प्रयागराज: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ग्रामीण इलाकों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयोग कर रही है.उसी कड़ी में संगम नगरी प्रयागराज के श्रंगवेरपुर में रूरल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण इलाके में होम स्टे की शुरुआत की गयी है.जहां पर घूमने और दर्शन पूजन करने आने वाले श्रद्धालू और पर्यटक गांव के माहौल में रुकने का बेहतरीन अनुभव प्राप्त कर रहे हैं. यही नहीं गांव में होटल जैसी रुकने और शुद्ध वातावरण में रहने के साथ स्वादिष्ट भोजन का आनंद लेने वाले श्रद्धालू भी इस सुविधा से खुश हैं.
प्रथम चरण में इनमें से धार्मिक पौराणिक महत्व वाले 83 गांवों को चयनित किया गया है. जिसमें संगम नगरी प्रयागराज का श्रृंगवेरपुर धाम है. श्रृंगवेरपुर इलाके में श्रृंगी ऋषि का आश्रम,निषाद राज पार्क के साथ ही अन्य पौराणिक प्राचीन मंदिर भी बने हुए हैं. इसके साथ ही यहां पर पर्यटन विभाग की तरफ से नौकाविहार की व्यवस्था की गयी है.यही नहीं, इस गांव में होम स्टे की सुविधा शुरू हो गयी हैं. जहां आकर लोग स्वच्छ शुद्ध पर्यवारण में रह कर बेहतर अनुभव हासिल कर सकें.
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विशेष सचिव पर्यटन ईशा प्रिया ने यह भी बताया, कि टूरिज्म विभाग की तरफ से एग्रो और टूरिज्म को बढ़ावा देने का काम किया जा रहा है. जिससे, कि वहां पर जाने वाले लोग खुद से ग्रामीण माहौल का अनुभव ले सके. जो बच्चे गांव में बने स्टे होम में जाएंगे वहां पेड़ों से फल तोड़कर उसे खाने का आनंद लें. साथ ही खेत खलिहान किसान कैसे काम करते हैं, बच्चे यह भी देख सकेंगे.
ग्रामीणों और पर्यटकों ने की सराहना: प्रयागराज शहर से दूर श्रृंगवेरपुर इलाके में होम स्टे की सुविधा शुरू करने को लेकर ग्रामीणों में उत्साह है.अपने घरों में होम स्टे सेवा की शुरुआत करने वाले ग्रामीणों का कहना है, कि इस शुरुआत से गांव में रहने वालों की आर्थिक मदद होगी इसके साथ ही उन्हें अतिथियों का स्वागत करने का मौका मिलेगा. श्रृंगवेरपुर गांव में रहने वाले अरुण द्विवेदी और अमित बताते हैं, कि उन्हें पर्यटन विभाग की तरफ से एक हफ्ते की ट्रेनिंग दी गयी है. उस दौरान उन्हें बताया गया है, कि होम स्टे के लिए उन्हें क्या और किस प्रकार की सुविधाएं लोगों को देनी है.
श्रृंगवेरपुर में भ्रमण करने आये श्रद्धालू ऋषि श्रीवास्तव ने बताया, कि वो दर्शन करने आये थे लेकिन होम स्टे की जानकारी मिली तो वो वहां एक रात के लिए रुके और गांव में रहने खाने का आनंद लिया.उन्होंने कहाकि इस तरह की व्यवस्था को और विकसित किया जाए जिससे शहरों के भीड़ भाड़ वाले स्थान की जगह ग्रामीण माहौल में रहने खाने का बेहतरिन अनुभव मिला है.
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