रायपुर : छत्तीसगढ़ के किसान उन्नत तरीके से रजनीगंधा फूल की खेती कैसे करें. जिससे अधिक उत्पादन लेने के साथ ही लाभ अर्जित किया जा सके. रजनीगंधा फूल की ऐसी कौन-कौन सी किस्म है, जिसे लगाकर प्रदेश के किसान अच्छा उत्पादन ले सकते हैं. इसके साथ ही रजनीगंधा फूल की खेती करते समय किसानों को किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है, किस तरह की सावधानी किसानों को बरतनी चाहिए.आज हम आपको अपने इस आर्टिकल के जरिए इसकी जानकारी देने जा रहे हैं.
फूलों की खेती करने की पद्धति : रजनीगंधा की खेती करने के लिए छत्तीसगढ़ का मौसम उपयुक्त है. अभी दूसरे राज्यों से रजनीगंधा जैसे फूल आयात किए जाते हैं. रजनीगंधा की खेती अगर प्रदेश की किसान करते हैं तो ताजा फूल के रूप में इस्तेमाल होने के साथ ही कुछ प्रोडक्ट्स में भी इसका उपयोग किया जाता है.
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के फूल विशेषज्ञ डॉ मुकेश साहू ने बताया कि प्रदेश सरकार किसानों को खेती के अलग-अलग तरीके और पद्धति की जानकारी दे रहे हैं.ऐसे में छत्तीसगढ़ के किसान रजनीगंधा फूल की खेती करके अधिक आमदनी अर्जित कर सकते हैं. रजनीगंधा फूल ताजा फूल के रूप में इस्तेमाल होने के साथ ही इसके कई प्रोडक्ट भी बाजार में बिक्री किए जा सकते हैं. इससे प्रदेश के किसानों को अधिक लाभ अर्जित होगा.
रजनीगंधा की खेती प्रदेश के किसान करते हैं तो इसको फूल के रूप में बेचने के साथ ही गुलदस्ता बनाकर भी बेचा जा सकता है. इसके साथ ही रजनीगंधा के फूल से एसेंशियल ऑयल बना कर भी बेचा जा सकता है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में अधिक मांग है. रजनीगंधा की खेती के लिए फरवरी के महीने को उपयुक्त माना गया है. इसके साथ ही इसकी खेती गर्मी के दिनों में भी की जा सकती है. रजनीगंधा फूल की किस्म में स्वर्ण रेखा, रजत वैभव, प्रज्वल जैसी किस्में प्रमुख है. यह सभी किस्म छत्तीसगढ़ के लिए उपयुक्त मानी गई है- डॉ मुकेश साहू, फूल विशेषज्ञ, IGKVV
कैसे करें रजनीगंधा की खेती : इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के फूल विशेषज्ञ डॉ मुकेश साहू ने बताया कि छत्तीसगढ़ के किसान रजनीगंधा की खेती आधुनिक तरीके से मल्चिंग और ड्रिप का इस्तेमाल करके अच्छा उत्पादन लेने के साथ ही अच्छा लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं. रजनीगंधा की खेती करते समय बल्ब के द्वारा प्लाटिंग की जाती है. अगर इसी को बेड बनाकर किया जाता है पौधे से पौधे की दूरी 30 सेमी और कतार से कतार की दूरी 25 से 30 सेंटीमीटर की दूरी रखनी चाहिए. इसके बाद बेड में इसे शोइंग करना चाहिए.
ड्रिप की मदद से करें कल्टीवेशन : इसमें ड्रिप की मदद से कल्टीवेशन करते हैं तो किसान अच्छा मुनाफा ले सकते हैं. पौधे लगाने की शुरुआत से लेकर आखिरी तक पौधे का चयन सही तरीके से करना चाहिए. ऐसे में कीट उपचार भी जरूरी हो जाता है. इसके साथ ही प्रदेश के किसानों को इस बात की भी सावधानी जरूरी है कि समय-समय पर खाद और पानी दिया जाना चाहिए.