पलामू: पीटीआर यानी पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में कितने प्रकार के वन्य जीव है इसका सर्वे किया जा रहा है. जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की एक टीम पलामू टाइगर रिजर्व की इलाके में कैंप कर रही है और वन्य जीवों के प्रकार के बारे में जानकारी इकट्ठा कर रही है. पलामू टाइगर रिजर्व करीब 1129 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ. यह इलाका बाघ, तेंदुआ, हाथी, हिरण, बायसन समेत कई तरह के वन्य जीवों के लिए चर्चित रहा है. विभाग के द्वारा पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में सर्वे करवाया जा रहा है और पता लगाया जा रहा है कि पलामू टाइगर रिजर्व की इलाके में कितने प्रकार के वन्य जीव जंतु हैं.
पलामू टाइगर रिजर्व इलाके में बंद है पर्यटन गतिविधि
पलामू टाइगर रिजर्व इलाके में जुलाई से लेकर सितंबर तक पर्यटन गतिविधि पर पूरी तरह से रोक लगाई गई. यह तीन महीना वन्य जीवों के लिए प्रजनन काल माना जाता है. इस दौरान पर्यटन गतिविधि पर रोक लगाई जाती है. पर्यटन गतिविधि पर रोक लगाई जाने के बाद जूलॉजिकल सर्वे की टीम पीटीआर के इलाके में दाखिल हुई है और वन्यजीवों के प्रकार के बारे में पता लग रही है.
जूलॉजिकल सर्वे कोलकाता की एक टीम पीटीआर में कैंप कर रही है. सर्वे के माध्यम से यह पता लगाया जा रहा है कि पलामू टाइगर रिजर्व में कितने प्रकार के वन्य जीव जंतु हैं. सर्वे के बाद यह जानकारी निकल कर सामने आएगी कि पीटीआर में कितने प्रकार के जीव हैं. अगले कुछ महीनों में इससे संबंधित रिपोर्ट प्रकाशित होने की संभावना है. - प्रजेशकांत जेना, उपनिदेशक, पीटीआर
पीटीआर के इलाके में फिलहाल कितने प्रकार के वन्य जीव
पलामू टाइगर रिजर्व की सीमा छत्तीसगढ़ से सटी हुई है. पलामू टाइगर रिजर्व की इलाके में बाघ, तेंदुआ, हाथी, भालू, बायसन, भेड़िया, जंगली कुत्ते, हिरण, चीतल, बंदर, लंगूर समेत कई प्रकार के वन्य जीव मौजूद हैं. जबकि 140 से भी अधिक प्रकार की पक्षी भी मौजूद हैं.
ये भी पढ़ें:
दर्दनाक तरीके से होता था बाघ और तेंदुआ का शिकार, राजस्थान से जुड़ा है तार - Tiger Hunting