नई दिल्ली: आजादी के जश्न से पहले ही दिल्ली पुलिस ने चाइनीज मांझे की बिक्री, स्टोरेज और इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी थी और इसके लिए सख्त हिदायत भी दी गई थी बावजूद इसके स्वतंत्रता दिवस पर चाइनीज मांझे से पतंग उड़ाई गई और इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ा. जहां तीन लोग चाइनीज मांझे की चपेट में आने से घायल हो गए. वहीं बेजुबान पक्षियों की जान चली गई.
चांदनी चौक स्थित चैरिटी बर्ड हॉस्पिटल-श्री दिगंबर जैन लाल मंदिर के डॉक्टर हरअवतार सिंह ने बताया कि 15 अगस्त को पूरा दिन मांझे से घायल लगभग 50 पक्षी अस्पताल लाए गए. 16 अगस्त को भी घायल पक्षियों के लाने का सिलसिला जारी रहा. हर बार चाइनीज मांझे पर बैन की बात की जाती है, लेकिन धरातल पर स्थिति कुछ और ही नजर आती है. इस बार भी चाइनीज मांझे से कई पक्षी घायल हुए, कई जगहों पर तो लोगों के भी घायल होने की सूचना है. हालांकि इस बार बैन का कई जगहों पर असर भी देखने को मिला.
- इस बार घायल पक्षियों की संख्या पिछले साल की तुलना में कम है-डॉक्टर्स
- डॉक्टर्स ने बताया कि हर साल जहां अस्पताल में 15 अगस्त के बाद 80-100 मांझे से घायल पक्षी लाए जाते थे
- इस बार यह आंकड़ा 50-60 पक्षियों का है-चिकित्सक
- 15 अगस्त के दिन पूरी दिल्ली में 400-500 पक्षियों के घायल होने का अनुमान है-पक्षियों के डॉक्टर
- जानकारों के मुताबिक पूरी दिल्ली में पक्षियों के घायल होने का आंकड़ा 400-500 हो सकता है.
चाइनीज मांझा इस कदर खतरनाक होता है कि ये इंसानों की जान पर भारी पड़ सकता है. बेजुबान पक्षी तो इस मांझे के सामने बेबस नजर आते हैं. जानकारों की मानें तो ये मांझा इतना खतरनाक होता है कि चील भी इससे नहीं बच पाती हैं. इस मांझे से कबूतर, चिड़िया जैसे पक्षी अक्सर घायल हो जाते हैं. मांझे की चपेट में आकर पक्षियों का गला कट जाता है और उनकी मौत हो जाती है. अगर आपको भी कभी अपने घर के आस-पास कोई घायल पक्षी दिखाई देता है, तो आप भी चांदनी चौक में मौजूद इस अस्पताल में घायल पक्षियों को ला सकते हैं. यहां पहुंचना बेहद आसान है. दिल्ली मेट्रो के लाल किला मेट्रो स्टेशन से ये अस्पताल मात्र 200 मीटर की दूरी पर है.
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