उदयपुर: जिले के सुखेर थाना क्षेत्र में नौकरानी और बदमाशों ने मिलकर घर में लूटपाट की थी. पुलिस ने घटना के आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने नेपाली गिरोह के मुख्य आरोपी को पकड़ा है. हालांकि वारदात करने वाली नौकरानी नेपाल फरार हो गई. इस गिरोह का मुख्य आरोपी मेरठ में 7 करोड़ की लूट में वांछित है और 5 लाख रुपए का इनामी है. इस नेपाली गिरोह ने देश भर में कई घरों में नौकर-नौकरानी लगवा रखे हैं. वहां पर भी लूट करने की योजना बनाई जा चुकी थी, लेकिन पुलिस ने संबंधित पुलिस को सूचित कर वारदातों को रोक दिया.
उदयपुर एसपी ने खोला पूरा मामला: एसपी योगेश गोयल ने बताया कि पुलिस टीम ने वारदात वाले घर के आस-पास के ऐसे घरों में पूछताछ की जहां नेपाल के लोग चौकीदारी और घरेलू काम करते हैं. जिस प्लेसमेन्ट एजेन्सी ने आरोपी करिश्मा को नौकरी पर लगाया था, उसी के द्वारा नौकरी पर लगाए गए अन्य नेपाली व्यक्तियों से पूछताछ की गई. पुलिस ने करिश्मा के पास मौजूद मोबाइल के बारे में जानकारी ली, तो पता चला कि यह मोबाइल नम्बर मुम्बई का है. जिस पर एक टीम एसआई धनपत सिंह के नेतृत्व में मुम्बई रवाना की गई. पुलिस टीम ने सीसीटीवी फुटेज चैक किए और उदयपुर से बाहर जाने वाले सभी रास्तों में गोमती चौराहा, पिण्डवाडा और के विभिन्न होटलों व टोल नाकों के 200 से अधिक सीसीटीवी कैमरा चैक किए.
सीसीटीवी कैमरे चैक करके पुलिस ने जिस वाहन में आरोपी भागे थे. उन्हें चैक किया गया. जांच में सामने आया कि आरोपी घटना के बाद पैदल निकलने तथा सेलिब्रेशन मॉल के सामने से एक कार में बैठे थे. जिस कार में भागे थे उसके बारे में पता किया, तो सामने आया कि यह कार उत्तरप्रदेश निवासी पंकज मिश्रा के नाम पर है. इसी दौरान मुम्बई गई टीम को पता चला कि करिश्मा जो फोन काम में लेती थी, वह मुम्बई से चोरी हुआ है. इसके बाद एसआई धनपत सिंह के नेतृत्व में टीम को प्रयागराज भेजा.
पुलिस ने बड़े चालाकी से पकड़ा: इस दौरान पता चला कि नेपाली नौकरानी करिश्मा दिल्ली में है. इस पर एक टीम एसआई कर्मवीर सिंह के नेतृत्व में दिल्ली भेजी गई. जांच के दौरान ही पता चला कि मुख्य षडयंत्रकर्ता वर्तमान में गुरुग्राम में है तथा अन्य घटना करने की फिराक में है. इस सूचना पर थानाधिकारी हिमांशु सिंह के नेतृत्व में एक अन्य टीम गुरूग्राम पहुंची. टीम ने आरोपी की तलाश के लिए दबिश दी, लेकिन आरोपी काफी शातिर था और उसके बारे में जानकारी नहीं मिली.
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पुलिस टीम ने गुरूग्राम सेक्टर 31 पर ईफको चौक पर घेराबंदी कर मुख्य साजिशकर्ता वीर बहादुर उर्फ बल बहादुर धामी पुत्र नर बहादुर धामी निवासी नेपाल को पकड़ा. उसकी निशानदेही से अन्य आरोपी हिरासिंह पुत्र लाल बहादुर कामी को दुर्गा टॉकीज के पास पकड़ा. पूछताछ में मालूम चला कि दोनों ने ही वारदात करने का प्लान बनाया था. नेपाल से जिस महिला को बुलाया उसका असली नाम करिश्मा ना होकर लक्ष्मी था.
वीर बहादर तथा हीरा सिंह से पूछताछ में सामने आया कि दोनों ने प्लान कर प्लेसमेन्ट एजेन्सी संचालक संजोक नाम के व्यक्ति से मिलकर लक्ष्मी उर्फ करिश्मा को संजीव गांधी के यहां पर काम पर लगाया. उसके बाद नेपाल से अपने साथी दिनेश, मिथुन, कांचा उर्फ सुरेन्द्र, सन्नी, शिवा, राहुल को बुलाया और घटना करने के लिए भेजा. इन आरोपियों को भेजने से पहले अपने परिचित अफजल को कार लेकर बुलाया तथा डकैती की घटना के बाद 6 आरोपियों को बनवासा बॉर्डर पर छोड़ दिया. जहां से वे नेपाल चले गए. नेपाल बॉर्डर के आसपास इन बदमाशों के होने की संभावना पर एक टीम को एसआई धनपत सिंह के नेतृत्व में नेपाल बॉर्डर पर रवाना किया गया.