मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : मनेन्द्रगढ़ वन मंडल के कुंवारपुर वन परिक्षेत्र के कुदरा बीट में वन्यप्राणियों के लिए तालाब का निर्माण कराया गया था.लेकिन ये तालाब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया. गुणवत्ताहीन काम के कारण इस तालाब में जानवरों के लिए तो छोड़िए कीड़े मकोड़ों के लिए भी पानी नहीं रुकता.इस तालाब को बनाने के लिए कितना भ्रष्टाचार किया गया होगा,इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता कि तालाब का निर्माण किस मद से किया गया है इसकी जानकारी भी आपको नहीं मिलेगी.
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वनविभाग के अफसरों की मिलीभगत : वन विभाग में निर्माण कार्य का पूरा लेखा जोखा अधिकारियों को ही देखना होता है. चाहे डब्लूबीएम सडक निर्माण, रपटा, पुल पुलिया, स्टाप डेम या कोई भी निर्माण कार्य हो वनविभाग के अधिकारी ही इन कार्यों का ठेकेदार से लेकर इंजीनियर तक सर्वे सर्वा होते हैं. इसलिए इन्हें किसी बात का कोई डर नहीं होता है. क्योंकि वन विभाग के अधिकारियों को यह बात अच्छे से पता है कि हमारे किए गए कार्यों का सत्यापन हम ही कर सकते हैं.
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ग्रामीणों का आरोप घटिया हुआ है काम : वनों के आसपास बसे ग्रामीणों का आरोप है कि वनविभाग जो भी काम करवाता है उसमें गुणवत्ता नहीं होती.ताजा उदाहरण स्टाप डैम का है जो हल्की बारिश में ही फूट गया.यदि गुणवत्ता होती तो गर्मियों में डैम में पानी होता जिसका इस्तेमाल मवेशी करते.वहीं ग्रामीण गणेश तिवारी का कहना है कि वन्यजीवों के लिए रेंजर के द्वारा जलाशय का निर्माण करवाया गया. जो पहली बरसात में बह गया.
अफसर काम पर डाल रहे हैं पर्दा : इस संबंध में जब हमने वन विभाग के उप मंडल अधिकारी से बात की तो उनका कहना है कि जिस कदर से बताया जा रहा है कि जिस तालाब का निर्माण कराया गया था वह अभी पहली बारिश में ही पूरी तरह से बह गया है. अगर ऐसा कुछ है तो उस सुधारा जाएगा. दोबारा से निर्माण कर दिया जाएगा.
क्या जिम्मेदारों को बचा रहे हैं अफसर ?: अफसर का कहना है कि यदि तालाब टूटा है तो उसकी दोबारा मरम्मत कर दी जाएगी.लेकिन एक बार भी ये नहीं कहा गया कि जिसने निर्माण कार्य में लापरवाही बरती है उस पर क्या कार्रवाई होगी.कहीं ऐसा तो नहीं कि इस खेल में अफसर भी शामिल हो.इसलिए कार्रवाई नहीं हो रही.
गड़बड़ी सामने आने पर भी प्रावधान : वनविभाग के अंदर होने वाले कार्यों की यदि बात की जाए तो किसी तरह की गड़बड़ी सामने आने पर उस काम को दोबारा कराने या फिर मरम्मत का प्रवाधन होता है.यही प्रावधान अफसरों से लेकर ठेकेदारों को बचाते आ रहा है. मनेंद्रगढ़ वनमंडल के वन परिक्षेत्र कुंवारपुर में इसी तरह के कामों की भरमार देखने को मिल सकती है.