साहिबगंज: जिला बाल संरक्षण इकाई साहिबगंज की टीम 21 मार्च की सुबह 21 बालिका और एक बालक को लेकर साहिबगंज पहुंचेगी. ये बालिकाएं दिल्ली और उसके आसपास के इलाके में मानव तस्करों के चंगुल में फंसी थी. जिन्हें रेस्क्यू कर नई दिल्ली एकीकृत पुनर्वास सह संसाधन केंद्र अंतर्गत विभिन्न बालिका गृहों में आवासित किया गया है. जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी पूनम कुमारी के नेतृत्व में टीम 19 नाबालिग, दो बालिग और एक बालक को लेकर 21 मार्च की सुबह वापस लौटेगी. इन बच्चियों में अधिकांश साहिबगंज के बोरियो, बरहेट और तालझारी थाना क्षेत्र की निवासी हैं.
काम कराने के लिए मानव तस्कर लड़कियों को ले गए थे दिल्ली
जानकारी के अनुसार इन बच्चियों को अलग-अलग समय पर काम करने के लिए मानव तस्कर साहिबगंज से नई दिल्ली ले गए थे. बालिकाओं को रेस्क्यू करने के बाद दिल्ली में अलग-अलग बालिका गृह में रखा गया है. जिसमें निर्मल छाया, प्रयास होम, केजीएमटी होम, किलकारी होम, रेस्क्यू फाउंडेशन फॉर गर्ल्स, आरुषि होम गुड़गांव हैं.
दिल्ली की संस्था ने साहिबगंज सीडब्ल्यूसी को दी थी सूचना
इस संबंध में बाल कल्याण समिति के सदस्य डॉ सुरेन्द्र नाथ तिवारी ने बताया कि एकीकृत पुनर्वास सह संसाधन केंद्र नई दिल्ली के नोडल पदाधिकारी ने पत्राचार के माध्यम से बताया था कि साहिबगंज जिला की 21 लड़कियों को मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त करा कर नई दिल्ली के विभिन्न बालिका गृहों में आवासित किया गया है. इस सूचना के बाद जिला बाल संरक्षण इकाई ने बच्चियों के मूल पते का सत्यापन किया. इसके बाद जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी के नेतृत्व में एक टीम दिल्ली भेजी गई है.
दिल्ली से लौटने के बाद सभी लड़कियों की होगी काउंसलिंग
दिल्ली से लौटने के उपरांत सभी बालिकाओं को बाल कल्याण समिति में प्रस्तुत किया जाएगा. यहां सभी की काउंसलिंग होगी. उनकी पहचान उनके परिवार वालों से कराई जाएगी. प्रक्रिया पूरी करने के बाद बालिकाओं को उनके परिजनों को सौंप दिया जाएगा. काउंसलिंग की रिपोर्ट आने के बाद मानव तस्करों के खिलाफ कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों को लिखा जाएगा.
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