शिमला: हिमाचल में राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग करने वाले नौ विधायकों से जुड़े मामले में शिमला पुलिस एक्टिव है. सूत्रों के मुताबिक अदालत से सर्च वारंट लेकर शिमला पुलिस इस समय गुरुग्राम में जांच के लिए पहुंची है. वहां एक विमानन कंपनी के रिकॉर्ड को खंगालने की तैयारी है. यहां बता दें कि फरवरी में राज्यसभा चुनाव की वोटिंग के दौरान कांग्रेस के प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी के खिलाफ कांग्रेस के छह और तीन निर्दलीय विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी. उन सभी को वोटिंग के बाद हिमाचल से बाहर ले जाया गया था.
सभी नौ विधायकों को इस दौरान एक विमान कंपनी के विमान से यात्रा करवाई गई. बाद में विधायक उत्तराखंड के देहरादून भी एक रिसॉर्ट में रुके थे. देहरादून व ऋषिकेश में विधायकों के प्रवास का इंतजाम करने वाली टूर एंड ट्रेवल कंपनी के कर्मचारियों से भी पूछताछ की जा रही है. बताया जा रहा है कि इस मामले में टूर एंड ट्रैवल कंपनी के कर्ता-धर्ताओं को 20 लाख रुपए चुकाए गए हैं. ये रकम कहां से आई और इसका भुगतान कैसे किया गया, ये भी शिमला पुलिस की जांच के दायरे में है. शिमला का थाना बालूगंज इस मामले की जांच कर रहा है.
अदालत की मदद से आगे बढ़ी शिमला पुलिस
क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों को गुरुग्राम की जिस विमानन कंपनी ने हवाई सेवाएं दी थीं, उस कंपनी का प्रबंधन रिकॉर्ड देने में ना-नुकर कर रहे थे. शिमला पुलिस ने कई बार कंपनी से आग्रह किया कि फरवरी की उस अवधि का रिकॉर्ड जांच के लिए दिया जाए. शिमला पुलिस द्वारा कई बार कहने के बाद भी कंपनी ने रिकॉर्ड मुहैया नहीं करवाया तो पुलिस ने सक्षम अदालत से सर्च वारंट हासिल किया. वारंट हासिल करने के बाद शिमला पुलिस की टीम सोमवार को गुरुग्राम में कंपनी के ऑफिस पहुंची. यहां कंपनी का रिकॉर्ड खंगालने की तैयारी है. सूत्रों का कहना है कि इस मामले में शिमला पुलिस जल्द से जल्द जांच पूरी कर अदालत में चालान पेश करेगी. जांच का नेतृत्व शिमला पुलिस के डीएसपी रैंक के अफसर कर रहे हैं.
क्या है मामला?
राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था. बाद में कांग्रेस के नेताओं संजय अवस्थी व भुवनेश्वर गौड़ ने शिमला के बालूगंज थाना में मामला दर्ज करवाया. कांग्रेस नेताओं का आरोप था कि सरकार को गिराने के लिए भारी-भरकम रकम का प्रयोग हुआ है. मामले में हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के करीबी तरुण भंडारी का नाम भी शामिल है. विधायक आशीष शर्मा व पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा के पिता पर भी आरोप हैं कि वे इस षडयंत्र में शामिल रहे हैं. फिलहाल, अब इस मामले को लेकर शिमला से गुरुग्राम तक हलचल मची हुई है.