धमतरी: वन विभाग की टीम को बड़ी सफलता हाथ लगी है. टीम ने सीतानदी रिजर्व फारेस्ट एरिया से पांच शिकारियों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए सभी शिकारी रिसगांव के घने जंगल में शिकार कर रहे थे. शिकरियों के निशाने पर दुर्लभ उड़ने वाली गिलहरी और विशाल भारतीय गिलहरी शामिल थी. वन विभाग की एंटी पोचिंग टीम ने सभी को शिकार करते रंगे हाथों दबोचा है. पकड़े गए शिकारी ट्रेंड कुत्तों की मदद से शिकार की घटना को अंजाम देते हैं.
दुर्लभ गिलहरी के शिकारी गिरफ्तार: वन विभाग की टीम ने बताया कि पकड़े गए सभी शिकारी बड़े शातिर हैं. शिकार के लिए ट्रेंड कुत्तों की मदद लेते हैं. ट्रेंड कुत्तों की मदद से ये हिरण, खरगोश और जंगली सूअरों तक का शिकार करने में माहिर हैं. पकड़े गए शिकारियों के कब्जे से जंगली जीवों के अवशेष और सींग भी बरामद हुए हैं. शिकारियों के ठिकाने से कीमती सागौन लकड़ी का जखीरा भी बरामद हुआ है. पकड़े गए शिकारी जंगल को भी नुकसान पहुंचाते रहे हैं.
वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम: वन विभाग की एंटी पोचिंग टीम ने शिकारियों के खिलाफ़ वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धाराओं के तहत कार्रवाई की है. दरअसल 25 नवंबर की शाम को वन विभाग की टीम हाईटेक बैरियर पचपेढ़ी सांकरा से पेट्रोलिंग के लिए निकली. रास्ते में फारेस्ट टीम को दो बाइकों पर जाते पांच लोग नजर आए. टीम ने पीछा कर सभी लोगों को दबोच लिया. पूछताछ के दौरान एक शख्स मौके से फरार होने में कामयाब रहा.
शिकारियों ने कबूला गुनाह: पकड़े गए लोगों की तलाशी ली गई तो उनके पास से गुलेल, बड़ा टॉर्च और शिकार में इस्तेमाल किए जाने वाले सामान बरामद हुए. पकड़े गए लोगों से जब कड़ाई से पूछताछ की गई तो शिकारियों ने बताया कि वो शिकार कि लिए ट्रेंड कुत्तों की भी मदद लेते हैं. पकड़े गए शिकारियों के पास से हिरण के सींग, जंगली सूअर के दांत, शाही पंख बरामद किया गया. पकड़े गए लोगों को न्यायिक रिमांड पर जिला जेल धमतरी भेज दिया गया है.
उड़ने वाली गिलहरी की खासियत: वन विभाग के मुताबिक भारतीय विशाल गिलहरी या मालाबार विशाल गिलहरी (रतुफा इंडिका) एक बड़ी बहुरंगी बुक्ष गिलहरी प्रजाति है. इस प्रजाति की गिलहरी भारत के जंगलों और वुडलैंड्स में पाई जाती है. यह एक दिनचर, वृक्षचर और मुख्य रूप से शाकाहारी गिलहरी है. ये गिलहरी जमीन पर कभी कभार ही उतरती है. भारतीय विशाल गिलहरी घने जंगल के बीच ऊंचे पेड़ों पर अपना आशियाना बनाती है.
20 फीट तक लगा सकती है लंबी छलांग: ये गिलहरी 20 फीट तक छलांग लगा सकती है. खतरा होने पर ये तने से चिपक जाती है जिससे इसकी पहचान करना मुश्किल हो जाता है. भारतीय विशाल गिलहरी वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम की अनुसूची 1 में दर्ज है. इस गिलहरी के शिकार पर कम से कम तीन वर्ष और अधिकतम 7 वर्ष के कारावास और पच्चीस हजार रूपये जुर्माने की सजा का प्रावधान है.