रांची: झारखंड चुनाव के लिए बीजेपी ने अपनी ताकत झोंकनी शुरू कर दी है. हालांकि अभी भी एनडीए में वह कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी इस पर मामला साफ नहीं हो पाया है. इस रिपोर्ट में जानिए बीजेपी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. इसके अलावा एनडीए में शामिल अन्य दलों को कितनी सीटें मिल सकती हैं.
झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए में शामिल दलों ने अपनी-अपनी डिमांड रखनी शुरू कर दी है. नीतीश कुमार की पार्टी भी झारखंड में एनडीए के साथ चुनाव लड़ना चाहती है. हालांकि अभी तक साफ नहीं हो पाया है कि वह कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. इसके अलावा चिराग पासवान की पार्टी एलजेपीआर और जीतन राम मांझी की पार्टी हम भी झारखंड विधानसभा चुनाव में अपने कैंडिडेट देने के मूड में हैं. वहीं, आजसू भी 12 से ज्यादा सीटों की दावेदारी कर रहा है.
जेडीयू को चाहिए 10 से 12 सीट
बिहार में नीतीश कुमार के साथ बीजेपी सरकार चला रही है. इसके अलावा केंद्र में भी अब नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू काफी महत्वपूर्ण हो गई है. जेडीयू अब झारखंड में अपनी पैठ मजबूत करने में जुटा हुआ है. यही वजह है कि नीतीश कुमार ने झारखंड प्रदेश खीरू महतो को राज्यसभा भेजा है. इसके अलावा झारखंड की राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी सरयू राय भी अब जेडीयू में हैं. ऐसे में नीतीश ज्यादा मजबूती के साथ सीटों की डिमांड कर रहे हैं. झारखंड में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू 10 से 12 सीटों की मांग कर रही है.
एलजेपीआर भी कर रही 18 सीटों की डिमांड
झारखंड के 81 विधानसभा सीटों पर 9 सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. यही नहीं झारखंड में करीब 14 फीसदी दलितों की आबादी भी है. ऐसे में झारखंड विधानसभा चुनाव में एलजेपीआर और जीतनराम मांझी की पार्टी भी अपना भविष्य देख रहे हैं. लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष पहले ही कह चुके हैं कि पार्टी की प्रदेश इकाई 18 सीटों पर एनडीए फोल्डर में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. इसके लिए चिराग पासवान के पास प्रस्ताव भेजा गया है. यही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि अगर किसी वजह से एनडीए के साथ चुनाव नहीं लड़ सके तो अकेले भी विधानसभा चुनाव में अपने कैंडिडेट खड़े कर सकते हैं. वहीं जीतन राम मांझी की पार्टी हम भी झारखंड विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर चुकी है.
बीजेपी की क्या है रणनीति
बीजेपी ने जो रणनीति तैयार की है जिसमें कहा जा रहा है कि 81 सीटों वाली झारखंड विधानसभा में बीजेपी 65 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इसके अलावा वह अपने गठबंधन के साथियों के लिए 16 सीटें छोड़ सकती हैं. आजसू ने 12 सीटों की मांग की है और बीजेपी के बाद गठबंधन में वह सबसे बड़ी पार्टी हो सकती है. इसके अलावा जेडीयू को तीन या चार सीटें मिल सकती हैं. लेकिन एजेपीआर और जीतनराम मांझी को कितनी सीटें मिलेंगे यह कह पाना मुश्किल है.
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