अलीगढ़: आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष और नगीना से सांसद चंद्रशेखर सोमवार को अलीगढ़ के घास की मंडी पहुंचे. जहां उन्होंने मॉब लिंचिंग में मारे गए औरंगजेब के परिजनों से मुलाकात की. इस दौरान चंद्रशेखर ने कहा कि, अलीगढ़ में मॉब लिंचिंग के तहत औरंगजेब की हत्या हुई. उसका वीडियो भी सामने आया. उसको न्याय देने के बजाय पीड़ित पक्ष के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया. इसके साथ ही चंद्रशेखन ने हाथरस हादसे को लेकर भी सरकार, पुलिस और स्थानीय प्रशासन पर जमकर हमला बोला.
हाथरस कांड को लेकर चंद्रशेखर ने कहा कि, यह पुलिस और प्रशासन का फेल्यर था. इतनी भारी भीड़ इकट्ठी हो रही है तो LIU क्या कर रही थी. उनके पास इसकी जानकारी क्यों नहीं थी. अगर जानकारी थी, तो उचित व्यवस्था क्यों नहीं की गई. मुझे लग रहा है कि प्रशासन, पुलिस यह जानती है कि, वहां वंचित वर्ग की महिलाएं और गरीब लोग ज्यादा जाते हैं. वह मर भी जाएगें तो क्या फर्क पड़ेगा. अगर उनकी जान की कीमत समझते तो हादसा नहीं होता. अगर कोई वीआईपी जाता तो कई हजार पुलिस फोर्स लगाकर व्यवस्था कर दी जाती. लेकिन कार्यक्रम में कोई वीआईपी नहीं थी.
उन्होंने सवाल उठाया कि, बाबा को कौन लोग बचा रहे हैं. हम तो नहीं बचा रहे हैं. बाबा को बाबा ही बचा रहे हैं. उन्होंने कहा की गिरफ्तारी की मांग कैसे कर लूं. जब एफआईआर में नाम ही नहीं है, तो सरकार कैसे गिरफ्तार कर ले. उन्होंने कहा कि, हाथरस के पीड़ित परिवार से मिलूंगा. मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से मांग करूंगा. कम से कम इनको 25 - 25 लाख रुपए का मुआवजा मिलना चाहिए.
अगर ऐसा नहीं करते तो माना जाएगा कि धर्म की जो बात करते हैं यह अपने राजनीति के हिसाब से करते हैं. उन्होंने कहा कि धार्मिक आयोजन में अगर मौत हुई तो प्रदेश सरकार को जिम्मेदारी लेनी चाहिए. अभी कांवड़ का कार्यक्रम होगा और धार्मिक आयोजन बड़े स्तर पर सरकार कराएगी. धार्मिक आयोजन का सरकार की व्यवस्था से बहुत मेल खाता है, इसलिए सरकार से कहूंगा कि गरीब, दलित, पिछड़े वर्ग की महिला समझकर इनके साथ खिलवाड़ न करें और कम से कम 25 - 25 लाख रुपये का मुआवजा परिवार को दिया जाए.
'बाबा नहीं बाबा साहेब के बताए रास्ते पर चलें'
हाथरस: सिकंदराराऊ सत्संग भगदड़ हादसे के पीड़ितों का हालचाल जानने सोमवार को आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष और सांसद चंद्रशेखर आजाद हाथरस पहुंचे. उन्होंने हादसे के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. उन्होंने भोले बाबा से कहा कि, यदि वह मरने वालों के हितैषी हैं तो अपनी ओर से एक एक करोड़ रुपये का मुआवजा दें. अगर मदद नहीं करते हैं तो जनता को समझना चाहिए कि, ऐसे अंधविश्वासी पाखंडी लोगों से जनता दूर रहे. हम तो बाबाओं की नहीं बाबा साहेब अंबेडकर को मानने वाले हैं.