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अस्पताल पर 23 साल पहले बच्चा बदलने का आरोप, मौत के बाद अब महिला आयोग करवाएगा डीएनए टेस्ट

Hospital Accused Of Change Child सरगुजा में एक परिवार ने अस्पताल पर बच्चा बदले जाने का आरोप लगाया.बच्चे को अपना बताकर जब परिवार महिला आयोग पहुंचा,तो सुनवाई शुरू हुई. परिवार चाहता है कि बच्चा किसका है ये पता चले.लेकिन कुछ साल पहले ही बच्चे की संदेहास्पद मौत हो गई.इसके बाद भी परिवार ने आयोग से न्याय की उम्मीद नहीं छोड़ी.लिहाजा आयोग ने अब डीएनए टेस्ट कराने की बात कही है. Women Commission conduct DNA test

Hospital Accused Of Change Child
अस्पताल पर 23 साल पहले बच्चा बदलने का आरोप
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 29, 2024, 10:29 PM IST

Updated : Mar 1, 2024, 12:56 PM IST

अस्पताल पर 23 साल पहले बच्चा बदलने का आरोप

सरगुजा : छत्तीसगढ़ में महिला आयोग ने एक अजीबो गरीब मामले में संज्ञान लिया है. आयोग से एक परिवार ने अपने बच्चे की कस्टडी के लिए गुहार लगाई थी.बच्चे का जन्म 23 साल पहले हुआ था. कुछ साल पहले बच्चे की संदेहास्पद मौत भी हो चुकी है. लेकिन परिवार जानना चाहता है कि बच्चा किसका था.परिवार बच्चे के मरने से पहले इस बात की संतुष्टि चाहते थे कि जो बच्चा किसी और के पास पल रहा है,वो उनका है या नहीं.

महिला आयोग करवाएगा DNA टेस्ट : बच्चा बदलने के आरोप मामले में महिला आयोग से दंपती ने शिकायत की.जिसमें दंपती 23 साल से अपने बच्चे की तलाश कर रहे थे.इस मामले का दुखद पहलू ये है कि जिस बच्चे को वो अपना बता रहे थे,जवान होने के बाद उसकी कुछ माह पहले ही मौत हुई है. लेकिन दंपती मृत युवक के अवशेषों की जांच करवाकर ये साबित करना चाहता है कि बच्चा उनका ही था. इस मार्मिक शिकायत को सुनकर महिला आयोग का दिल भी पसीज गया. आयोग ने अपने नियम के परे जाकर इस मामले में सुनवाई की.महिला आयोग ने इस मामले में कलेक्टर और एसपी को मृत बच्चे के अवशेष का डीएनए टेस्ट कराने के लिए कहा है.



अस्पताल पर बच्चा बदलने का आरोप : ये पूरा मामला जशपुर जिले के दुलदुला इलाके का है. यहां के चमरू राम का आरोप है कि साल 2000 में उनकी पत्नी को प्रसव के लिए जशपुर के हॉलीक्रास अस्पताल में दाखिल कराया गया था. तब पड़ोस के गांव के ही एक और महिला को भी प्रसव के लिए दाखिल कराया गया था. प्रसव के बाद दंपती को बताया गया कि इन्हें बेटा पैदा हुआ है.लेकिन बाद में दंपती को एक मृत लड़की दे दी गई.तभी से दंपती को शक था कि परिवार ने उनके बच्चे को बदल दिया है.


दंपती ने बच्चे पर रखी नजर : इस घटना के बाद दंपती ने दूसरे गांव में पैदा हुए बच्चे पर नजर रखनी शुरु की. जब बच्चा बड़ा हुआ तो उसकी शक्ल चमरू राम से मिल रही थी.जिसे लेकर चमरु राम ने कलेक्टर,एसपी से डीएनए टेस्ट कराने की गुहार लगाई.लेकिन किसी ने चमरु की बात नहीं सुनी.पीड़ित दंपती ने महिला आयोग में केस लगाया. केस की सुनवाई करने के दौरान डीएनए टेस्ट की प्रक्रिया शुरू हुई, तो 21 साल की उम्र में युवक की मौत हो गई.दंपती ने युवक की मौत पर भी सवाल उठाए.साथ ही अब मृत युवक के अवशेष का डीएनए टेस्ट कराना चाहते हैं.

