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ओवरएज होने से वाहन हो गया है डीरजिस्टर, तब भी ले सकते हैं पुराने वाहन का नंबर, जानिए क्या है प्रक्रिया - how GET DEREGISTERED VEHICLE No

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jun 25, 2024, 5:42 PM IST

Updated : Jun 25, 2024, 7:19 PM IST

अगर आपका वाहन ओवरएज होने से परिवहन विभाग द्वारा डीरजिस्टर हो गया है, तब भी आप अपने पुराने वाहन का नंबर ले सकते हैं. जानिए क्या है इसकी प्रक्रिया....

अपने ओवरएज हो गए वाहन का पुराना नंबर कैसे लें
अपने ओवरएज हो गए वाहन का पुराना नंबर कैसे लें (Etv Bharat)

नई दिल्ली: लोग वाहन लेने के बाद उस पर अच्छा नंबर भी लेते हैं. कई लोगों का मानना है कि उनके लिए कुछ नंबर लकी हैं. ऐसे में वह पैसे खर्च कर वाहन के लिए फैंसी या मनपसंद नंबर लेते हैं. अगर वाहन अपनी उम्र पूरी कर ओवरएज हो गया और परिवहन विभाग से डीरजिस्टर कर दिया गया है तब भी लोग अपने पुराने वाहन का नंबर ले सकते हैं. दिल्ली में हाल ही में उम्र पूरी कर चुके 55 लाख वाहन डीरजिस्टर कर दिए गए. जानिए पुराने नंबर को फिर से कैसे ले
सकते हैं..

सबसे पहले वाहन को स्क्रैप कराना होगा

परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक यदि कोई वाहन जो अपनी उम्र पूरी कर चुका है व परिवहन विभाग द्वारा डीरजिस्टर कर दिया गया है. तो सबसे पहले वाहन को स्क्रैप कराना होगा. दिल्ली परिवहन विभाग के अधिकृत स्क्रैपर से ही वाहन स्क्रैप कराकर सर्टीफिकेट लेना होगा. यह सर्टिफिकेट ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट में पुराने नंबर के लिए आवेदन पत्र के साथ जमा करना होता है.

नंबर के लिए जमा करना होगा शुल्क

परिवहन विभाग की फैंसी व वीआईपी नंबरों की लिस्ट है. जिन नंबरों की बेस प्राइस डेढ़ लाख से पांच लाख रुपये निर्धारित है. यदि किसी के पुराने वाहन का नंबर वीआईपी या फैंसी नंबर की लिस्ट में है हो तो उसके बेस प्राइज का 10 प्रतिशत शुल्क जमा करना होगा या फिर 25 हजार रुपये का शुल्क जमा करना होगा. बता दें कि साधारण नंबर के लिए 25 हजार रुपये का शुल्क निर्धारित है. उदाहरण के लिए यदि किसी के पुराने वाहन का नंबर 0001 है. तो यह नंबर वीआईपी नंबर है, और इसका बेस प्राइज पांच लाख रुपये है. दोबारा यह नंबर लेने के लिए 50 हजार रुपये का शुल्क जमा करना होगा. यदि किसी के पुराने वाहन का नंबर 5211 है जो यह एक साधारण नंबर है और परिवहन विभाग के वीआईपी या फैंसी नंबर लिस्ट से बाहर है तो यह नंबर लेने के लिए 25 हजार रुपये शुल्क जमा करना होगा.

1.50 लाख रुपये में चार पहिया वाहन के लिए है ये नंबर:

0100, 0111, 0200, 0222, 0300, 0400, 0444, 0500, 0555, 0600, 0666, 0700, 0777, 0800, 0888, 0900, 0999, 2000, 2222, 3000, 0333, 4000, 4444, 5000, 5555, 6000, 6666, 7000, 8000, 8888, 9000, 0101, 0108, 1008 और 1313 नंबर हैं, जिनका बेस प्राइज 1.50 लाख रुपये है. दो पहिया वाहनों के लिए इन नंबरों का बेस प्राइस 15 हजार रुपये है. लोग इन नंबरों के लिए www.pariwahan.gov.in पर आनलाइन आवेदन कर सकते हैं. एक नंबर के लिए एक से अधिक लोग आवेदन आवेदन आने पर बोली लगती है. अधिक पैसा देने वाले को नंबर मिलता है.

दिल्ली में सबसे महंगे नंबरों की लिस्ट:

नंबरकारबाइक
00015 लाख 50 हजार
0002 से 00093 लाख30 हजार
0010 से 00992 लाख 20 हजार
0786, 1000, 1111, 7777, 99992 लाख20 हजार

संक्षिप्त में समझें कैसे लें डीरजिस्टर हुए वाहन का नंबरः

  1. सबसे पहले अधिकृत दुकान पर अपनी डीरजिस्टर गाड़ी को स्क्रैप कराएं.
  2. स्क्रैप का सर्टीफिकेट परिवहन विभाग में देकर नंबर के लिए आवेदन करें.
  3. वीआईपी नंबर है तो उसके बेस प्राइज का 10 प्रतिशत शुल्क जमा होगा.
  4. सामान्य नंबर है तो उसका 25 हजार रुपये शुल्क जमा करना पड़ेगा.
  5. 10 प्रतिशत या 25 हजार में जो ज्यादा होगा वही शुल्क लिया जाता है.
  6. परिवहन विभाग में ये प्रक्रिया पूरी कर पूराने वाहन का नंबर ले सकते हैं.
  7. वाहन डीरजिस्टर होने के छह माह के भीतर ही पुराना नंबर ले सकते हैं.

