नई दिल्लीः ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर एसोसिएशन ने अपने सदस्यों की समस्याओं को उजागर करने के लिए बुधवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर एक दिवसीय अनशन किया. इस दौरान पूरे देश के स्टेशन मास्टरों ने पेंडिंग डिमांड बैज लगाकर समर्थन किया और अपने हक की आवाज उठाई. विभिन्न राज्यों से आए स्टेशन मास्टरों ने जंतर मंतर पर एकत्र होकर हंगर फास्ट किया, जिससे उनकी मांगों की गुंज सुनाई दे सके. प्रदर्शन में ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन, नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमेंस आदि प्रमुख संगठनों ने भी समर्थन दिया. स्टेशन मास्टरों की समस्याओं पर चर्चा की गई, जिसमें ओल्ड पेंशन स्कीम का मुद्दा खासतौर पर उठाया गया.
समस्याएं और मांगेंः ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव धर्मवीर सिंह अरोड़ा ने बताया कि यह प्रदर्शन लंबित मांगों के समाधान के लिए किया गया है. स्टेशन मास्टर धनंजय ने पुणे से आते हुए बताया कि नाइट ड्यूटी के कारण उन्हें कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि नाइट ड्यूटी का अतिरिक्त भत्ता उन्हें नहीं दिया जाता, जबकि पे कमिशन का लाभ भी सालों से लंबित है.
संगठनों के प्रतिनिधियों ने यह भी बताया कि देश भर के कई स्टेशनों पर 12 घंटे की ड्यूटी की जा रही है, जबकि मानक के अनुसार यह 8 घंटे होनी चाहिए.
समर्थन के स्वरः ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के राष्ट्रीय सहायक सचिव एसके त्यागी ने स्टेशन मास्टरों के समर्थन में अपनी आवाज उठाई और सुनिश्चित किया कि उनकी मांगों को संस्था की ओर से पूरा करने की कोशिश की जाएगी.
नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमेंस के वाइस प्रेसिडेंट बीसी शर्मा ने भी स्टेशन मास्टरों की भूमिकाओं की अहमियत पर जोर दिया, यह कहते हुए कि अगर उनकी आवाज नहीं सुनी गई, तो रेलवे संचालन में दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ सकता है.
भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय मंत्री अशोक कुमार शुक्ला ने भी समर्थन दिया और सरकार से अनुरोध किया कि वह स्टेशन मास्टरों की संवेदनशीलता को समझे और उनकी मांगों का समाधान करे.
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स्टेशन मास्टर कैडर की प्रमुख मांगें: स्टेशन मास्टर्स ने अपनी मांगें स्पष्ट रूप से प्रस्तुत की हैं, जिनमें शामिल हैं
एमएसीपी का प्रभावी क्रियान्वयन: स्टेशन मास्टर्स की मांग है कि आर्थिक उन्नति के लिए निर्धारित एमएसीपी (मैनेजमेंट अपग्रेडेशन कैरियर प्रोमोशन) को 01 जनवरी 2016 से लागू किया जाए, न कि 2018 से.
रात्रि ड्यूटी भत्ता: लेवल 8 और 9 के सभी कर्मचारियों, खासकर स्टेशन मास्टर्स को रात में काम करने पर रात्रि ड्यूटी भत्ता दिया जाए.
कैडर रिस्ट्रक्चरिंग: स्टेशन मास्टर्स ने कैडर रिस्ट्रक्चरिंग और गजेटेड रैंक के बेहतर पैमाने की मांग की है, साथ ही पदनाम परिवर्तन की आवश्यकता भी उठाई है.
सुरक्षा/तनाव भत्ता: स्टेशन मास्टरों को उनकी सुरक्षा और कार्य के तनाव के लिए एक भत्ता प्रदान किया जाना चाहिए.
सुपरवाइजरी स्टेशन मास्टर के पद: सभी स्टेशनों पर सुपरवाइजरी स्टेशन मास्टर (एसएमआर) की पोस्ट की स्थापना की जाए.
पुरानी पेंशन योजना: सभी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए, जो कई कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण है.
अंतर रेलवे स्थानांतरण: अंतर रेलवे स्थानांतरण और अंतर मंडल स्थानांतरण की सुविधा दी जाए.
ड्यूटी रोस्टर में सुधार: भारतीय रेलवे द्वारा निर्धारित 12 घंटे के ड्यूटी रोस्टर को समाप्त किया जाए.
स्टाइपेंड एरियर्स: कुछ जोनों में स्टेशन मास्टर्स को स्टाइपेंड एरियर्स का भुगतान नहीं किया गया है, जिसे तत्काल जारी किया जाना चाहिए.
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