अयोध्या: बांग्लादेश में हिंदूओं पर हो रहे हिंसा और रोहिंग्या मुसलमानों को भारत से निकालने की मांग को लेकर रविवार को अयोध्या में प्रदर्शन किया गया. धर्म सेना के बैनर तले इस प्रदर्शन में बच्चों से लेकर बड़ी संख्या में महिलाओं ने भी हिस्सा लिया. साथ ही इसमें वह कार सेवक भी शामिल थे जिन्होंने श्री रामजन्मभूमि आंदोलन में भाग लिया था. इन्होंने यह ऐलान भी किया कि बांग्लादेशी रोहिंग्या को भारत से निकलने के लिए 1 लाख कारसेवकों का जत्था भी तैयार किया जाएगा. जो खुद ही उनकी पहचान करेगा और भारत से बाहर निकलेगा.
अयोध्या में हिंदू संगठनों के नेताओं कार्यकर्ताओं ने शहर के गुलाब बाड़ी से सिविल लाइन तक पदयात्रा मार्च निकाला, हिंदू संगठनों का जुलूस रीडगंज चौक रिकाबगंज होते हुए चौक पहुंचते ही पुलिस ने इस यात्रा को वहीं पर रोक दिया. लेकिन इस यात्रा में शामिल कई कार्यकर्ता दूसरे रास्ते से सिविल लाइन पहुंच गए और श्यामा प्रसाद मुखर्जी के मूर्ति पर माल्यार्पण किया.
पैदल मार्च पर बोलते हुए शरद पाठक ने कहा कि, एक तरफ तो बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं, बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्या हो रही है, तो वहीं दूसरी ओर भारत में रोहंगिया मुसलमान भारी संख्या में इकट्ठे हो गए हैं, इनको वापस बांग्लादेश भेजा जाए. हिंदू संगठनों के नेताओं का मानना है कि रोहंगिया मुसलमान भारत में अपनी पैठ बनाते जा रहे हैं, जब तक इनको बाहर नहीं किया जाएगा. हिंदू संगठनों का आंदोलन चलता रहेगा.
शरद पाठक ने राहुल गांधी और अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा और कहा कि, बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं पर अत्याचार को लेकर यह लोग आवाज नहीं उठाते और जातीय जनगणना की बात करते हैं.
वहीं बाबरी मस्जिद ढहाने के आरोपी रहे संतोष दुबे ने कहा कि, अगर सरकार हस्तक्षेप नहीं करती है तो एक बार फिर कारसेवकों को रामनगरी अयोध्या बुलाना पड़ेगा और बड़े पैमाने पर रोहिंग्या मुसलमानो को बाहर करने के लिए कारसेवा करनी पड़ेगी.