डीएनए टेस्ट कराने के दिए निर्देश : इस मामले की सुनवाई कर रही आयोग का कहना है कि ये अपने तरह का बेहद अलग मामला है. जहां एक बुजुर्ग दंपती सालों से अपने बच्चे की तलाश कर रहा है. जशपुर कलेक्टर और एसपी से मृत युवक के अवशेषों का डीएनए टेस्ट कराने के लिए कहा है. मामले की फाइल आयोग की सदस्य को दिखाने को कहा गया है. ताकि नियमानुसार डीएनए टेस्ट कराया जा सके.यदि ये साबित हुआ कि मृत बच्चा आवेदक दंपती का है तो संबंधित अस्पताल और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.

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अस्पताल पर 23 साल पहले बच्चा बदलने का आरोप

सरगुजा : छत्तीसगढ़ में महिला आयोग ने एक अजीबो गरीब मामले में संज्ञान लिया है. आयोग से एक परिवार ने अपने बच्चे की कस्टडी के लिए गुहार लगाई थी.बच्चे का जन्म 23 साल पहले हुआ था. कुछ साल पहले बच्चे की संदेहास्पद मौत भी हो चुकी है. लेकिन परिवार जानना चाहता है कि बच्चा किसका था.परिवार बच्चे के मरने से पहले इस बात की संतुष्टि चाहते थे कि जो बच्चा किसी और के पास पल रहा है,वो उनका है या नहीं.

महिला आयोग करवाएगा DNA टेस्ट : बच्चा बदलने के आरोप मामले में महिला आयोग से दंपती ने शिकायत की.जिसमें दंपती 23 साल से अपने बच्चे की तलाश कर रहे थे.इस मामले का दुखद पहलू ये है कि जिस बच्चे को वो अपना बता रहे थे,जवान होने के बाद उसकी कुछ माह पहले ही मौत हुई है. लेकिन दंपती मृत युवक के अवशेषों की जांच करवाकर ये साबित करना चाहता है कि बच्चा उनका ही था. इस मार्मिक शिकायत को सुनकर महिला आयोग का दिल भी पसीज गया. आयोग ने अपने नियम के परे जाकर इस मामले में सुनवाई की.महिला आयोग ने इस मामले में कलेक्टर और एसपी को मृत बच्चे के अवशेष का डीएनए टेस्ट कराने के लिए कहा है.



अस्पताल पर बच्चा बदलने का आरोप : ये पूरा मामला जशपुर जिले के दुलदुला इलाके का है. यहां के चमरू राम का आरोप है कि साल 2000 में उनकी पत्नी को प्रसव के लिए जशपुर के हॉलीक्रास अस्पताल में दाखिल कराया गया था. तब पड़ोस के गांव के ही एक और महिला को भी प्रसव के लिए दाखिल कराया गया था. प्रसव के बाद दंपती को बताया गया कि इन्हें बेटा पैदा हुआ है.लेकिन बाद में दंपती को एक मृत लड़की दे दी गई.तभी से दंपती को शक था कि परिवार ने उनके बच्चे को बदल दिया है.


दंपती ने बच्चे पर रखी नजर : इस घटना के बाद दंपती ने दूसरे गांव में पैदा हुए बच्चे पर नजर रखनी शुरु की. जब बच्चा बड़ा हुआ तो उसकी शक्ल चमरू राम से मिल रही थी.जिसे लेकर चमरु राम ने कलेक्टर,एसपी से डीएनए टेस्ट कराने की गुहार लगाई.लेकिन किसी ने चमरु की बात नहीं सुनी.पीड़ित दंपती ने महिला आयोग में केस लगाया. केस की सुनवाई करने के दौरान डीएनए टेस्ट की प्रक्रिया शुरू हुई, तो 21 साल की उम्र में युवक की मौत हो गई.दंपती ने युवक की मौत पर भी सवाल उठाए.साथ ही अब मृत युवक के अवशेष का डीएनए टेस्ट कराना चाहते हैं.

डीएनए टेस्ट कराने के दिए निर्देश : इस मामले की सुनवाई कर रही आयोग का कहना है कि ये अपने तरह का बेहद अलग मामला है. जहां एक बुजुर्ग दंपती सालों से अपने बच्चे की तलाश कर रहा है. जशपुर कलेक्टर और एसपी से मृत युवक के अवशेषों का डीएनए टेस्ट कराने के लिए कहा है. मामले की फाइल आयोग की सदस्य को दिखाने को कहा गया है. ताकि नियमानुसार डीएनए टेस्ट कराया जा सके.यदि ये साबित हुआ कि मृत बच्चा आवेदक दंपती का है तो संबंधित अस्पताल और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.

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Last Updated : Mar 1, 2024, 12:56 PM IST
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