पटना: प्रदेश में कंप्यूटर शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए एजेंसी के माध्यम से शिक्षा विभाग ने 21 नवंबर को बीते वर्ष विद्यालयों में आईसीटी इंस्ट्रक्टर्स की नियुक्ति की. इनका काम सरकारी विद्यालयों के बच्चों को बेसिक कंप्यूटर स्किल का प्रैक्टिकल नॉलेज देना था. लेकिन शिक्षा विभाग के माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव के मार्च में जारी आदेश के बाद 1 अप्रैल से यह आईसीटी इंस्ट्रक्टर्स विद्यालयी सेवा से बाहर हो गए हैं.
आईसीटी इंस्ट्रक्टर्स का पटना में विरोध प्रदर्शन: ऐसे में नौकरी जाने के विरोध में आईसीटी इंस्ट्रक्टर्स ने पटना की सड़कों पर सोमवार को खूब बवाल काटा. कभी सीएम आवास का घेराव करने गए तो पुलिस ने लटिया चटकाया तो कभी बीजेपी कार्यालय का घेराव किया जहां पुलिस ने वहां से उन्हें खदेड़ा. बीजेपी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे आईसीटी इंस्ट्रक्टर्स ने कहा कि बिना किसी पूर्व सूचना के एक झटके में उन लोगों की सेवा छीन ली गई है और बेरोजगार कर दिया गया है.
"21 नवंबर को हम लोगों की बहाली हुई थी और प्रदेश में कंप्यूटर शिक्षकों की कमी थी तो हमारी बहाली हुई थी. 6 साल की सेवा के लिए बहाली हुई थी लेकिन तीन-चार महीने की ड्यूटी करा कर ही बिना कोई कारण बताए हमारी नौकरी छीन ली गई है. अब जब इसका जवाब पूछने के लिए मंत्री और अधिकारी के पास पहुंच रहे हैं तो हमें लोगों को खदेड़ दिया जा रहा है."- माला सिन्हा, आईसीटी इंस्ट्रक्टर
'बिना किसी सूचना तीन-चार महीने में ही हटा दिया': आईसीटी इंस्ट्रक्टर संजीत कुमार ने बताया कि "4 से 5 महीने से हम ड्यूटी कर रहे हैं और भारत सरकार के महत्वाकांक्षी योजना के तहत स्कूली बच्चों को कंप्यूटर की बेसिक शिक्षा देने की जिम्मेदारी थी. कंपनी के माध्यम से विद्यालयों के लिए चयन किया गया जिसके लिए डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन हुआ और इंटरव्यू भी लिया गया. 6 साल के लिए हमारी बहाली हुई थी लेकिन बिना किसी सूचना तीन-चार महीने में ही नौकरी से हटा दिया गया है और कोई कारण नहीं बताया गया है."
आईसीटी इंस्ट्रक्टरों में नाराजगी: आईसीटी इंस्ट्रक्टर नयन कुमार ने बताया कि भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना बू और बूट है. इसके तहत मध्य और माध्यमिक विद्यालयों में बच्चों को कंप्यूटर की बेसिक शिक्षा देने की उनकी जिम्मेदारी थी. सरकार ने एजेंसी से करार कर इंटरव्यू लेकर 6 साल के लिए उन लोगों की नियुक्ति की लेकिन 4 महीने में ही उन्हें बिना किसी कारण के बेरोजगार कर दिया.
"सरकार अब कह रही है कि बीपीएससी से चयनित शिक्षक ही बच्चों को कंप्यूटर पढ़ाएंगे. ऐसे में सरकार के पास जब तक कमी थी उनका इस्तेमाल किया और तमाम शर्तों का उल्लंघन करते हुए 4 महीने में ही उन्हें नौकरी से निकाल दिया जबकि एक महीना का भी वेतन नहीं मिला है."- नयन कुमार,आईसीटी इंस्ट्रक्टर
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