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होमस्टे के नियमों में होंगे बड़े बदलाव! कैबिनेट बैठक में होगा फैसला - Himachal Homestay Issue

Illegal Homestays in Himachal: हिमाचल में बिना रजिस्ट्रेशन के खोले गए होमस्टे पर गाज गिरेगी. नियमों की अवहेलना करने वाले और अवैध रूप से चलाए गए होमस्टे पर सरकार द्वारा कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

Himachal Cabinet Sub Committee Meeting
हिमाचल कैबिनेट सब कमेटी की बैठक (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 23, 2024, 10:13 AM IST

शिमला: हिमाचल में होमस्टे नियम-2024 के नियमों के बदलाव का मामला अब 25 जुलाई को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में जाएगा. जिसमें मंत्रिमंडलीय उप-समिति की होमस्टे नियम-2024 के नियमों में बदलाव को लेकर दिए गए सुझावों को मंजूरी मिल सकती है. शिमला में सचिवालय में आयोजित मंत्रिमंडलीय उप-समिति की बैठक में होमस्टे नियमों में बदलाव को लेकर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन सिंह की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई. इस दौरान प्रदेश में धारा 118 के नियमों की अवहेलना करके अवैध रूप से चल रहे होमस्टे पर कार्रवाई करने को लेकर चर्चा हुई.

होमस्टे का रजिस्ट्रेशन जरूरी

हिमाचल में बिना पंजीकरण के होमस्टे चलाने वालों पर भी गाज गिर सकती है. वहीं, पंजीकरण के दौरान जारी किए जाने वाले लाइसेंस की अवधि भी पांच साल से घटाकर दो साल की जा सकती है. इसी तरह से होमस्टे के रजिस्ट्रेशन और नवीनीकरण शुल्क में बढ़ोतरी पर विचार किया जा रहा है. इस बैठक में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह व नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी, पर्यटन विकास निगम के चेयरमैन रघुवीर सिंह बाली ने भी अपने सुझाव रखे. इस बैठक में पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग की निदेशक मानसी सहाय ठाकुर उपस्थित रहीं. बता दें कि सरकार के ध्यान में धारा-118 की अवहेलना कर खोले गए होमस्टे को लेकर शिकायतें मिली हैं.

युवाओं को रोजगार देने को शुरू की गई थी योजना

हिमाचल प्रदेश में बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में विकल्प के तौर पर होमस्टे खोलने की योजना शुरू की गई थी. ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए साल 2008 में होमस्टे, बेड एंड ब्रेकफास्ट इकाइयां खोले जाने की योजना लागू की गई थी. इसके बाद कुल्लू, लाहौल-स्पीति व शिमला में बड़ी संख्या में होमस्टे खुले हैं. प्रदेश भर में कुल 4289 होम स्टे हैं, जिसमें कुल 17,222 कमरे हैं. इनकी बेड कैपेसिटी 26,727 है.

कुल्लू में हैं सबसे ज्यादा होमस्टे

वर्तमान में सबसे अधिक होमस्टे कुल्लू में हैं. यहां 1040 होमस्टे चल रहे हैं. इसके बाद दूसरे नंबर पर शिमला में 805 होमस्टे हैं. इसी तरह से लाहौल-स्पीति में 718 होमस्टे हैं. प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा में होमस्टे की संख्या 431 है. सोलन में कुल 328 होमस्टे स्थापित हो चुके हैं. चंबा में 322, मंडी में 241, किन्नौर में 202, सिरमौर में 123, बिलासपुर में 44, ऊना में 18 और हमीरपुर में होमस्टे की संख्या 17 है. हिमाचल के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर बाहरी राज्यों के बहुत से लोगों ने सरकार से धारा-118 के तहत रिहायशी मकानों की अनुमति लेकर होमस्टे खोल दिए हैं.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में बाहरी राज्य के लोगों ने रिहायशी मकान के लिए ली थी धारा-118 की मंजूरी और खोल दिए होम स्टे, अब कार्रवाई के मूड में सरकार

ये भी पढ़ें: हिमाचल में धारा 118 की मंजूरी लेकर खोले गए होम स्टे पर सरकार का कड़ा रुख, जानें क्या है पूरा मामला?

शिमला: हिमाचल में होमस्टे नियम-2024 के नियमों के बदलाव का मामला अब 25 जुलाई को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में जाएगा. जिसमें मंत्रिमंडलीय उप-समिति की होमस्टे नियम-2024 के नियमों में बदलाव को लेकर दिए गए सुझावों को मंजूरी मिल सकती है. शिमला में सचिवालय में आयोजित मंत्रिमंडलीय उप-समिति की बैठक में होमस्टे नियमों में बदलाव को लेकर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन सिंह की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई. इस दौरान प्रदेश में धारा 118 के नियमों की अवहेलना करके अवैध रूप से चल रहे होमस्टे पर कार्रवाई करने को लेकर चर्चा हुई.

होमस्टे का रजिस्ट्रेशन जरूरी

हिमाचल में बिना पंजीकरण के होमस्टे चलाने वालों पर भी गाज गिर सकती है. वहीं, पंजीकरण के दौरान जारी किए जाने वाले लाइसेंस की अवधि भी पांच साल से घटाकर दो साल की जा सकती है. इसी तरह से होमस्टे के रजिस्ट्रेशन और नवीनीकरण शुल्क में बढ़ोतरी पर विचार किया जा रहा है. इस बैठक में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह व नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी, पर्यटन विकास निगम के चेयरमैन रघुवीर सिंह बाली ने भी अपने सुझाव रखे. इस बैठक में पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग की निदेशक मानसी सहाय ठाकुर उपस्थित रहीं. बता दें कि सरकार के ध्यान में धारा-118 की अवहेलना कर खोले गए होमस्टे को लेकर शिकायतें मिली हैं.

युवाओं को रोजगार देने को शुरू की गई थी योजना

हिमाचल प्रदेश में बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में विकल्प के तौर पर होमस्टे खोलने की योजना शुरू की गई थी. ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए साल 2008 में होमस्टे, बेड एंड ब्रेकफास्ट इकाइयां खोले जाने की योजना लागू की गई थी. इसके बाद कुल्लू, लाहौल-स्पीति व शिमला में बड़ी संख्या में होमस्टे खुले हैं. प्रदेश भर में कुल 4289 होम स्टे हैं, जिसमें कुल 17,222 कमरे हैं. इनकी बेड कैपेसिटी 26,727 है.

कुल्लू में हैं सबसे ज्यादा होमस्टे

वर्तमान में सबसे अधिक होमस्टे कुल्लू में हैं. यहां 1040 होमस्टे चल रहे हैं. इसके बाद दूसरे नंबर पर शिमला में 805 होमस्टे हैं. इसी तरह से लाहौल-स्पीति में 718 होमस्टे हैं. प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा में होमस्टे की संख्या 431 है. सोलन में कुल 328 होमस्टे स्थापित हो चुके हैं. चंबा में 322, मंडी में 241, किन्नौर में 202, सिरमौर में 123, बिलासपुर में 44, ऊना में 18 और हमीरपुर में होमस्टे की संख्या 17 है. हिमाचल के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर बाहरी राज्यों के बहुत से लोगों ने सरकार से धारा-118 के तहत रिहायशी मकानों की अनुमति लेकर होमस्टे खोल दिए हैं.

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