूरा प्रयास कर रहा है कि जो भी मरीज आयुष्मान योजना के दायरे में आ रहा है, उसे इस योजना का लाभ एम्स में मिल पाए. इसके लिए यहां पर कई आयुष्मान केंद्र भी खोले गए हैं.

सबसे बड़ी बात यह है कि एम्स में सिर्फ उन मरीजों को ही आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिल रहा है जिनके पास आयुष्मान कार्ड है. बल्कि जिन मरीजों के पास आयुष्मान कार्ड नहीं है और वे एम्स में इलाज कराने आए हैं तो यहां ऑनलाइन यह चेक किया जाता है कि वे आयुष्मान योजना के दायरे में आ रहा है या नहीं. यहां गेट नंबर एक पर बनाए गए आयुष्मान भारत केंद्र पर मरीज के परिवार के मुखिया के आधार कार्ड से ऑनलाइन यह चेक कर लिया जाता है कि क्या वह आयुष्मान योजना के तहत आ रहा है? अगर वह आयुष्मान योजना के दायरे में आता है तो एम्स के द्वारा उसका आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रक्रिया पूरी करके आयुष्मान कार्ड बना दिया जाता है.

ये भी पढ़ें: एम्स ने AI तकनीक से कैंसर का जल्दी पता लगाने के लिए शुरू किया IOncology.Ai का परीक्षण

इसके बाद मरीज का पूरा इलाज आयुष्मान कार्ड से ही किया जाता है. एम्स में आयुष्मान भारत योजना के प्रभारी प्रोफेसर वीके बंसल ने बताया कि एम्स में हर महीने एक हजार मरीजों का इलाज आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत होता है. अब हमारी कोशिश है कि हम लाभ लेने वाले लोगों का आंकड़ा पांच हजार मरीज प्रति महीने तक बढ़ाएं. अभी एम्स में सिर्फ तीन आयुष्मान भारत केंद्र संचालित हैं. एम्स का परिसर बहुत बड़ा है और दूर-दूर तक फैला है, इसलिए चार केंद्र इसके लिए पर्याप्त नहीं हैं. इसलिए 31 मार्च 2024 तक हम इनकी संख्या बढ़ाकर 12 करने जा रहे हैं, जिससे और मरीजों को भी इस योजना का लाभ दिया जा सके.

साथ ही जिनके पास आयुष्मान कार्ड नहीं हैं उनके कार्ड बनाए जा सकें. वहीं, एम्स के डॉक्टर अब्दुल हकीम ने बताया कि केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के दायरे में आने वाले लोगों का डेटा ऑनलाइन कर दिया है. कोई भी व्यक्ति अपने आधार कार्ड से यह पता करा सकता है कि वह योजना के दायरे में आ रहा है या नहीं. जो लोग दायरे में आ रहे हैं उनका आयुष्मान कार्ड एम्स से भी और कहीं दूसरी जगह जन सेवा केंद्र से भी बनाया जा सकता है. उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली में दिल्ली सरकार की ओर से यह योजना लागू नहीं है. इसलिए जिन लोगों के आधार कार्ड दिल्ली के हैं वे लोग इस योजना के दायरे में नहीं आते हैं.

ये भी पढ़ें: दिल्ली एम्स: स्किन कैंसर मरीजों के लिए नई MOSH माइक्रोग्राफिक सर्जरी की शुरुआत, जानिए क्या है MOSH सर्जरी ?


एम्स में आयुष्मान भारत योजना के प्रभारी प्रोफेसर वीके बंसल

नई दिल्लीः केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2018 में शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज कराने वाले लोगों को इसका लाभ मिल रहा है. दिल्ली एम्स में देश के कोने-कोने से इलाज कराने आने मरीज भी इसका बखूबी लाभ ले रहे हैं. एम्स प्रशासन भी इसका पूरा प्रयास कर रहा है कि जो भी मरीज आयुष्मान योजना के दायरे में आ रहा है, उसे इस योजना का लाभ एम्स में मिल पाए. इसके लिए यहां पर कई आयुष्मान केंद्र भी खोले गए हैं.

सबसे बड़ी बात यह है कि एम्स में सिर्फ उन मरीजों को ही आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिल रहा है जिनके पास आयुष्मान कार्ड है. बल्कि जिन मरीजों के पास आयुष्मान कार्ड नहीं है और वे एम्स में इलाज कराने आए हैं तो यहां ऑनलाइन यह चेक किया जाता है कि वे आयुष्मान योजना के दायरे में आ रहा है या नहीं. यहां गेट नंबर एक पर बनाए गए आयुष्मान भारत केंद्र पर मरीज के परिवार के मुखिया के आधार कार्ड से ऑनलाइन यह चेक कर लिया जाता है कि क्या वह आयुष्मान योजना के तहत आ रहा है? अगर वह आयुष्मान योजना के दायरे में आता है तो एम्स के द्वारा उसका आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रक्रिया पूरी करके आयुष्मान कार्ड बना दिया जाता है.

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इसके बाद मरीज का पूरा इलाज आयुष्मान कार्ड से ही किया जाता है. एम्स में आयुष्मान भारत योजना के प्रभारी प्रोफेसर वीके बंसल ने बताया कि एम्स में हर महीने एक हजार मरीजों का इलाज आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत होता है. अब हमारी कोशिश है कि हम लाभ लेने वाले लोगों का आंकड़ा पांच हजार मरीज प्रति महीने तक बढ़ाएं. अभी एम्स में सिर्फ तीन आयुष्मान भारत केंद्र संचालित हैं. एम्स का परिसर बहुत बड़ा है और दूर-दूर तक फैला है, इसलिए चार केंद्र इसके लिए पर्याप्त नहीं हैं. इसलिए 31 मार्च 2024 तक हम इनकी संख्या बढ़ाकर 12 करने जा रहे हैं, जिससे और मरीजों को भी इस योजना का लाभ दिया जा सके.

साथ ही जिनके पास आयुष्मान कार्ड नहीं हैं उनके कार्ड बनाए जा सकें. वहीं, एम्स के डॉक्टर अब्दुल हकीम ने बताया कि केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के दायरे में आने वाले लोगों का डेटा ऑनलाइन कर दिया है. कोई भी व्यक्ति अपने आधार कार्ड से यह पता करा सकता है कि वह योजना के दायरे में आ रहा है या नहीं. जो लोग दायरे में आ रहे हैं उनका आयुष्मान कार्ड एम्स से भी और कहीं दूसरी जगह जन सेवा केंद्र से भी बनाया जा सकता है. उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली में दिल्ली सरकार की ओर से यह योजना लागू नहीं है. इसलिए जिन लोगों के आधार कार्ड दिल्ली के हैं वे लोग इस योजना के दायरे में नहीं आते हैं.

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