रांचीः 2011 बैच के आईएएस अधिकारी मंजूनाथ भजंत्री ने मंगलवार को रांची के उपायुक्त का पदभार ग्रहण कर लिया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि दुर्गा पूजा, दीपावली और छठ जैसे पर्व को शांतिपूर्ण तरीके संपन्न कराने के साथ-साथ ग्रामीण स्तर पर सरकार की योजनाओं को पहुंचाना उनकी पहली प्राथमिकता होगी. विधानसभा चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि तैयारियां तो पूर्व से ही चल रही हैं. उसको आगे बढ़ाया जाएगा. यहां सभी पदाधिकारी अनुभवी हैं. टीम वर्क के साथ सभी चुनौतियों का सामना करेंगे.
निवर्तमान डीसी ने किया स्वागत
बता दें कि इससे पहले निवर्तमान उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री को गुलदस्ता देकर स्वागत किया. कागजी तौर पर पदभार ग्रहण करने की प्रक्रिया पूरी करने के बाद उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने भी निवर्तमान उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा को गुलदस्ता भेंट किया. इस दौरान दोनों अधिकारियों ने गले मिलकर एक दूसरे का अभिवादन किया. इस मौके पर डीसी ऑफिस में सेवारत तमाम वरीय पदाधिकारी मौजूद थे.
सांसद निशिकांत दुबे ने लगाया था आरोप
आपके बता दें कि देवघर के उपायुक्त रहते हुए मंजूनाथ भजंत्री काफी सुर्खियों में थे. एक घटना 31 अगस्त 2022 को हुई थी. गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 5 सितंबर 2022 को लोकसभा स्पीकर को पत्र लिखकर देवघर डीसी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का मामला लाया था. उन्होंने दिल्ली में जीरो एफआईआर भी दर्ज करायी थी.
स्पीकर को बताया कि वह 31 अगस्त को सांसद मनोज तिवारी और अपने दो पुत्रों के अलावा अन्य के साथ चार्टर्ड प्लेन से दुमका गए थे. वहां एक नाबालिग लड़की को जिंदा जला दिया गया था. वहां से दिल्ली लौटने के लिए देवघर एयरपोर्ट पहुंचने पर एयरपोर्ट के कर्मियों ने उनका स्वागत किया और नए एयरपोर्ट की व्यवस्था से अवगत कराने का आग्रह किया.
विशेषाधिकार हनन का मामला लाया था
इसी बीच देवघर के डीसी आ पहुंचे और मुझसे, मेरे बेटों और अन्य गणमान्य से बदतमीजी करने लगे. जब एयरपोर्ट के डायरेक्टर ने आपत्ति जतायी तो उनपर भी चिल्लाने लगे. वह कहने लगे कि ये लोग एटीसी में आने के लिए अधिकृत नहीं है. वह यह भी कहने लगे कि सांसद के दबाव डालने पर टेक ऑफ का क्लीयरेंस क्यों दिया गया. इसके बाद उन्होंने हम सभी के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवा दी. लेकिन इसपर एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया ने कोई आपत्ति नहीं जतायी. इसलिए डीसी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए.
क्या थी आईएएस मंजूनाथ भजंत्री दी दलील
वहीं डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने इस बात को सीरे से खारिज कर दिया कि वह 31 अगस्त 2022 को एयरपोर्ट गए ही नहीं थे. उनकी तो सांसद से मुलाकात भी नहीं हुई थी. फोन पर भी बात नहीं हुई थी. उन्होंने तो एक सितंबर को देवघर एयरपोर्ट के टर्मिनल लाउंज में रिव्यू मीटिंग की थी. सांसद ने जो आरोप लगाये हैं, वह पूरी तरह निराधार हैं.
हाईकोर्ट ने निरस्त की थी एफआईआर
उन्होंने सांसद की शिकायत पर 30 दिसंबर 2022 को राज्य के कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग को पत्र लिखकर अपनी ओर से स्थिति स्पष्ट की थी. उन्होंने कहा कि देवघर एयरपोर्ट के सुरक्षा प्रभारी सह डीएसपी सुमन आनन ने 31 अगस्त को पाया कि सांसद निशिकांत दुबे, उनके दो पुत्र, सांसद मनोज तिवारी और अन्य बिना अनुमति के एटीसी यानी एयर ट्रैफिक कंट्रोल में घुस गए थे. यहां वे शाम 5.30 के बाद भी उड़ान के लिए एटीसी के कर्मियों पर क्लियरेंस का दबाव डाल रहे थे. जीरो एफआईआर को आईएएस मंजूनाथ भजंत्री ने झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. इसी साल अगस्त माह में हाईकोर्ट ने एफआईआर को निरस्त करने का आदेश दिया था.
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