ये भी पढ़ें: दिल्ली में नहीं शुरू हुई स्क्रैप पॉलिसी, ओवरएज हुए 55 लाख वाहनों का पंजीकरण रद्द

नई दिल्ली: लोग वाहन लेने के बाद उस पर अच्छा नंबर भी लेते हैं. कई लोगों का मानना है कि उनके लिए कुछ नंबर लकी हैं. ऐसे में वह पैसे खर्च कर वाहन के लिए फैंसी या मनपसंद नंबर लेते हैं. अगर वाहन अपनी उम्र पूरी कर ओवरएज हो गया और परिवहन विभाग से डीरजिस्टर कर दिया गया है तब भी लोग अपने पुराने वाहन का नंबर ले सकते हैं. दिल्ली में हाल ही में उम्र पूरी कर चुके 55 लाख वाहन डीरजिस्टर कर दिए गए. जानिए पुराने नंबर को फिर से कैसे ले
सकते हैं..

सबसे पहले वाहन को स्क्रैप कराना होगा

परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक यदि कोई वाहन जो अपनी उम्र पूरी कर चुका है व परिवहन विभाग द्वारा डीरजिस्टर कर दिया गया है. तो सबसे पहले वाहन को स्क्रैप कराना होगा. दिल्ली परिवहन विभाग के अधिकृत स्क्रैपर से ही वाहन स्क्रैप कराकर सर्टीफिकेट लेना होगा. यह सर्टिफिकेट ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट में पुराने नंबर के लिए आवेदन पत्र के साथ जमा करना होता है.

नंबर के लिए जमा करना होगा शुल्क

परिवहन विभाग की फैंसी व वीआईपी नंबरों की लिस्ट है. जिन नंबरों की बेस प्राइस डेढ़ लाख से पांच लाख रुपये निर्धारित है. यदि किसी के पुराने वाहन का नंबर वीआईपी या फैंसी नंबर की लिस्ट में है हो तो उसके बेस प्राइज का 10 प्रतिशत शुल्क जमा करना होगा या फिर 25 हजार रुपये का शुल्क जमा करना होगा. बता दें कि साधारण नंबर के लिए 25 हजार रुपये का शुल्क निर्धारित है. उदाहरण के लिए यदि किसी के पुराने वाहन का नंबर 0001 है. तो यह नंबर वीआईपी नंबर है, और इसका बेस प्राइज पांच लाख रुपये है. दोबारा यह नंबर लेने के लिए 50 हजार रुपये का शुल्क जमा करना होगा. यदि किसी के पुराने वाहन का नंबर 5211 है जो यह एक साधारण नंबर है और परिवहन विभाग के वीआईपी या फैंसी नंबर लिस्ट से बाहर है तो यह नंबर लेने के लिए 25 हजार रुपये शुल्क जमा करना होगा.

1.50 लाख रुपये में चार पहिया वाहन के लिए है ये नंबर:

0100, 0111, 0200, 0222, 0300, 0400, 0444, 0500, 0555, 0600, 0666, 0700, 0777, 0800, 0888, 0900, 0999, 2000, 2222, 3000, 0333, 4000, 4444, 5000, 5555, 6000, 6666, 7000, 8000, 8888, 9000, 0101, 0108, 1008 और 1313 नंबर हैं, जिनका बेस प्राइज 1.50 लाख रुपये है. दो पहिया वाहनों के लिए इन नंबरों का बेस प्राइस 15 हजार रुपये है. लोग इन नंबरों के लिए www.pariwahan.gov.in पर आनलाइन आवेदन कर सकते हैं. एक नंबर के लिए एक से अधिक लोग आवेदन आवेदन आने पर बोली लगती है. अधिक पैसा देने वाले को नंबर मिलता है.

दिल्ली में सबसे महंगे नंबरों की लिस्ट:

नंबरकारबाइक
00015 लाख 50 हजार
0002 से 00093 लाख30 हजार
0010 से 00992 लाख 20 हजार
0786, 1000, 1111, 7777, 99992 लाख20 हजार

संक्षिप्त में समझें कैसे लें डीरजिस्टर हुए वाहन का नंबरः

  1. सबसे पहले अधिकृत दुकान पर अपनी डीरजिस्टर गाड़ी को स्क्रैप कराएं.
  2. स्क्रैप का सर्टीफिकेट परिवहन विभाग में देकर नंबर के लिए आवेदन करें.
  3. वीआईपी नंबर है तो उसके बेस प्राइज का 10 प्रतिशत शुल्क जमा होगा.
  4. सामान्य नंबर है तो उसका 25 हजार रुपये शुल्क जमा करना पड़ेगा.
  5. 10 प्रतिशत या 25 हजार में जो ज्यादा होगा वही शुल्क लिया जाता है.
  6. परिवहन विभाग में ये प्रक्रिया पूरी कर पूराने वाहन का नंबर ले सकते हैं.
  7. वाहन डीरजिस्टर होने के छह माह के भीतर ही पुराना नंबर ले सकते हैं.

ये भी पढ़ें: दिल्ली में नहीं शुरू हुई स्क्रैप पॉलिसी, ओवरएज हुए 55 लाख वाहनों का पंजीकरण रद्द

Last Updated : Jun 25, 2024, 7:19 PM IST
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