नई दिल्ली: दिल्ली में आग की घटनाओं में कई बार रोबोट का इस्तेमाल किया गया है. बड़ी-बड़ी आग की घटनाओं में रोबोट के जरिए आग पर काबू पाने में दिल्ली फायर सर्विस को मदद मिली है. यह देश का पहला राज्य है जहां पर छोटे और बड़े दोनों तरह के रोबोट उपलब्ध हैं. जबकि छोटे रोबोट वाला राज्य एक मात्र दिल्ली है. यहां इस समय छोटे रोबोट की संख्या छ: है. जबकि बड़े की संख्या दो है.
रोबोट से आग कैसे बुझाया जाता है?, इसका कैसे इस्तेमाल किया जाता है?, इसको जानने, समझने के लिए कर्नाटक से फायर ब्रिगेड के आलाधिकारियों की टीम राजधानी दिल्ली पहुंची. जो अधिकारी बेंगलुरु से दिल्ली आए हैं उनमें कर्नाटक होमगार्ड के डिप्टी कमांडेंट डायरेक्टर आईपीएस अक्षय, कर्नाटक स्टेट इमरजेंसी सर्विस के डिप्टी डायरेक्टर यासिर अली कौसर हैं.
यहां सेंट्रल दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित हेड क्वार्टर में उन्होंने दिल्ली फायर सर्विस के हेड डायरेक्टर अतुल गर्ग, चीफ फायर ऑफिसर वीरेंद्र सिंह, डिप्टी चीफ फायर ऑफिसर डॉ. संजय तोमर, असिस्टेंट डिविजनल ऑफीसर हेड क्वार्टर सोमवीर सहित कई फायर ऑफिसरों के साथ मीटिंग की. उसके बाद उन्होंने दिल्ली फायर हेड क्वार्टर के कैंपस में रोबोट के द्वारा कैसे आग पर काबू पाया जाता है, इसका डेमोंसट्रेशन देखा.
बता दें कि रोबोट का इस्तेमाल उन जगहों पर किया जाता है, जहां पर फायरकर्मी को जान का खतरा होता है. 2022 में दिल्ली फायर सर्विस ने बड़ा रोबोट खरीदा था. उसके अगले साल 2023 में फिर छोटा रोबोट भी खरीदा. अभी दिल्ली फायर सर्विस के पास कुल आठ रोबोट हैं. छोटा रोबोट संकरे रास्ते, झुग्गी बस्तियों, बेसमेंट में आसानी से पहुंच सकता है, इसलिए उसकी डिमांड ज्यादा रहती है.
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फायर अधिकारी के मुताबिक, इस रोबोट में हाई क्वालिटी का कैमरा भी लगा होता है. जिससे कि अंदर आग वाली जगह पर क्या स्थिति है, उसको पूरा देखा जाता है. फिर इसमें लगे हुए पाइप लाइन का इस्तेमाल होता है. जिससे की रोबोट को अंदर भेजकर पानी की बौछार करके आग पर काबू पाया जा सके. कैमरे से यह भी बेनिफिट होता है कि अंदर कोई केजुअल्टी है या नहीं?, अंदर की सिचुएशन क्या है? इसको बाहर तैनात फायर की टीम देख सकती है.