लाहौल स्पीति: हिमाचल प्रदेश के ऊपरी इलाकों में जहां 4 दिनों तक जमकर बर्फबारी और बारिश हुई तो वहीं, अब गुरुवार से प्रदेश में मौसम भी साफ होना शुरू हो गया है. इसके साथ ही अब ऊंचाई वाले इलाकों में हिमखंड गिरने का खतरा भी बन गया है. लाहौल घाटी के अगर बात करें तो गुरुवार सुबह जोबरंग गांव की पहाड़ी से हिमखंड नीचे आ गिरा.
मौसम साफ होने के बाद हिमखंड गिरने का बना रहता है खतरा
गनीमत यह रही कि यह हिमखंड गांव के दूसरे इलाके की ओर गिरा. जिस कारण किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ. वहीं, अब हिमाचल प्रदेश के विभिन्न ऊंचाई वाले इलाकों में हिमखंड गिरने की भी चेतावनी जारी की गई है. ऐसे में अब मौसम साफ होने के बाद लोगों को हिमखंड गिरने जैसी समस्या का भी सामना करना होगा. बीते दिन ही भारत सरकार के रक्षा भू-सूचना विज्ञान अनुसंधान प्रतिष्ठान ने हिमाचल प्रदेश के पांच जिलों में हिमखंड की चेतावनी जारी की थी. जिसमें जिला कुल्लू, चंबा, किन्नौर, शिमला व लाहौल-स्पीति जिले के 2700 मीटर की ऊंचाई वाले इलाके शामिल हैं.
ऊंचाई वाले इलाकों का रुख न करें लोग
जिला प्रशासन के द्वारा भी इस बारे एडवाइजरी जारी की गई है और आम लोगों से भी आग्रह किया गया है कि वह ऊंचाई वाले इलाकों का रुख बिल्कुल ना करें. जिला कुल्लू की अगर बात करें तो अब सोलंग नाला से अटल टनल तक सड़क बहाली का काम भी बीआरओ के कर्मचारियों के द्वारा शुरू कर दिया गया है. वहीं, सैलानियों को भी अब नेहरू कुंड से आगे भेजा जा रहा है, ताकि वह मनाली के पर्यटन स्थलों पर बर्फबारी के बीच मस्ती कर सकें. इसके अलावा औट-बंजार-सैंज हाईवे तीन भी सभी तरह के वाहनों के लिए अवरूद्ध है. इसके अलावा बंजार में चार, कुल्लू में चार, मनाली में 13 और बाह्य सराज आनी-निरमंड में भी दो सड़कें बंद हैं. सड़कों के बंद होने से लोग कड़ाके की ठंड में मीलों दूर पैदल सफर करने को मजबूर हैं.
क्या बोले डीसी कुल्लू
डीसी कुल्लू तोरुल एस रवीश ने बताया कि हिमखंड गिरने को लेकर जिला कुल्लू में एडवाइजरी जारी की गई है और बंद सड़कों को बहाल करने का काम भी अब शुरू कर दिया गया है. इसके अलावा जिन इलाकों में बिजली की समस्या है उसे समस्या को भी दूर किया जा रहा है, ताकि लोगों को दिक्कत का सामना न करना पड़े.
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