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अगर हाथ-पैर में है कंपन, चलने-फिरने में बिगड़ता है संतुलन तो हो जाएं सचेत, इस बीमारी के हो सकते हैं लक्षण - WORLD MOVEMENT DISORDER DAY 2024

MOVEMENT DISORDER SYMPTOMS : जागरूकता कार्यक्रम में चिकित्सक ने दी जानकारी. आज मनाया जा रहा मूवमेंट डिसआर्डर दिवस.

मूवमेंट डिसआर्डर पर चिकित्सक ने लोगों को किया जागरूक.
मूवमेंट डिसआर्डर पर चिकित्सक ने लोगों को किया जागरूक. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 29, 2024, 8:40 AM IST

लखनऊ : अगर आपके हाथ-पैर में कंपन रहता हो, चलने-फिरने में लड़खड़ाहट होती है तो सचेत हो जाएं. यह एक बीमारी के संकेत हो सकते हैं. समय पर इनका इलाज शुरू कराकर इन समस्याओं से निजात पाया जा सकता है. चिकित्सा विज्ञान में इसे मूवमेंट डिसआर्डर कहते हैं. लोहिया संस्थान में न्यूरोलॉजी विभाग के डॉ. दिनकर कुलश्रेष्ठ ने इस पर विस्तार से जानकारी दी.

कार्यक्रम में चिकित्सक ने दी कई अहम जानकारियां.
कार्यक्रम में चिकित्सक ने दी कई अहम जानकारियां. (Photo Credit; ETV Bharat)

डॉ. दिनकर गुरुवार को संस्थान में मूवमेंट डिसआर्डर पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम को संबंधित कर रहे थे. आज 29 नवंबर को विश्व मूवमेंट डिसआर्डर दिवस भी मनाया जा रहा है. कार्यक्रम में डॉ. दिनकर कुलश्रेष्ठ ने कहा कि दिमागी बुखार व अत्याधिक शराब का नशा करने वालों में यह समस्या पनप सकती है. कुछ लोगों में यह अनुवंशिक कारणों से भी हो सकता है. संक्रमण व सिर में चोट लगने के बाद भी मरीजों में मूवमेंट डिसआर्डर हो सकता है.

डॉ. दिनकर ने बताया कि दवाओं से बीमारी पर काबू पाया जा सकता है. कुछ मरीजों को हर तीन माह पर कुछ खास तरह का इंजेक्शन देने की जरूरत पड़ती है. कुछ मरीजों को ऑपरेशन के जरिए भी राहत दिलाई जा सकती है. फिजियोथेरेपी से भी बीमारी के प्रभाव को कम किया जा सकता है. डॉ. अब्दुल कवि ने कहा कि इन बीमारियों के कारण होने वाले सामाजिक भेदभाव नहीं करना चाहिए.

इससे मरीजों की दिनचर्या प्रभावित होती है. मरीजों से बात करें. उनकी पीड़ा सुने. मनोबल बढ़ाएं. इस मौके पर डॉ. प्रदीप मौर्या ने मरीजों के साथ होते सामाजिक भेदभाव से जुड़े सवालों के जवाब दिए. इस मौके पर विभाग के अध्यक्ष डॉ. एके सिंह, डॉ. वीएस गोगिया, डॉ. यशवीर समेत अन्य विभागों के डॉक्टर मौजूद रहे.

यह भी पढ़ें : शरीर में चुपचाप पल रही कई बीमारियों का संकेत देते हैं आपके पैर, एक्सपर्ट ने बताया पैरों से कैसे पहचानें बीमारियां

लखनऊ : अगर आपके हाथ-पैर में कंपन रहता हो, चलने-फिरने में लड़खड़ाहट होती है तो सचेत हो जाएं. यह एक बीमारी के संकेत हो सकते हैं. समय पर इनका इलाज शुरू कराकर इन समस्याओं से निजात पाया जा सकता है. चिकित्सा विज्ञान में इसे मूवमेंट डिसआर्डर कहते हैं. लोहिया संस्थान में न्यूरोलॉजी विभाग के डॉ. दिनकर कुलश्रेष्ठ ने इस पर विस्तार से जानकारी दी.

कार्यक्रम में चिकित्सक ने दी कई अहम जानकारियां.
कार्यक्रम में चिकित्सक ने दी कई अहम जानकारियां. (Photo Credit; ETV Bharat)

डॉ. दिनकर गुरुवार को संस्थान में मूवमेंट डिसआर्डर पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम को संबंधित कर रहे थे. आज 29 नवंबर को विश्व मूवमेंट डिसआर्डर दिवस भी मनाया जा रहा है. कार्यक्रम में डॉ. दिनकर कुलश्रेष्ठ ने कहा कि दिमागी बुखार व अत्याधिक शराब का नशा करने वालों में यह समस्या पनप सकती है. कुछ लोगों में यह अनुवंशिक कारणों से भी हो सकता है. संक्रमण व सिर में चोट लगने के बाद भी मरीजों में मूवमेंट डिसआर्डर हो सकता है.

डॉ. दिनकर ने बताया कि दवाओं से बीमारी पर काबू पाया जा सकता है. कुछ मरीजों को हर तीन माह पर कुछ खास तरह का इंजेक्शन देने की जरूरत पड़ती है. कुछ मरीजों को ऑपरेशन के जरिए भी राहत दिलाई जा सकती है. फिजियोथेरेपी से भी बीमारी के प्रभाव को कम किया जा सकता है. डॉ. अब्दुल कवि ने कहा कि इन बीमारियों के कारण होने वाले सामाजिक भेदभाव नहीं करना चाहिए.

इससे मरीजों की दिनचर्या प्रभावित होती है. मरीजों से बात करें. उनकी पीड़ा सुने. मनोबल बढ़ाएं. इस मौके पर डॉ. प्रदीप मौर्या ने मरीजों के साथ होते सामाजिक भेदभाव से जुड़े सवालों के जवाब दिए. इस मौके पर विभाग के अध्यक्ष डॉ. एके सिंह, डॉ. वीएस गोगिया, डॉ. यशवीर समेत अन्य विभागों के डॉक्टर मौजूद रहे.

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