प्रयागराज: योगी सरकार (Yogi Government) ने प्रदेश के युवाओं को रोजगार मुहैया कराने के लिए बड़े पैमाने पर तैयारी शुरू कर दी है. इसी कड़ी में 16 नवंबर 2022 से आई नई पर्यटन नीति के तहत प्रदेश के 45 हजार युवाओं को रोजगार मुहैया कराने के लिए प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया है. इसका जरिया बन रहा है महाकुंभ 2025. आखिर क्या है योगी सरकार का प्लान जानिए.
महाकुंभ बना जरिया: कहा जा रहा है कि योगी सरकार की ओर से रोजगार मुहैया कराने के लिए महाकुंभ बड़ा जरिया बन रहा है. प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह का कहना है कि कुंभ के लिए नाविकों, टूर गाइड, स्ट्रीट वेंडर्स और जैसे सेवा प्रदाताओं को कौशल विकास और मैनेजमेंट की ट्रेनिंग दी जा रही है.
चार रोजगार जिन पर योगी सरकार का फोकस
1. नाविक: नाविकों को योगी सरकार की ओर से प्रशिक्षण दिया जा रहा है. कोशिश है कि उन्हें रिवर गाइड के रूप में डेवलप किया जाए. प्रयागराज के पर्यटन विभाग का दावा है कि 2000 नाविकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसके लिए मान्यवर कांशीराम पर्यटन प्रबंधन संस्थान और एक अन्य संस्था के साथ एक एमओयू साइन किया गया है. 300 नाविकों की ट्रेनिंग भी पूरी हो चुकी है.
2. टूर गाइड: 1000 टूर गाइड को ट्रेनिंग देने की तैयारी है. पर्यटन विभाग की मानें तो टूर गाइड के 7 बैच की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है. इसमें 420 टूर गाइड प्रशिक्षित सेवाएं देने के लिए तैयार है.
3. स्ट्रीट वेंडर्स: प्रयागराज में 600 स्ट्रीट वेंडर्स को ट्रेनिंग देने का लक्ष्य तय किया गया है. इसके तहत 250 स्ट्रीट वेंडर्स की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है. स्ट्रीट वेंडर्स एक ऐसा वर्ग है जिसकी संख्या अधिक है. शायद यही वजह है कि योगी सरकार इनके प्रशिक्षण पर जोर दे रही है.
4. टैक्सी ड्राइवर: इसी तरह योगी सरकार की ओर से प्रयागराज में 600 टैक्सी ड्राइवर को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इनमें से 120 टैक्सी ड्राइवर का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है.
ये रोजगार कितने टिकाऊ होंगे: सरकार की मंशा ये हैं कि प्रयागराज जैसी ट्रेनिंग हर धर्म स्थल पर दी जाए ताकि वहां के युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार मिल सके. इसी के तहत नई पर्यटन नीति 2022 लाई गई है. इस नीति के तहत प्रदेश के 10 लाख युवाओं को रोजगार मुहैया कराना है. ट्रेनिंग के जरिए उन्हें स्थायी पेश या फिर कारोबार के रूप में तैयार किया जाएगा. धर्म स्थलों पर टूरिस्टों का आगमन ज्यादा बढ़ रहा है. ऐसे में यहां के युवाओं के लिए ये बड़ा जरिया बन सकेगी. बड़े धर्म स्थलों पर यह रोजगार टिकाऊ माना जा रहा है.